बीटीसी- 2015 : चतुर्थ सेमेस्टर के सभी आठ पेपर आउट होने के बाद परीक्षा निरस्त
प्रशिक्षण परीक्षा के सभी आठ प्रश्नपत्र सोशल मीडिया पर आउट होने की पुष्टि पर परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव अनिल भूषण चतुर्वेदी ने यह कार्रवाई की है।
इलाहाबाद (जेएनएन)। बीटीसी वर्ष 2015 चतुर्थ सेमेस्टर की परीक्षा प्रदेश के सभी जिलों में निरस्त कर दी गई है। प्रशिक्षण परीक्षा के सभी आठ प्रश्नपत्र सोशल मीडिया पर आउट होने की पुष्टि पर परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव अनिल भूषण चतुर्वेदी ने यह कार्रवाई की है। इस संबंध में सभी जिलों के जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान यानी डायट प्राचार्यों को निर्देश जारी कर दिये गए हैं। परीक्षा की नई तारीख की सूचना अलग से दी जाएगी।
बीटीसी प्रशिक्षण 2013 सेवारत मृतक आश्रित, सेवारत उर्दू, बीटीसी 2014 अवशेष/अनुत्तीर्ण और बीटीसी वर्ष 2015 चतुर्थ सेमेस्टर की परीक्षा आठ से दस अक्टूबर तक होने का कार्यक्रम एक पखवारे जारी हुआ था। सभी जिला मुख्यालयों पर पहली बार यह इम्तिहान राजकीय बालक, राजकीय बालिका व चुनिंदा अशासकीय माध्यमिक कालेजों में कराए जाने के निर्देश हुए थे। जिला विद्यालय निरीक्षकों को निर्देश हुआ था कि सीसीटीवी कैमरे व सभी संसाधन युक्त विद्यालयों को ही केंद्र बनाए। ज्ञात हो कि इसके पहले जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान यानी डायट व निजी बीटीसी कालेजों में ही परीक्षा होती रही है। यह प्रयोग इसलिए हुआ, ताकि परीक्षा की शुचिता कायम रहे।
परीक्षा से पहले ही पेपर लीक
परीक्षा शुरू होने से पहले रविवार को ही पेपर लीक होने की सूचना सोशल मीडिया पर वायरल हुई। अफसरों ने इसे खारिज किया साथ ही सोमवार सुबह कौशांबी के डीआइओएस सत्येंद्र सिंह ने केंद्र पर जाकर सोशल मीडिया व वास्तविक प्रश्नपत्रों का मिलान किया। इसमें सामने आया कि परीक्षा के सभी आठ प्रश्नपत्र वास्तविक प्रश्नपत्रों के समान हैं। इसकी दोबारा जांच परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय में हुई उसमें भी पेपर लीक होने की पुष्टि की गई। सचिव ने बताया कि बीटीसी 2015 चतुर्थ सेमेस्टर का पेपर आउट होने से प्रदेश के सभी केंद्रों पर हो रही परीक्षा निरस्त की जाती है।
तृतीय सेमेस्टर के रिजल्ट में भी विवाद
बीटीसी 2015 तृतीय सेमेस्टर के रिजल्ट में भी विवाद हुआ। छह अभ्यर्थियों को परीक्षकों ने पूर्णांक से अधिक अंक दे दिए। साथ ही कई मेधावी प्रशिक्षुओं का कई विषय में बैक पेपर आया है। इस पर सभी कॉपियों की स्क्रूटनी कराने का आदेश हुआ है। वहीं, इस प्रकरण को कोर्ट में चुनौती दी गई है।
73 हजार अभ्यर्थी अधर में फंसे
बीटीसी 2015 चतुर्थ सेमेस्टर की परीक्षा आनन-फानन में कराई जा रही थी। वजह यह थी कि इसके अभ्यर्थी शिक्षक भर्ती की दिसंबर में प्रस्तावित परीक्षा में शामिल करने की मांग कर रहे थे। इस परीक्षा में वैसे तो 76 हजार से अधिक अभ्यर्थी पंजीकृत थे लेकिन, तृतीय सेमेस्टर में करीब 63 हजार से अधिक ही उत्तीर्ण हो सके थे। हालांकि परीक्षा नियामक कार्यालय ने करीब 73 हजार प्रवेश पत्र जारी किए थे।
माना जा रहा था कि चतुर्थ सेमेस्टर की परीक्षा होने के बाद ये सभी शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा में शामिल होंगे लेकिन, अब परीक्षा निरस्त होने से संकट खड़ा हो गया है। अभ्यर्थी इसी माह दोबारा परीक्षा कराने की मांग कर रहे हैं।