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UPSC में 760वीं रैंक हासिल करने वाली अखिला बनीं कई युवाओं की प्रेरणा, एक हाथ खोने के बाद भी नहीं मानी हार

यूपीएससी परीक्षा 2023 में 760वीं रैंक हासिल करने वाली अखिला आज कई युवाओं के लिए प्रेरणा बन गई हैं। इन्होंने पांच साल की उम्र में अपना दाहिना हाथ खो दिया था लेकिन इसके बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी और देश के सबसे कठीन परीक्षा में सफलता हासिल की है।

By AgencyEdited By: Shalini KumariPublished: Thu, 25 May 2023 11:10 AM (IST)Updated: Thu, 25 May 2023 11:10 AM (IST)
UPSC में 760वीं रैंक हासिल करने वाली अखिला बनीं कई युवाओं की प्रेरणा, एक हाथ खोने के बाद भी नहीं मानी हार
760वीं रैंक हासिल करने वाली अखिला आज कई युवाओं के लिए प्रेरणा

तिरुवनंतपुरम, एएनआई। सिविल सेवा परीक्षा 2022 में 760वीं रैंक हासिल करने वाली 28 वर्षीय अखिला बी एस ने साबित कर दिया कि कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती है। दरअसल, इन्होंने अपनी दिव्यांगता को अपनी सफलता में बिल्कुल भी बाधा नहीं बनने दिया।

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अखिला ने पांच साल की उम्र में एक बस दुर्घटना में अपना दाहिना हाथ खो दिया था, लेकिन तब भी इन्होंने देश की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षा में शानदार सफलता हासिल करते हुए यह कई युवाओं की प्रेरणा बन गई हैं।

दुर्घटना ने खो दिया अपना दाहिना हाथ

कॉटन हिल गवर्नमेंट गर्ल्स हाई स्कूल के पूर्व प्रधानाध्यापक के बुहारी की बेटी अखिला और सजीना को 11 सितंबर, 2000 को एक दुर्घटना का शिकार हो गई थी। इस दुर्घटना ने अखिला ने अपना दाहिना हाथ खो दिया था और उन्हें जर्मनी के डॉक्टरों से परामर्श करने के लिए कहा गया था।

हालांकि, भारत में जर्मनी की एक मेडिकल टीम द्वारा जांच किए जाने के बाद भी अखिला का हाथ ठीक न हो सका और उसके बाद से वो अपने एक हाथ से ही अपनी किस्मत लिखने लगी।

हमेशा से परीक्षा में रही अव्वल

अखिला ने अपने दैनिक कार्यों को अपने बाएं हाथ से करना शुरू किया और अपने बाएं हाथ से लिखना सीखा। उन्होंने काफी अच्छे नंबरों से बोर्ड परीक्षा उत्तीर्ण की और आईआईटी मद्रास से इंटीग्रेटेड एमए करने के बाद उन्होंने सिविल सर्विसेज की तैयारी शुरू कर दी।

तीसरे प्रयास में हासिल किया रैंक

अखिला का यह तीसरा प्रयास था। इसके पहले दो प्रयासों में उन्होंने प्रीलिम्स क्लियर कर लिया था। अपना अनुभव साझा करते हुए अखिला ने कहा कि वह बहुत खुश हैं। उन्होंने बताया कि उनके एक शिक्षक, जिन्होंने उन्हें कलेक्टर के पेशे के बारे में बताया था, उन्होंने ही उन्हें यूपीएससी परीक्षा की तैयारी करने के लिए प्रेरित किया।

अखिला ने कहा, "मैं खुश और आभारी हूं। मैंने 2019 में स्नातक पूरा होने के ठीक बाद अपनी तैयारी शुरू कर दी, मैंने 2020, 2021 और 2022 में परीक्षा दी। तीनों बार मैंने प्रीलिम्स क्लियर किया, लेकिन दो बार मैं इसके आगे नहीं बढ़ पाई। यह सूची में है, पहली बार सूची में मेरा नाम आया है। मैंने हर टॉपर की बातों को करीब से समझा और जाना था।"

शिक्षक ने किया था प्रेरित

अखिला ने कहा, "आईएएस का सपना मेरे शिक्षक द्वारा दिखाया गया था, जिन्होंने मुझे कलेक्टर के पेशे के बारे में बताया था। मैं इस पेशे के प्रति काफी आकर्षित हो गई थी और इस तरह स्नातक होने के ठीक बाद मैंने अपनी तैयारी शुरू कर दी।" उन्होंने कहा, "मैंने एक साल के लिए बैंगलोर के एक संस्थान से कोचिंग ली। इसके बाद मैं केरल वापस आ गई और तिरुवनंतपुरम स्थित संस्थान से मदद ली।"

तैयारियों के दौरान आई कई चुनौतियां

सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी के दौरान आने वाली चुनौतियों पर बोलते हुए, अखिला ने कहा कि परीक्षा की तैयारी के लिए कड़ी मेहनत के साथ-साथ कई उतार-चढ़ाव का अनुभव करना पड़ता है।

उन्होंने कहा, "चुनौती यह थी कि मुझे काफी लंबे समय तक बहुत मेहनत की आवश्यकता थी । साथ ही, मेरे लिए लंबे समय तक सीधे बैठना भी बहुत मुश्किल था। परीक्षा में मेरे लिए लगातार तीन से चार घंटे बैठना, एक चुनौती बन गया था।"

ज्यादा समय तक बैठने में होती थी परेशानी

उन्होंने यह भी कहा कि तैयारी और परीक्षा के दौरान अपने बाएं हाथ का उपयोग करना और कमर दर्द के साथ लगातार बैठना उनके लिए एक कठिन चुनौती थी। उन्होंने कहा, "मेरे लिए समस्या तीन-चार घंटे लिखने की थी। मैं थक जाती थी और मेरा शरीर दुखने लगता था। चौथी मुख्य परीक्षा के लिए मुझे लगातार तीन दिन लिखना पड़ता था। यह मेरे लिए एक चुनौती थी।" "

अखिला ने कहा, "मेरा लक्ष्य आईएएस का पद हासिल करना था। मैंने तय किया कि मैं आगामी परीक्षा की तैयारी करूंगी और जब तक मैं अपनी पसंद की सेवा के लिए नहीं चुन ली जाती, तब तक कोशिश करती रहूंगी। मैंने तय कर लिया था कि मैं ज्यादा से ज्यादा मेहनत और कोशिश करूंगी।"

माता-पिता और परिजनों ने किया पूरा सहयोग

अपने माता-पिता और परिवार का समर्थन करने के लिए आभार व्यक्त करते हुए, उन्होंने कहा, "मेरे परिवार ने मुझे जिस तरह का समर्थन दिया है, उसे मैं व्यक्त नहीं कर सकती। मुझे न केवल अपने माता-पिता से बल्कि अपने पूरे परिवार का भी बहुत समर्थन मिला।"

933 उम्मीदवारों ने किया क्वालिफाई

संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की मंगलवार को घोषित परीक्षा के नतीजों में लगातार दूसरे साल महिलाओं ने पहले पांच में से चार रैंक हासिल की हैं। विभाग द्वारा आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, विभिन्न सेवाओं में नियुक्ति के लिए आयोग द्वारा कुल 933 उम्मीदवारों- 613 पुरुषों और 320 महिलाओं की सिफारिश की गई थी।


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