Dhanbad Durga Puja 2022: पतराकुल्ही दुर्गा मंदिर में 350 वर्षों से चक्रवर्ती परिवार कर रही मां दुर्गा की आराधना
नवरात्र को लेकर मंदिर को आकर्षक रूप से रंग रोगन के बाद पुष्प सज्जा तथा विद्युत साज-सज्जा किया जाता है। दुर्गा पूजा आयोजन को लेकर आसपास के लोग खुद से सहयोग राशि देते हैं। पूजा के दिन संध्या के समय पाठ किया जाता है।
जासं, धनबाद: नवरात्र के प्रत्येक दिन मां दुर्गा के भक्तों के लिए काफी महत्व रहता है। पतराकुल्ही दुर्गा मंदिर में नवरात्र के प्रत्येक दिन श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है। नौ दिनों तक मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की आराधना की जाती है। नवरात्र को लेकर मंदिर को आकर्षक रूप से रंग रोगन के बाद पुष्प सज्जा तथा विद्युत साज-सज्जा किया जाता है। दुर्गा पूजा आयोजन को लेकर आसपास के लोग खुद से सहयोग राशि देते हैं। पूजा के दिन संध्या के समय पाठ किया जाता है। दुर्गोत्सव के नवमी तिथि को श्रद्धालुओं के लिए खिचड़ी का भोग वितरण किया जाएगा। दशमी तिथि को मां दुर्गा का विसर्जन ढाक ढोल व सिंदूर खेला के साथ किया जाएगा।
इतिहास
मंदिर करीबन 350 सौ वर्ष पुराना है। स्थानीय चक्रवर्ती परिवार के सानिध्य में पूजा अर्चना की जाती है तथा मंदिर का देखभाल भी किया जाता है। हाल ही आसपास के लोगों के सहयोग से मंदिर को आकर्षक रूप दिया गया है। इस मंदिर के प्रति श्रद्धालुओं की गहरी आस्था है। इसलिए दुर्गोत्सव के समय मंदिर में पूजा के लिए अत्यधिक भीड़ होती है। कई लोगों के रिश्तेदार व मेहमान भी आकर पूजा में शामिल होते हैं।
वर्जन
मंदिर के प्रति श्रद्धालुओं की गहरी आस्था है। दुर्गा पूजा के समय दूर-दूर से लोग आकर माता का नमन कर आशीर्वाद लेते हैं। मन्नते मांगते हैं तथा प्रसाद भी ग्रहण करते हैं।
-विश्वनाथ चक्रवर्ती, पुजारी
दुर्गा पूजा को लेकर मंदिर के आसपास का माहौल भक्तिमय रहता है। पूजा में भारी मात्रा में श्रद्धालु शामिल होते हैं। परिवार के साथ शामिल होने का मौका मिलता है।
-सुदीप्त दे, श्रद्धालु पतराकुल्ही