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जानिए, क्या होता है एयरस्पेस और आसमान में कैसे रास्ता तय करते हैं हवाई जहाज

Current Affair Topic क्या होता है हवाई जहाज का रास्ता वे कैसे अपनी दिशा तय करते हैं। हम आपको इन सभी विषयों के बारे में बता रहे हैं यहां...

By Rajat SinghEdited By: Published: Wed, 17 Jul 2019 03:34 PM (IST)Updated: Wed, 17 Jul 2019 05:11 PM (IST)
जानिए, क्या होता है एयरस्पेस और आसमान में कैसे रास्ता तय करते हैं हवाई जहाज

नई दिल्ली, जेएनएन। Current Affair Topic: पाकिस्तान सरकार ने मंगलवार को 140 दिन बाद अपना एयरस्पेस भारतीय विमानन कंपनियों के लिए खोल दिया। अब भारतीय विमान को मिडिल ईस्ट और यूरोप के लिए कम दूरी तय करनी पड़ेगी। अब आपके दिमाग में सवाल चल रहा होगा कि आखिर कोई देश हवा पर कैसे कब्जा कर सकता है? क्या होता है हवाई जहाज का रास्ता, वह कैसे अपनी दिशा तय करते हैं? हम आपको इन सभी सवालों केे जवाब दे रहे हैं...

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पाकिस्तान ने क्यों बंद किया एयरस्पेस
14 फरवरी 2019 को पुलवामा में हुए आतंंकवादी हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान में आतंकवादियों के खिलाफ एयरस्ट्राइक की थी। इसके बाद पाकिस्तान ने भारतीय विमानों को अपनी जमीन के ऊपर से उड़ने पर रोक लगा दी थी। इससे भारतीय विमानन कंपनियों को नुकसान झेलना पड़ रहा था। जो विमान पाकिस्तान के ऊपर से उड़ते हुए मिडिल ईस्ट और यूरोप जाते थे, उन्हें अब अरब सागर से घूम कर जाना पड़ रहा था। बता दें कि पाकिस्तान से ऐसे 11 अंतरराष्ट्रीय रूट निकलते हैं।

कैसे तय होता हवाई जहाज का रास्ता
ऐसा नहीं है कि विमान हवा में हैं, तो वे कहीं से भी उड़ सकते हैं। विमानों का भी अपना रास्ता होता है। यह एक फिक्स रास्ता होता है जिसके जरिए उड़ान भरी जाती है। इस रास्ते को बनाने के लिए रेडियो और रडार का इस्तेमाल किया जाता है। हालांकि, पहले ऐसा नहीं होता था। पहले विमानों के उड़ने के लिए पायलट जमीन, पहाड़, मकान और रेलवे लाइन को देखकर रास्ता बनाते थे। इसके बाद अमेरिका ने तीरों का इस्तेमाल शुरू किया। जमीन पर बड़े-बड़े तीर बनाए गए, जो आसमान से आसानी से नजर आतेे थेेे। लेेकिन रात में ये तीर नजर नहीं आते थे। ऐसे में तीरों के बगल में लाइट वाले टावर बनाए गए। मामला तब बदला जब रेडियो सेट और रडार को इनसे जोड़ा गया। अब ट्रैफिक कंट्रोलर होते हैं, जो पायलट को बताते रहते हैं कि कितनी ऊंचाई पर जहाज उड़ाना है। ऐसे में विमान का अपना एक रास्ता तय होता है, जो इन ट्रैफिक कंट्रोलर के रेंज में होता है।

इन बातों का रखा जाता है ख्याल
रास्ता बनाते वक्त कुछ बातों का ख्याल रखा जाता है। इन रास्तों का अपना वैज्ञानिक आधार होता है। इस बात का ख्याल रखा जाता है कि जमीन की बनावट कैसी है। अगर मौसम खराब हो गया और रास्ता दुर्गम पहाड़ियों से होकर गुजरता हो, तो इससे बचा जाता है। जैसे कि कोई भी विमान बरमुडा ट्राएंगल से होकर नहीं गुजरता।

नो फ्लाइंग जोन
संविधान में लिखा गया है कि हम एक संप्रभु राष्ट्र हैं। ऐसा ही पाकिस्तान भी एक संप्रभु राष्ट्र है। कोई भी देश अपनी सीमा में वायु उड़ानों पर प्रतिबंध लगा सकता है। कई बार इस अधिकार का उपयोग दबाव बनाने के लिए भी किया जाता है। पाकिस्तान ने भी भारत पर दबाव बनाने के लिए ऐसा किया था। इसके अलावा कुछ ऐसे भी क्षेत्र होते हैं, जिन्हें सुरक्षा की दृष्टि से नो फ्लाइंग जोन घोषित किया जाता है। जैसे संसद भवन या फिर भी पीएम और राष्ट्रपति का निवास। अभी हाल ही में सेमीफाइनल के दौरान मैनचेस्टर में भी नो फ्लाइंग जोन की घोषणा की गई थी।  


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