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COVID-19: लॉकडाउन के दौरान ना हो परेशान, चुनौती में निखारें अपनी लीडरशिप

Lockdown 3.0 कोरोना संकट ने जीवन और दिनचर्या को नए सिरे से परिभाषित किया है तो नए अवसरों का संकेत भी दिया है। यह समय है इस अवसर को समझने और खुद को इसके लिए तैयार करने का।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Wed, 06 May 2020 01:16 PM (IST)Updated: Wed, 06 May 2020 01:16 PM (IST)
COVID-19: लॉकडाउन के दौरान ना हो परेशान, चुनौती में निखारें अपनी लीडरशिप

अमित कासलीवाल। Lockdown 3.0 इन दिनों ऐसा समय चल रहा है जिसके बारे में संभवत: पहले किसी ने भी कल्पना नहीं की होगी कि हमें घर पर ही रहना होगा और घर से ही काम करना होगा। यह निश्चित तौर पर नये हालात हैं, जिसका सामना लगभग सभी को करना पड़ रहा है। यह समय विशेष तौर पर उन बिजनेस लीडर्स के लिए और भी मुश्किल भरा है जो अपने ऑफिस और कारोबार को घर से ही चला रहे हैं।

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अब सवाल यह सामने आता है कि इस दौरान हम कैसे अपने काम और कारोबार को पहले से भी ज्यादा उत्साह से आगे बढ़ा सकते हैं और उसमें जान फूंक सकते हैं। यहां मेरा मानना है कि हमें सबसे सबसे ज्यादा ध्यान अपनी कल्पना और कुछ नया सीखने पर देना चाहिए। यह नया दृष्टिकोण हमें उत्साहित करेगा, नये-नये विचारों का सृजन करने में हमारी मदद करेगा और दिन भर कुछ न कुछ करने के लिए प्रेरित करेगा। इन्हीं हालातों को ध्यान में रखते हुए मैंने ‘लॉकडाउन और लीडरशिप फ्रेमवर्क’ को तैयार किया है। इसमें सात मुख्य बिंदु हैं जो इस प्रकार हैं :

1.मन को प्रशिक्षित करना : हमारा मन ऊर्जा के भंडार से भरा हुआ है। हम जो कुछ भी करते हैं, वह सब मन में उठी कल्पना का ही परिणाम है। इसलिए सुबह उठकर सबसे पहले अपने मन को प्रशिक्षित करें। अपने मन को सकारात्मक सोच, जीवन मूल्यों, अपने लक्ष्य और नई कल्पनाओं से भर दें। आप स्वयं को उत्साह से भरने के लिए उन दिनों की कल्पना भी कर सकते हैं जो आपके लिए बहुत ज्यादा सकारात्मक और सफल रहे हों। आप सुबह उठकर अपने पूरे दिन की कल्पना कर सकते हैं, जैसे कि मैं पूरे दिन क्या करूंगा, काम के प्रति कैसा दृष्टिकोण रखूंगा और लोगों से किस तरह बात करूंगा आदि। अपने मन को प्रशिक्षित करना एक विज्ञान है जो आपको सकारात्मकता से भरता है और आपके पूरे दिन को ऊर्जावान बनाता है।

2.व्यायाम करना : हर रोज सुबह 30 मिनट तक शारीरिक व्यायाम करें। यह आपके शरीर में नई ऊर्जा का संचार करता है और मन में उठने वाली नकारात्मक तरंगों को दूर करता है। नियमित तौर पर व्यायाम करने से आप पूरे दिन तरोताजा महसूस करते हैं। ध्यान रखें कि हमारे जीवन में कई और लोग भी होते हैं जिनसे हम जुड़े होते हैं और हमारी सभी क्रियाएं भी आपस में जुड़ी होती हैं। जब आप तरोताजा महसूस करते हैं, तब आप अपनी सकारात्मक ऊर्जा को दूसरे लोगों तक भी पहुंचाते हैं। इसलिए अपनी दिनचर्या में व्यायाम को जरूर शामिल करें।

3.खबरें देखना नहीं, खबरें चुनना : कोरोना वायरस बीमारी को कवर करने के लिए संचार माध्यमों में एक-दूसरे से आगे निकलने की होड़ सी लगी हुई है। ऐसे में यह जरूरी है कि मसालेदार खबरों से दूर रहें। ध्यान रखें कि खबरें हमारे मन पर गहरी छाप छोड़ती हैं और हमारी भावनाओं को नियंत्रित करती हैं। यदि खबरों से डर, भय, निराशा और नकारात्मकता फैल रही है, तो हमें ऐसी खबरों को देखने से या पढ़ने से बचना चाहिए। ये खबरें हमारे दिमाग पर बुरा प्रभाव डालती हैं और हमें हताश करती हैं। इसलिए प्रयास करें कि सामान्य खबरें पढ़ें और देखें। उन अखबारों या समाचार चैनलों को पढ़ें या देखें जो इस तरह की मसालेदार खबरें नहीं परोसते । कोरोना वायरस जैसी बीमारी पर आधिकारिक-विश्वसनीय स्रोतों से मिली खबरें ही देखें। इससे हमें सही जानकारी मिलेगी, हमारा समय बर्बाद नहीं होगा और बेवजह के तनाव से भी बचे रहेंगे।

4. घर पर दफ्तर बनाना : ‘वर्क फ्रॉम होम’ के इस दौर में अब समय आ गया है कि हम घर से काम करने की आदत डालें और इसे स्वीकार करें। इसके लिए सबसे अच्छा यह रहेगा कि अपने घर के किसी कोने को समर्पित रूप से सिर्फ दफ्तर के काम करने के लिए इस्तेमाल करें। इस जगह को अपने हिसाब से व्यवस्थित करें और वहां सभी जरूरी चीजें रखें। वहां काम करते समय ऐसा लगना चाहिए कि आप घर से नहीं, बल्कि दफ्तर से ही काम कर रहे हैं। इसके अलावा, आप अपनी डेस्क पर परिवार की तस्वीर रख सकते हैं। इससे आपको पूरे दिन प्रेरणा और खुशी मिलेगी।

5.शारीरिक दूरी, लोगों से दूर होना नहीं : हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने कोरोना से बचने के लिए देश की जनता से समुचित शारीरिक दूरी बनाए रखने का लगातार अनुरोध किया। हालांकि, इसका मतलब यह बिल्कुल नहीं है कि हम अपने परिवारजनों और प्रियजनों, मित्रों, साथियों से दूरी बना लें। संचार के साधनों का उपयोग करने के लिए इससे अच्छा समय कभी भी नहीं हो सकता। इन साधनों का उपयोग करके आप अपने करीबियों से जुड़े रह सकते हैं और इस दूरी को कम कर सकते हैं। आप उन्हें फोन कॉल, वीडियो कॉल या किसी भी उपलब्ध माध्यम से संपर्क कर सकते हैं। इस तरह आप शारीरिक दूरी के नियम का पालन करते हुए भी लोगों के साथ जानकारी साझा कर सकते हैं और बातचीत कर सकते हैं। ऐसा करने से आप तनाव से दूर रहेंगे और आपको खुशी मिलेगी। इस तरह आप अपनी टीम के साथ भी तालमेल बना सकते हैं और उन्हें प्रेरित कर सकते हैं। टीम के सदस्यों से बात करते समय सकारात्मक शब्दों का इस्तेमाल करें और उन्हें सशक्त बनायें। उनके काम की सराहना करें। उन्हें सुनें। उन्हें बोलने का पर्याप्त अवसर दें। ध्यान रखें कि आपके शब्द प्रोत्साहित भी कर सकते हैं और हतोत्साहित भी।

6.समय का सदुपयोग : इस समय कई कंपनियां अपने कर्मचारियों को प्रशिक्षित करने पर जोर दे रही हैं और उन पर एक बड़ी राशि खर्च कर रही हैं। ऐसा करना सही भी है, क्योंकि ‘खाली दिमाग शैतान का घर’ होता है। यदि हम बिल्कुल खाली बैठ जाएंगे, कुछ भी नया नहीं करेंगे, तो हमारे मन में निराशा और नकारात्मकता के अलावा कुछ भी नहीं आएगा। प्रशिक्षण देना इसलिए भी जरूरी है, क्योंकि दिन-प्रतिदिन नये- नये व्यवसाय बाजार में कदम रख रहे हैं। इसलिए बिजनेस लीडर्स के पास इस तालाबंदी के समय का सदुपयोग करने का बेहतरीन अवसर है। बिजनेस लीडर्स कई प्रकार से इस समय का सदुपयोग कर सकते हैं: कार्य प्रक्रिया की समीक्षा करें।

  • नए उत्पादों को बनाने की योजना बनाएं।
  • ग्राहक के डेटाबेस की समीक्षा करें और इसमें दी गई जानकारी को सही करें।
  • कारोबार के अगले चरण के बारे में विचार करें। यह देखें कि इन चुनौतियों के बीच कंपनी और कारोबार को कैसे तेजी से आगे बढ़ाया जा सकता है।
  • अन्य कंपनियों के बारे में जानकारी इकट्ठी करें और उनके बिजनेस मॉडल की समीक्षा करें। इस तरह आप अपने काम और कारोबार को बढ़ाने के लिए सभी पहलुओं पर विचार कर सकते हैं और उन्हें लागू कर सकते हैं।

7.परिवार के साथ समय बिताना : हर व्यक्ति की इच्छा होती है कि वह अपने परिवार के साथ ‘क्वॉलिटी टाइम’ बिताये और उन्हें पूरा समय दे। अपने जीवनसाथी और परिवार के अन्य सदस्यों को समय देने के लिए इससे अच्छा अवसर कुछ नहीं हो सकता। उनके काम में मदद करें, उनके साथ बैठकर खेल खेलें, भोजन करें और जो उन्हें अच्छा लगता है वह करें। इस तरह आप अपने परिवार को खुश रख सकते हैं और उन्हें भी बोरियत से बचा सकते हैं। इस अवधि का उपयोग लंबी छुट्टी की तरह करें और कल्पना करें कि आप परिवार के साथ घर पर नहीं, बल्कि बाहर हैं। इस तरह पूरे परिवार में भी नई ऊर्जा प्रवाहित कर सकते हैं और उन्हें उत्साह से भर सकते हैं।

जैसा कि मैंने शुरू में बताया कि हमारी हर गतिविधि दूसरी गतिविधि से जुड़ी होती है। इसलिए खुद को पहले से भी ज्यादा क्षमतावान बनाएं और अपने नये रूप की खोज करें। सामने आ रहे नए-नए अवसरों को पहचानें।, उसके मुताबिक स्किल विकसित करने पर जोर दें। इस तरह उपरोक्त सात बिंदुओं को अपनाकर आप ‘हर पल को जीने’ का आनंद ले सकते हैं। जो व्यक्ति हर पल को जीते हैं वे कभी पीछे मुड़कर नहीं देखते। सफलता हमेशा उनके कदम चूमती है। इसके अलावा, रोज कुछ नया सीखें। यह आपको मानसिक रूप से मजबूत बनाएगा।

[लाइफ ट्रांसफॉर्मेशन गुरु, टेड-एक्स वक्ता, मेंटर, लीडरशिप कोच]


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