Move to Jagran APP

सोशल मीडिया प्‍लेटफार्म दे रहे अंतरराष्‍ट्रीय मंच, युवा बन रहे हुनर के जादूगर

अपने हुनर और डिजिटल प्लेटफॉर्म की उपयोगिता को अच्छी तरह से पहचान लिया है आज के बच्चों-किशोरों-युवाओं ने।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Sat, 10 Nov 2018 03:26 PM (IST)Updated: Sat, 10 Nov 2018 03:32 PM (IST)
सोशल मीडिया प्‍लेटफार्म दे रहे अंतरराष्‍ट्रीय मंच, युवा बन रहे हुनर के जादूगर

[यशा माथुर]। दोस्तो, मूलत: बिहार के मधुबनी की रहने वाली 18 साल की मैथिली ठाकुर अपने राज्य के लोकगीत बहुत तन्मयता से गाती हैं, जबकि उनका छोटा भाई ऋषभ ठाकुर तबला बजाता है और उससे छोटा अयाची ठाकुर गायकी में मैथिली का बराबरी से साथ देता है। तीनों बहुत उत्साह और ऊर्जा से गीत गाते हैं, सेल्फी वीडियो बनाते हैं और सोशल मीडिया पर डाल देते हैं। वे खूब एंजॉय करते दिखते हैं अपने संगीत को। यू-ट्यूब पर कुछ ही महीनों में उनके साढ़े चार लाख से अधिक सबस्क्राइबर्स हो गए हैं। बिहार की यह बेटी सोशल मीडिया पर आज के समय में सिंगिंग सेंसेशन बनकर उभरी है। आज उनके पास लाइव और टीवी शोज की भरमार है।

loksabha election banner

स्टार बना रहा सोशल मीडिया

दोस्तो, अगर आपके पास कोई हुनर है, तो सोशल मीडिया पर उसे बयां करने का पूरा अवसर है। यू-ट्यूब, फेसबुक और इंस्टाग्राम जैसे प्‍लेटफार्म पर अपने वीडियो बनाकर डालिए और अपने सबस्क्राइबर्स व फॉलोअर्स बढ़ाइए। आपके काम में कुछ नया होगा या आपके हुनर में एक अलग आकर्षण होगा, तो आपके वीडियो वायरल भी हो सकते हैं। अगर ऐसा नहीं भी होता है,तो भी आप अपने काम में निरंतरता बनाते हुए और सीखते हुए आगे बढ़ते जाइए। एक दिन ऐसा जरूर आएगा, जब लोग आपको जान रहे होंगे, बुला रहे होंगे और आप भी कहला रहे होंगे यू-ट्यूब स्टार। यही होगा सोशल मीडिया का सही उपयोग। आपके जैसे कई युवा इन दिनों यू-ट्यूब पर खूब धमाल मचा रहे हैं। इतनी कम उम्र में स्टार बनकर मैथिली भी काफी खुश हैं। कहती हैं,‘मुझे बहुत अच्छा लगता है। हर राज्य में हमें लोग पहचान रहे हैं। हम कोयम्बटूर, तमिलनाडु गए। वहां भी लोग हमें बहुत अच्छी तरह से जानने लगे हैं।’

असल जिंदगी की रोचक कहानी

‘मुंबईकर निखिल’ है निखिल शर्मा का चैनल, जिस पर वे अपनी रियल लाइफ को शेयर करते हैं। वे जहां जाते हैं, जो भी अनोखा करते हैं, उससे अपने दर्शकों को अवगत कराते हैं। उनका मानना है कि आजकल लोगों को असल जिंदगी की कहानी में दिलचस्पी होती है और मेरी जिंदगी का अनोखापन देखना उन्हें अच्छा लगता है। आज निखिल के 17 लाख से अधिक सबस्क्राइबर्स हैं। वे कहते हैं,‘मैं बहुत ही ड्रामेटिकली अपनी लाइफ शेयर करता हूं। मेरा छोटा-सा बिजनेस था और मुझे वीडियो बनाने का शौक बहुत पहले से था। एक दिन यू-ट्यूब देख रहा था, तो मुझे लगा कि यह काम भी हो सकता है। लेकिन अपनी लाइफ को बताना इतना आसान नहीं था। समाज का दबाव और आलोचना सहनी पड़ी। रियल लाइफ की बातें शेयर करने में शुरुआत में काफी हिचकिचाहट होती थी। डर लगता था कि लोग जज करेंगे। लेकिन मेरे लिए अब यही कंटेंट है।’

दिल का काम, दिलाएगा नाम

सोशल मीडिया आज आपके लिए बांहें पसारे खड़ा है। अब चुनाव आपका है कि आप किस तरह से उसका उपयोग करते हैं। लेकिन आपको काम वही करना चाहिए, जो दिल से आपको पसंद हो, जिसे आप एंजॉय करें। अगर आपका काम आपको बोझ न लगे और आनंद दे, तो आप उसमें आगे बढ़ते ही जाएंगे और फिर एक दिन मिलेगा सफलता का जोरदार स्वाद। सेजल कुमार जब कॉलेज में थीं, तभी उन्होंने अपना चैनल ‘सेजल कुमार’ शुरू किया था।

डीयू से इकोनॉमिक्स पढ़ने वाली सेजल अपने चैनल पर फैशन, लाइफस्टाइल, म्यूजिक, ट्रैवल, एक्टिंग सब कुछ करती हैं। पहले उन्होंने इसे शौक के तौर पर शुरू किया था, लेकिन अब इसे करियर की तरह ले रही हैं। कहती हैं सेजल, ‘मुझे कैमरे के सामने आना, एक्टिंग करना, म्यूजिक और फैशन के बारे में बातें करना बहुत पसंद है। मैंने बहुत लोगों को देखा है कि वे मशहूर होने या पैसे कमाने के लिए यू-ट्यूब से जुड़ते हैं, लेकिन मैं सोचती हूं कि वह काम करना चाहिए जो आपको पसंद है। हां, बाद में आप उसे बिजनेस में बदलने की सोच सकते हैं। अगर काम आपको अच्छा लगता है तो सब कुछ अपने आप ही होता जाएगा।

बड़े काम के टिप्स

  • अपने हुनर को पहचानें।
  • छोटे वीडियो बनाएं और अपलोड कर दें।
  • काम में नयापन बूस्ट देगा।
  • सोशल मीडिया का कंस्ट्रक्टिव उपयोग करें।
  • फेसबुक और इंस्टाग्राम पर अपने हुनर के फोटोज व वीडियोज शेयर करें।
  • स्मार्टफोन का बेस्ट टूल के रूप में प्रयोग करें।

दोस्तों संग क्रिएटिव चैनल

करन, ऋषभ और तरुण एक ही स्कूल में पढ़ते थे। इन्हें लगता था कि कुछ अपना क्रिएटिव काम करें। लेकिन क्या करें, यह समझ में नहीं आता। जब वे नौवीं क्लास में आए, तो करन के मन में विचार आया कि क्यों न अपना यू-ट्यूब चैनल बनाएं। करन ने कुछ चैनल्स देखे, तो अच्छे लगे और उन्होंने इसे ही ट्राई करने की सोच कर दोस्तों से शेयर किया और कैमरा लेकर निकल पड़े। उनकी उम्र के बच्चे पार्टी करते, घूमते लेकिन इन तीनों को जो भी समय मिलता, वीडियो शूट करते। कंटेंट तैयार करते। पढ़ाई के साथ-साथ यू-ट्यूब चैनल का मजा आ रहा था इन्हें। शुरू में दोस्त मजाक उड़ाते, लेकिन इससे उन्हें पता लगता कि दोस्त क्या देखना चाहते हैं। दो-ढाई साल लग गए एक लाख सबस्क्राइबर्स लाने में, पर अब उनका चैनल ‘टीन ट्रोल्स’ काफी पॉपुलर है। कहते हैं करन,‘अब हमारे लॉयल सबस्क्राइबर्स बेस बन गए हैं। हम क्वालिटी लोगों पर टारगेट करते हैं। इनकम भी होने लगी है। बड़े ब्रांड्स के साथ काम करने लगे हैं।’

यू-ट्यूब भी करता है मदद

यू-ट्यूब भी हुनर के इन यूजर्स को पहचान कर उन्हें आगे बढ़ाने में सहयोग करता है। इस प्लेटफॉर्म पर आए नए युवाओं को वे आपस में मिलाते हैं। इंटरैक्ट करने का मौका देते हैं और खुद भी नेक्स्ट अप और पॉपअप जैसे कार्यक्रम आयोजित कर बड़े सेट्स लगाकर युवाओं को और आगे आने का मौका देते हैं। इतना ही नहीं, उभरते यू-ट्यूबर्स की आर्थिक मदद भी करता है यू-ट्यूब। सेजल बताती हैं,‘दो साल पहले यू-ट्यूब नेक्स्टअप का इवेंट मुंबई में हुआ था, जिसमें मैं भी गई थी। इसमें मैंने बड़े सेट्स में शूट करना सीखा। जैसे-जैसे हम चैनल आगे बढ़ाते हैं, तो हमें लगता है कि हमारे वीडियोज और बेहतर बनें। हम इनडिविजुअल क्रिएटर हैं, तो हमारे लिए बड़े सेट लगाना आसान नहीं होता। कभी फंड्स की कमी रहती है, कभी परमिशन नहीं मिलती है। अगर हमें सेट्स का ऐसा मौका मिलता है तो अच्छा है। निखिल भी कहते हैं, ‘आज डिजिटल प्लेटफॉर्म बहुत मजबूत हो गया है। यू-ट्यूब पैसा देता है, लेकिन उससे ज्यादा एक्सपोजर देता है। प्रिया प्रकाश वॉरियर को कितने लोगों ने देखा, सुना। मुझसे कई ब्रांड मॉडलिंग करवाते हैं। मुझे एक्सपोजर मिल रहा है और इन अवसरों को भुनाना आता है मुझे।’

घर बैठे देखें नेहरू मेमोरियल

दोस्तो, राजधानी दिल्ली स्थित नेहरू मेमोरियल म्यूजियम ऐंड लाइब्रेरी के बारे में आपने जरूर सुना होगा। देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू (चाचा नेहरू) से जुड़ी चीजों को यहां पर संजोकर रखा गया है। हो सकता है कि आपमें से कुछ लोगों ने इस जगह की सैर की हो और कुछ ने नहीं भी की हो, पर आप चाहें, तो घर बैठे भी इस म्यूजियम और लाइब्रेरी को एक्सप्लोर कर सकते हैं। इसके लिए आपको वर्चुअल टूर की मदद लेनी होगी और गूगल आर्ट ऐंड कल्चर की वेबसाइट पर विजिट करना होगा। जब आप इस लिंक पर क्लिक करेंगे, तो पेज ओपन होने के बाद नीचे की तरफ एक्सप्लोर का बटन दिखाई देगा। इस पर क्लिक करने के बाद म्यूजियम के चप्पे-चप्पे को घर बैठे ही निहार सकते हैं।

इसमें ऐरो के जरिए म्यूजियम की हर गैलरी में रखी हुई चीजों को आप देख सकते हैं। अच्छी बात यह है कि चीजों को जूम करने का विकल्प भी मिलता है। इससे यहां रखी हुई वस्तुओं को बेहतर तरीके से निहार पाएंगे। भले ही आप घर पर हों, लेकिन आपको ऐसा महसूस होगा कि जैसे आप खुद वहां पर उपस्थित हों। जिन लोगों ने अभी तक इस जगह की सैर नहीं की है, उनके लिए वर्चुअल टूर बेहतर माध्यम हो सकता है। इसके अलावा, यहां पर जवाहरलाल नेहरू से जुड़ी तस्वीरें और रोचक कहानियां भी मिलेंगी।

अमित निधि

नॉलेज विंडो

संयुक्त राष्ट्र द्वारा 1954 में पहली बार चिल्ड्रेंस डे मनाने की परंपरा शुरू हुई थी। तब यह अक्टूबर महीने में मनाया जाता था।

भारत के वी. के. कृष्ण मेनन ने यूनिवर्सल चिल्ड्रेंस डे मनाने का सुझाव दिया था, जिसे संयुक्त राष्ट्र की आमसभा ने स्वीकार कर लिया था। हालांकि तब इसे 20 नवंबर को मनाया जाना तय हुआ, क्योंकि इस दिन यूएन ने डिक्लेरेशन ऑफ द राइट्स ऑफ द चाइल्ड को एडॉप्ट किया था।

बच्चों के प्रिय चाचा नेहरू (14 नवंबर, 1889-27 मई, 1964) की याद में 1964 से उनके जन्म दिवस 14 नवंबर को देश में बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है।

लोकगीतों ने बना दिया यू-ट्यूब स्टार

एक दिन मैं और मेरे दोनों भाई ऐसे ही अपने-अपने इंस्ट्रूमेंट्स प्ले कर रहे थे कि पापा ने वीडियो बना लिया और कहा कि इसे यू-ट्यूब पर अपलोड कर दो। हमने अपना चैनल तो बना ही रखा था। वीडियो पोस्ट करने पर अच्छी प्रतिक्रियाएं आने लगी। हमने फेसबुक लाइव करना शुरू किया। इससे बहुत तेजी से सबस्क्राइबर्स बढ़े। फिर हम रोज दो वीडियो बनाकर डालने लगे। मैंने संगीत पापा से ही सीखा। हारमोनियम बजा लेती हूं और इंडियन क्लासिकल ही सीख रही हूं। अभी तक हमने बिहार के पारंपरिक लोकगीत और भजन ही फेसबुक और यू-ट्यूब पर डाले हैं। आगे भी मैं अपने और लोगों के मूड के हिसाब से अलग-अलग छोटे-छोटे पीसेज डालती रहूंगी। हम तीनों भाई-बहन की टीम बन गई है। मुझसे छोटा भाई ऋ षभ ठाकुर तबला बजाता है और उससे छोटा अयाची गाता है। हम तीनों ने ऐसे ही शुरुआत की और लोग हमें बहुत अच्छी तरह से जानने लगे। मैं अभी भी संगीत सीख रही हूं और सीखती रहूंगी। साथ ही, यू-ट्यूब पर अपने वीडियो डालती रहूंगी।

उभरती गायिका और यू-ट्यूब सेंसेशन

मेरी जिंदगी से कनेक्ट होते हैं किशोर-युवा मैं भी एक समय डिप्रेशन, फाइनेंशियल क्राइसिस आदि से गुजरा हूं। मेरी पूरी जिंदगी यू-ट्यूब पर है। कभी मेरे पास बाइक लेने तक के पैसे नहीं थे। आज मैं पूरी दुनिया घूम रहा हूं। इससे युवा दर्शकों को प्रेरणा मिलती है। आज सोशल मीडिया सबसे ज्यादा डिप्रेशन का कारण है। युवा इसकी वास्तविकता और झूठ को नहीं समझ पा रहे हैं। मैं फोटो शूट भी करता हूं तो सबको बताता हूं कि असल में कितनी मुश्किलें हैं। मेरे वीडियोज में सब अच्छा-अच्छा ही नहीं होता, बल्कि मुश्किलें भी होती हैं।

मुंबईकर निखिल

पैशन और पेशेंस से काम करें

दोस्तो, मैं तो कहूंगा कि आप अभी ही यू-ट्यूब चैनल स्टार्ट कर दें। ज्यादा इक्विपमेंट्स की भी परवाह न करें। हां, यू-ट्यूब पर पैसे कमाने का चस्का लेकर न जाएं। लोगों के दिल तक पहुंचेंगे, पैशन व पेशेंस से काम करेंगे, तो पैसे अपने आप आएंगे। इसलिए सेल्फ सैटिस्फैक्शन के लिए काम करें।

द टीन ट्रोल्स

खुद पर भरोसा

काफी युवा क्रिएटिव फील्ड में आ रहे हैं। कुछ साल पहले उन्हें खुद पर संशय होता था कि हम कर पाएंगे या नहीं। हम इस बैकग्राउंड से नहीं हैं, तो सपोर्ट कौन करेगा? लेकिन अब बदलाव आ रहा है। हालांकि अभी भी कुछ युवा खुद पर भरोसा नहीं करते हैं। लेकिन अगर वे कोशिश और मेहनत करें, तो सब चीज संभव है, भले ही आप किसी भी बैकग्राउंड से क्यों न हो।

यू-ट्यूब स्टार 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.