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ये 7 आईआईटी संस्थान टाइम्स हायर एजुकेशन रैंकिंग में नहीं लेंगे हिस्सा, जानें वजह

देश के प्रतिष्ठित संस्थानों में शुमार इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी दिल्ली (IIT Delhi)आईआईटी बॉम्बे (IIT Bombay) आईआईटी गुवाहाटी (IIIT Guwahati ) सहित सात अन्य संस्थान इस साल

By Nandini DubeyEdited By: Published: Thu, 16 Apr 2020 08:54 PM (IST)Updated: Thu, 16 Apr 2020 08:54 PM (IST)
ये 7 आईआईटी संस्थान टाइम्स हायर एजुकेशन रैंकिंग में नहीं लेंगे हिस्सा, जानें वजह

देश के प्रतिष्ठित संस्थानों में शुमार इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी दिल्ली (IIT Delhi),आईआईटी बॉम्बे, (IIT Bombay) आईआईटी गुवाहाटी (IIIT Guwahati ) सहित सात अन्य संस्थान इस साल टाइम्स हायर एजुकेशन (Times Higher Education) वर्ल्ड की यूनिवर्सिटी रैंकिंग में हिस्सा नहीं लेंगे। पिछले साल की रैंकिग से संतुष्ट नहीं होने की वजह से संस्थानों ने यह फैसला लिया है। इस संबंध में आईआईटी ने एक प्रेस रिलीज जारी करके जानकारी दी।

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रिलीज के मुताबिक आईआईटी का कहना है कि इस साल सात आईआई संस्थान इस रैंकिग में हिस्सा नहीं लेंगे। इनमें आईआईटी बॉम्बे, आईआईटी दिल्ली, आईआईटी गुवाहाटी, आईआईटी कानपुर, आईआईटी खड़गपुर, आईआईटी मद्रास और आईआईटी रुड़की शामिल है। इन सभी ने 'टाइम्स हायर एजुकेशन द वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग' में में भी भाग नहीं लेने का फैसला किया है।

इसके पीछे वजह की वजह है कि पिछले साल सितंबर महीने में टाइम्स हायर एजुकेशन वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग ने साल 2020 के लिए दुनिया की सबसे टॉप यूनिवर्सिटी की लिस्ट जारी की थी। इसमें 2012 के बाद पहली बार ऐसा हुआ था वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2020 में टॉप 300 में भारत की एक भी यूनिवर्सिटी शामिल नहीं थी। वहीं इस रैंकिंग में इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नॉलाजी, रोपड़, इंदौर ने पहली बार में ही टॉप (301-350) में जगह बनाई थी। वहीं आईआईटी बेंगलुरु ने 310-350 रैंकिग में अपनी जगह बनाई थी। रैंकिंग में इन सातों संस्थानों को कोई रैंकिग नहीं मिली थी। इसी वजह से आईआईटी ने कि वह अगले साल अपने फैसले पर पुनर्विचार कर सकते हैं। लेकिन इस बार वे हिस्सा नहीं लेंगे। हालांकि अगले साल वह विचार कर सकते हैं।

बता दें कि संस्थानाें की रैंकिग पांच क्राइटेरिया पर आधारित हैं। इनमें शिक्षण (सीखने का माहौल), शोध उद्धरण (शोध प्रभाव), अंतर्राष्ट्रीय दृष्टिकोण (कर्मचारी, छात्र और शोध) और उद्योग आय। इन पैमानों पर संस्थानों को परखा जाता है।


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