डेटा बाजार में बढ़ती संभावनाओं के बीच ऑलराउंडर बनकर ही कामयाबी की सीढ़ियां चढ़ सकते हैं आप
डेटा साइंटिस्ट बनने के लिए इंटर डिसिप्लिनरी स्किल्स होनी चाहिए। मसलन कंप्यूटर साइंस या मशीन लर्निंग स्किल्स स्टैटिस्टिकल और अप्लॉयड मैथमेटिक्स का ज्ञान जरूरी है।
नई दिल्ली, जेएनएन। आज Facebook पोस्ट्स, Social Media ब्लॉग्स, Twitter, YouTube वीडियोज (ऑडियो-वीडियो डेटा), वेबसाइट्स, ई-कॉमर्स स्टार्टअप सभी पर डिजिटल डाटा की भरमार है। यही नहीं, फोन से लेकर इंटरनेट तक सभी सेंसर डाटा ट्रांसमिट करते हैं। लेकिन, यह अनस्ट्रक्चर्ड यानी अव्यवस्थित होता है। इसे व्यवस्थित करके काम की सूचनाएं निकाली जा सकती हैं, जिससे कंपनियां पूर्वानुमान लगाकर अपनी सेल्स स्ट्रेटेजी को और मजबूत बना सकती हैं और फायदा कमा सकती हैं।
इसी तरह, जब आप किसी ई-कॉमर्स साइट से कुछ खरीदारी करते हैं, तो उसके पैटर्न से यह पता लगाया जा सकता है कि आप और क्या पसंद कर सकते हैं? आजकल ये सारे काम डेटा साइंटिस्ट ही करते हैं, जो आंकड़ों की बाजीगरी और अल्गोरिद्म की मदद से भविष्य में होने वाले संभावित बिजनेस के नफा-नुकसान का पता लगा लेते हैं।
इससे कंपनियां समय रहते सही कदम उठा पाती हैं। आज बीपीओ, केपीओ, इंश्योरेंस, बैंकिंग, फाइनेंस, लॉजिस्टिक, रिटेल, हेल्थ केयर जैसे तमाम सेक्टर्स में डेटा साइंटिस्ट की खूब मांग है, जो लगातार बढ़ रही है। बढ़ती संभावनाएं: बिजनेस इंडस्ट्री में एक्सपर्ट डेटा साइंटिस्ट की बड़ी डिमांड है।
स्टाफिंग फर्म एक्सफेनो के अनुसार, देश में अभी फिलहाल 10 हजार डाटा साइंटिस्ट की जरूरत है यानी इनकी मार्केट में काफी कमी है। आंकड़ों पर विश्वास करें, तो आने वाले समय में दुनियाभर में करीब दो लाख प्रशिक्षित डेट साइंटिस्ट की जरूरत होगी। इसमें अकेले भारत में करीब 60 प्रतिशत डेटा साइंटिस्ट की दरकार होगी।
खासकर ई-कॉमर्स कंपनियों में, जो रियल टाइम में विशाल डेटा एक्सेस करते हैं। अभी डेटा एनालिटिक्स में टेक्निकल बैकग्राउंड के लोग ज्यादा हैं। एक्सफेनो के सर्वे के मुताबिक, आधे से ज्यादा डेटा साइंटिस्ट क्वालिफिकेशन (बीटेक और एमटेक) के हिसाब से इंजीनियर हैं। हायरिंग भी आजकल इस फील्ड में बंपर हो रही है।
कंज्यूमर सर्विसेज, फाइनेंशियल सर्विसेज, ई-कॉमर्स और स्टार्टअप्स जैसे सेक्टर की कंपनियां डेटा साइंटिस्ट को सबसे ज्यादा हायर कर रही हैं। ऐसे करते हैं काम: डेटा साइंटिस्ट भविष्य में काम आने वाली सूचनाओं को संरक्षित और उसका वर्गीकरण करते हैं। वे सूचनाओं के ढेर से यह जानने की कोशिश करते हैं कि किस प्रकार सूचनाओं को जोड़कर इसे अधिक उपयोगी बनाया जा सकता है।
शैक्षिक योग्यता: डेटा साइंटिस्ट बनने के लिए इंटर डिसिप्लिनरी स्किल्स होनी चाहिए। मसलन, कंप्यूटर साइंस या मशीन लर्निंग स्किल्स, स्टैटिस्टिकल और अप्लॉयड मैथमेटिक्स का ज्ञान जरूरी है। इनके साथ ही डेटा साइंटिस्ट के पास मजबूत बिजनेस स्किल और कम्युनिकेशन स्किल भी होनी चाहिए। डाटा साइंटिस्ट बिजनेस डोमेन एक्सपर्ट और मैनेजर भी होते हैं। ये डाटा को देखकर मार्केट और बिजनेस का रुझान बता सकते हैं।
भारत में आइआइटी खड़गपुर, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बेंगलुरु और आइआइएम में ज्वाइंट प्रोग्राम के तहत डाटा साइंस से संबंधित कोर्स ऑफर किए जाते हैं। इनके अलावा, एनएमआइएमएस, मुंबई जैसे निजी संस्थानों में भी बीटेक इन डाटा सांइस/ बिजनेस एनालिटिक्स जैसे नामों से अंडरग्रेजुएट कोर्स संचालित किए जा रहे हैं। जिगसॉ, एनालिटिक्सलैब जैसे इंस्टीट्यूट ऑनलाइन माध्यम से भी बिग डाटा एनालिटिक्स में शॉर्ट टर्म कोर्स कराते हैं।
आकर्षक सैलरी पैकेज: हाल में आए सर्वे में किए गए दावे को मानें, तो अनुभवी डाटा साइंटिस्ट की टॉप सैलरी 60 लाख से 80 लाख रुपये सालाना तक है। वहीं, 7 से 8 साल का अनुभव रखने वाले डाटा साइंटिस्ट भी औसतन 32 लाख रुपये तक का सालाना पैकेज पा रहे हैं। इन दिनों इंडस्ट्री में सप्लाई-डिमांड में काफी अंतर होने के कारण भी डाटा साइंटिस्ट को लगातार अच्छे ऑफर के साथ नौकरी बदलने का मौका मिल रहा है।