Final Year Exams 2020: सुप्रीम कोर्ट में यूजीसी गाइडलाइंस मामले में फैसले तक हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने परीक्षाओं पर लगायी रोक
Final Year Exams 2020 यूजीसी गाइडलाइंस मामले की सुप्रीम कोर्ट में अगली सुनवाई कल 18 अगस्त 2020 को होनी है।
नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। Final Year Exams 2020: कोविड-19 महामारी के बीच विश्वविद्यालयों में अंतिम वर्ष या सेमेस्टर की परीक्षाओं को 30 सितंबर तक कराने से सम्बन्धित सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो रहे मामले पर फैसला आने तक हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने राज्य में परीक्षाओं पर रोक लगा दी है। यूजीसी गाइडलाइंस मामले की सुप्रीम कोर्ट में अगली सुनवाई कल, 18 अगस्त 2020 को होनी है। वहीं, 14 अगस्त को हुई सुनवाई के दौरान छात्रों का पक्ष रख रहे अधिवक्ता श्याम दीवान ने कहा था कि 30 सितंबर तक परीक्षाएं आयोजित करना बहुत ही असामान्य होगा क्योंकि महामारी की स्थिति में फिलहाल कोई नियंत्रण नहीं हुआ है। परीक्षाओं को आयोजन महामारी के बीच कराने की बजाय सामान्य हालातों में किया जाना चाहिए।
दूसरी तरफ, ने दिल्ली उच्च न्यायालय ने यूजीसी को निर्देश दिये हैं कि देश भर के विश्वविद्यालयों को एडवाइजरी जारी करे कि वे अंतिम वर्ष की परीक्षाओं में हो रही देरी को देखते हुए पोस्ट ग्रेजुएट कोर्सेस में दाखिले के लिए जरूरी प्रोविजनल सर्टिफिकेट जमा कराने की मांग पर फिलहाल रोक लगाएं।
बता दें कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने देश भर के विश्वविद्यालयों, डीम्ड विश्वविद्यालयों, निजी विश्वविद्यालयों सम्बद्ध महाविद्यालयों और अन्य उच्च शिक्षा संस्थानों में विभिन्न ग्रेजुएट एवं पोस्ट ग्रेजुएट कोर्सेस के अंतिम वर्ष या सेमेस्टर की परीक्षाओं को 30 सितंबर 2020 तक आयोजित कर लेने के निर्देश 6 जुलाई को जारी गाइडलाइंस में दिये थे। इन्हीं निर्देशों को चुनौती देने वाली याचिका उच्चतम न्यायालय में दायर की गयी है। इस याचिका में मांग की गयी है कि महामारी के बीच परीक्षाओं का आयोजन किया जाए और छात्र-छात्राओं को इंटर्नल एसेसमेंट और पिछले वर्षों/सेमेस्टरों के अंकों के औसत के आधार पर मार्क्स देते हुए रिजल्ट घोषित किये जाएं।
दूसरी तरफ, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 29 जुलाई 2020 को जारी अनलॉक 3 गाइडलाइंस में शैक्षिक संस्थानों को 31 अगस्त 2020 तक बंद रखने को कहा है। उधर बिहार सरकार ने आज, 17 अगस्त को जारी एक निर्देश में एमएचए के प्रतिबंधों को राज्य में 6 सितंबर तक जारी रखने का फैसला किया है।