Move to Jagran APP

बनें धरोहरों के संरक्षक, म्यूजियोलॉजी की फील्ड में बनाए करियर

म्यूजियोलॉजी में धीरे-धीरे युवाओं की दिलचस्पी बढ़ी है और वे म्यूजियोलॉजी कोर्स में दाखिला ले रहे हैं।एक बार पढ़ाई पूरी करने पर देश ही नहीं, विदेश में भी इनके लिए कई सारे रास्ते खुलते जा रहे हैं।

By Arti YadavEdited By: Published: Wed, 21 Nov 2018 02:51 PM (IST)Updated: Wed, 21 Nov 2018 02:51 PM (IST)
बनें धरोहरों के संरक्षक, म्यूजियोलॉजी की फील्ड में बनाए करियर

नई दिल्ली, जेएनएन। ऐतिहासिक धरोहरों, प्राचीन संस्कृति के करीब रहना चाहते हैं। उनके बारे में गहराई से जानना चाहते हैं तो म्यूजियोलॉजी का फील्ड आपको यह सुनहरा मौका देता है। इसमें आप एक म्यूजियम में धरोहरों के संरक्षक के तौर पर काम कर सकते हैं। भारत में अब तक यह लोकप्रिय विषय नहीं रहा है, लेकिन धीरे-धीरे युवाओं की दिलचस्पी इसमें बढ़ी है और वे म्यूजियोलॉजी कोर्स में दाखिला ले रहे हैं। एक बार पढ़ाई पूरी करने पर देश ही नहीं, विदेश में भी इनके लिए कई सारे रास्ते खुलते जा रहे हैं।

loksabha election banner

क्या है म्यूजियोलॉजी? म्यूजियोलॉजी एक तरह का विज्ञान है जिसमें म्यूजियम यानी संग्रहालय के प्रबंधन और प्रशासन का अध्ययन किया जाता है। इसमें स्टूडेंट्स को एक खास अवधि या देश की सांस्कृतिक विरासत के प्रिजर्वेशन और कंजर्वेशन पर ध्यान देना होता है। म्यूजियोलॉजी कोर्स में स्टूडेंट्स को संग्रहालय के दर्शन और बदलते वक्त के साथ इसमें आ रहे नए बदलाव आदि के बारे में जानकारी दी जाती है। साथ ही आर्ट गैलरी की देखभाल, उसका प्रेजेंटेशन, संरक्षण, प्रदर्शित कलाओं की जानकारी, कलेक्शन, डिजाइनिंग, आर्टीफैक्ट्स के डॉक्यूमेंटेशन के बारे में भी पाया जाता है। इसके अलावा, सब्जेक्ट से मार्केटिंग क्वॉलिटीज भी बताई जाती हैं, ताकि स्टूडेंट्स को नौकरी मिलने में कोई परेशानी न हो।

शैक्षिक योग्यता

किसी भी स्ट्रीम में स्नातक करने वाले म्यूजियोलॉजी में पोस्ट ग्रेजुएशन कर सकते हैं। वैसे, प्राचीन इतिहास, आर्कियोलॉजी, एंथ्रोपोलॉजी, संस्कृति, फाइन आर्टस, भौतिकी,रसायन विज्ञान,जीव विज्ञान, जंतु विज्ञान, जियोलॉजी, अर्थसाइंस, कृषि, एनवॉयरनमेंटल और मरीन साइंस बैकग्राउंड वाले स्टूडेंट्स भी म्यूजियोलॉजी में पीजी कर सकते हैं। कई संस्थान और म्यूजियम स्टूडेंट्स को इंटर्नशिप करने का मौका भी देते हैं। जहां तक स्किल्स की बात है,तो एक म्यूजियोलॉजिस्ट के पास मैनेजमेंट,विजुअल ऐड्स के साथ कम्युनिकेट करने की क्षमता,टीम में काम करने का उत्साह और रिसर्च स्किल्स होनी चाहिए। अगर संस्कृत, प्राकृत, परशियन या फ्रेंच लैंग्वेज का ज्ञान होगा,तो और भी अच्छा। पीजी व पीएचडी कोर्स के लिए नेशनल म्यूजियम इंस्टीट्यूट को अच्छा माना जाता है।

संभावनाएं: कोर्स पूरा करने के बाद नेशनल म्यूजियम, आर्कियोलॉजिकल म्यूजियम,आर्ट गैलरी में नौकरी मिल जाती है। स्टूडेंट्स चाहें तो म्यूजियम में क्यूरेटर, डिप्टी क्यूरेटर, रिसर्च एसोसिएट,मैनेजर आदि के रूप में काम कर सकते हैं। इसके अलावा, प्राइवेट सेक्टर में भी काफी अवसर हैं। अगर सैलरी की बात की जाए, तो म्यूजियोलॉजी में डिग्री रखने वालों की सैलरी 25 हजार रुपये से शुरू होकर 50 हजार रुपये तक हो सकती है, जबकि अनुभव और स्किल के साथ सैलरी लाखों में पहुंच सकती है। वल्र्ड बैंक या दूसरे बड़े म्यूजियम के प्रोजेक्ट्स के साथ कंसल्टेंट के तौर पर भी जुड़ सकते हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.