गूगल मैप के रियल टाइम डाटा से चलेंगे हैदराबाद के सभी ट्रैफिक सिग्नल
हैदराबाद ट्रैफिक पुलिस ने जाम की समस्या से निपटने का हाईटेक और शानदार हल निकाला है। अब शहर के सभी ट्रैफिक सिग्नल गूगल मैप के रियल टाइम डाटा से चलेंगे।
By Vineet SharanEdited By: Published: Tue, 27 Aug 2019 05:39 PM (IST)Updated: Wed, 28 Aug 2019 12:22 PM (IST)
नई दिल्ली, जेएनएन। हैदराबाद ट्रैफिक पुलिस ने जाम की समस्या से निपटने का हाईटेक और शानदार हल निकाला है। अब शहर के सभी ट्रैफिक सिग्नल गूगल मैप के रियल टाइम डाटा से चलेंगे। हैदराबाद के गाचीबोवली इलाके के दो ट्रैफिक सिग्नल पर इस तकनीक का ट्रायल किया गया। दो महीने तक ट्रायल चला और बेहद सफल रहा। पाया गया कि इन ट्रैफिक सिग्नल से गुजरने में वाहन चालकों काे कम समय लगा। इसके बाद इस सिस्टम को पूरी साइबरसिटी में लागू करने का फैसला लिया गया।
यूं काम करेगा नया सिस्टम
गूगल मैप के डाटा से तय किया जाएगा कि महत्वपूर्ण जंक्शन पर सिग्नल की टाइमिंग क्या होगी। उदाहरण के रूप में, अगर लिंग्मपल्ली से आईआईआईटी जंक्शन की ओर कम ट्रैफिक आ रहा है तो ट्रैफिक सिग्नल वहां सिंग्नल के इंतजार का वक्त बढ़ा देगा।
30 प्रतिशत कम समय लगेगा सिग्नल पर
ट्रायल के परिणामों के आधार पर ट्रैफिक पुलिस को उम्मीद है कि इस तकनीक से सिग्नल पर इंतजार करने का वक्त 30 फीसदी तक कम हो जाएगा। वहीं सिग्नल पर लगने वाली गाड़ियों की कतार 50 फीसदी तक छोटी हो जाएगी।
गूगल डाटा से बनेंगी बेहतर सड़कें
यातायात के गूगल डाटा का इस्तेमाल रोड इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट भी करेगा। ताकि सड़कों का विकास किया जा सके। हालांकि गूगल डाटा तकनीक को अपनाने की घोषणा कर दी गई है, लेकिन अधिकारियों ने इस प्रोजेक्ट की फंडिंग को लेकर कोई खुलासा नहीं किया है। इस प्रोजेक्ट को लागू करने में कितने पैसे लगेंगे, इसकी जानकारी नहीं दी गई है। हैदराबाद के अलावा देश में सिर्फ बेंगलुरु ऐसा शहर है, जहां गूगल मैप से ट्रैफिक सिग्नल का प्रबंधन किया जा रहा है। हैदराबाद ट्रैफिक पुलिस और गूगल के अलावा सोसाइटी फॉर साइबराबाद सिक्योरिटी काउंसिल (एससीएससी) इस प्रोजेक्ट को लागू करने के लिए काम करेगी।
यूं काम करेगा नया सिस्टम
गूगल मैप के डाटा से तय किया जाएगा कि महत्वपूर्ण जंक्शन पर सिग्नल की टाइमिंग क्या होगी। उदाहरण के रूप में, अगर लिंग्मपल्ली से आईआईआईटी जंक्शन की ओर कम ट्रैफिक आ रहा है तो ट्रैफिक सिग्नल वहां सिंग्नल के इंतजार का वक्त बढ़ा देगा।
30 प्रतिशत कम समय लगेगा सिग्नल पर
ट्रायल के परिणामों के आधार पर ट्रैफिक पुलिस को उम्मीद है कि इस तकनीक से सिग्नल पर इंतजार करने का वक्त 30 फीसदी तक कम हो जाएगा। वहीं सिग्नल पर लगने वाली गाड़ियों की कतार 50 फीसदी तक छोटी हो जाएगी।
गूगल डाटा से बनेंगी बेहतर सड़कें
यातायात के गूगल डाटा का इस्तेमाल रोड इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट भी करेगा। ताकि सड़कों का विकास किया जा सके। हालांकि गूगल डाटा तकनीक को अपनाने की घोषणा कर दी गई है, लेकिन अधिकारियों ने इस प्रोजेक्ट की फंडिंग को लेकर कोई खुलासा नहीं किया है। इस प्रोजेक्ट को लागू करने में कितने पैसे लगेंगे, इसकी जानकारी नहीं दी गई है। हैदराबाद के अलावा देश में सिर्फ बेंगलुरु ऐसा शहर है, जहां गूगल मैप से ट्रैफिक सिग्नल का प्रबंधन किया जा रहा है। हैदराबाद ट्रैफिक पुलिस और गूगल के अलावा सोसाइटी फॉर साइबराबाद सिक्योरिटी काउंसिल (एससीएससी) इस प्रोजेक्ट को लागू करने के लिए काम करेगी।
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