युवाओं की नयी पसंद बना फूलों का यह बिजनेस, करियर में बिखेरेगा खुशबू
30-40% की दर से बढ़ रही है भारतीय फ्लोरीकल्चर इंडस्ट्री। वेडिंग प्लानिंग और इवेंट मैनेजमेंट कंपनियों में फ्लोरल डिजाइनर्स को पे-रोल पर रखा जाने लगा है।
नई दिल्ली,जेएनएन। अब तक शादियों में स्थानीय फूल वाले ही मंडप से लेकर बाकी सजावट करते रहे हैं, लेकिन अब यह काम तेजी से फ्लोरल डिजाइनर संभाल रहे हैं। लोग बाकायदा इन्हें हायर करने लगे
हैं, क्योंकि फ्लोरल डिजाइनर्स जिस क्रिएटिविटी और खूबसूरती से नेचुरल और आर्टिफिशियल फ्लॉवर्स को अरेंज करते हैं, वह हर किसी को लुभा लेता है। अगर आपमें भी यह हुनर है, तो इस फील्ड में अच्छे मौके हैं...
फ्लोरल डिजाइनर चेल्सिया फस को बचपन से ही फूलों का बहुत शौक था। अक्सर वह वीकेंड्स पर अपने फ्लॉवर गार्डन में बुके बनाते हुए गुजारा करती थीं। साथ ही, फ्लोरल डिजाइन से संबंधित किताबें पढ़ा करती थीं। उन्हें मालूम था कि आगे चलकर यही उनका पेशा बनेगा। हुआ भी वही। 23 वर्ष की उम्र में उन्होंने फूलों की अपनी दुकान शुरू कर दी थी। आज ऐसे अनेक हुनरमंद युवा हैं, जो किसी बंधी-बंधाई नौकरी या पेशे से जुड़ने की बजाय वह काम कर रहे हैं जिनका उन्हें शौक है। इसके लिए वह पूरी तैयारी, रिसर्च और मेहनत करते हैं।
बेसिक स्किल्स: अगर आप क्रिएटिव हैं। फूल-पौधों की अच्छी जानकारी रखते हैं। उन्हें नए आकार और कट्स के साथ इनोवेटिव व क्रिएटिव तरीके से डिजाइन और अरेंज कर सकते हैं, तो फ्लोरल डिजाइनिंग एक बेहतर करियर विकल्प हो सकता है। वैसे, इसमें कामयाब होने के लिए कड़ी मेहनत, धैर्य, अनुभव के साथ एक्सपोजर भी बेहद जरूरी है। क्योंकि किसी भी अन्य पेशे की तरह यहां भी उतार-चढ़ाव आते रहते हैं। ऐसे में आपको हकीकत का धैर्य के साथ सामना करना होगा।
शैक्षिक योग्यता: फ्लोरल डिजाइनर्स को वैसे तो किसी पारंपरिक शिक्षा की जरूरत नहीं है। लेकिन निजी संस्थानों से सर्टिफिकेट कोर्स किए जा सकते हैं। किसी फ्लोरिस्ट के साथ काम करके भी अनुभव हासिल किया जा सकता है। आज इससे संबंधी कई ऑनलाइन कोर्सेज भी उपलब्ध हैं। आप हाईस्कूल करने के बाद वोकेशनल स्कूल्स या कम्युनिटी कॉलेज से फ्लोरल डिजाइनिंग कोर्स कर सकते हैं। अगर अपना कारोबार करना चाहते हैं, तो आइआइएम से एंटरप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट कोर्स करना फायदेमंद रहेगा।
संभावनाएं: वेडिंग की तरह भारतीय फ्लोरीकल्चर इंडस्ट्री भी 30 से 40 प्रतिशत की दर से बढ़ रही है। जाहिर है, इसमें आगे भी नौकरियों की कमी नहीं रहेगी। आप चाहें तो रिटेल फ्लोरिस्ट के तौर पर अपना कारोबार भी शुरू कर सकते हैं। वेडिंग फ्लोरिस्ट, ऑनलाइन फ्लोरल पोर्टल, फ्लोरल एक्सेसरी डिजाइनर, इंटीरियर डिजाइनर, कॉरपोरेट सर्विस प्रोवाइडर के तौर पर भी कार्य कर सकते हैं। वेडिंग प्लानिंग और इवेंट मैनेजमेंट कंपनियों में फ्लोरल डिजाइनर्स को बाकायदा पे-रोल पर रखा जाने लगा है।
पोर्टफोलियो बनाना होगा फायदेमंद
जानकारों के अनुसार, फ्लोरल डिजाइनिंग में करियर बनाने के लिए अपना एक पोर्टफोलियो तैयार करना अच्छा होता है, जिसमें उनके बनाए डिजाइंस की तस्वीरें हों। इससे उन्हें अपनी स्टाइल का भी पता चलेगा और उसमें सुधार करने की गुंजाइश रहेगी। वे चाहें तो किसी फोटोग्राफर की मदद लेकर भी प्रिंट पोर्टफोलियो एलबम तैयार कर सकते हैं। अपनी वेबसाइट और यूट्यूब चैनल भी डेवलप कर सकते हैं। जिनकी स्टाइल में मौलिकता होगी, उन्हें कामयाबी मिलने में देर नहीं लगेगी।
30-40% की दर से बढ़ रही है भारतीय फ्लोरीकल्चर इंडस्ट्री। आप वेडिंग फ्लोरिस्ट, ऑनलाइन फ्लोरल पोर्टल, फ्लोरल एक्सेसरी डिजाइनर, कॉरपोरेट सर्विस प्रोवाइडर के तौर पर कार्य कर सकते हैं। गौरतलब है कि अब वेडिंग प्लानिंग और इवेंट मैनेजमेंट कंपनियों में फ्लोरल डिजाइनर्स को पे-रोल पर रखा जाने लगा है।
प्रमुख संस्थान
- इंस्टीट्यूट ऑफ फ्लोरल डिजाइन, मुंबई www.ifdindia.com
- फ्लावर बॉक्स, बेंगलुरु www.flowerbox.in
- स्प्रिंग ब्लॉसम्स, मुंबई www.spring-blossoms.com/floral-academy.htm