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जुलाई में जमकर आए कोविड के मामले, सिलीगुड़ी में सात सौ ज्यादा संक्रमित मिले, 16 मामले चिंताजनक वैरियंट के

बीते जुलाई महीने में दार्जिलिंग जिले में सात सौ ज्यादा कोरोना के मामले सामने आए। बताया गया कि जितने सैंपल कोरोना जांच के लिए लाए गए उनमें शुरू में पाजिटिविटी रेट 19 प्रतिशत थी लेकिन बाद में यह 35 प्रतिशत तक पहुंच गई।

By Sumita JaiswalEdited By: Published: Sun, 14 Aug 2022 02:06 PM (IST)Updated: Sun, 14 Aug 2022 02:06 PM (IST)
जुलाई में जमकर आए कोविड के मामले, सिलीगुड़ी में सात सौ ज्यादा संक्रमित मिले, 16 मामले चिंताजनक वैरियंट के
कोविड-19 संक्रमित 11 मरीजों की हुई मौत। सांकेतिक तस्‍वीर।

सिलीगुड़ी, जागरण संवाददाता। कोरोना वायरस के नए वैरियंट ओमिक्रोन सब वैरियंट खतरे के मद्देनजर पिछले महीने दार्जिलिंग जिले में कोरोना के मामलों लगातार वृद्धि दर्ज की गई। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि इस वर्ष जनवरी महीने के बाद जुलाई महीने में नए मामलों में बढ़ोत्तरी देखी गई। उत्तर बंगाल मेडिकल कालेज व अस्पताल के आधिकारिक सूत्रों द्वारा मिली जानकारी के अनुसार बीते जुलाई महीने में दार्जिलिंग जिले में सात सौ ज्यादा कोरोना के मामले सामने आए। बताया गया कि जितने सैंपल कोरोना जांच के लिए लाए गए उनमें शुरू में पाजिटिविटी रेट 19 प्रतिशत थी, लेकिन बाद में यह 35 प्रतिशत तक पहुंच गई।

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16 मामले चिंताजनक वैरियंट के मिले

बताया गया कि कोरोना के पाए गए मामलों में जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए 27 सैंपल पश्चिम बंगाल के कल्याणी स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट आफ बायोमेडिकल जीनोमिक्स (एनआईबीजी) को भेजे गए थे। जिनमें 16 मामले चिंताजनक वैरियंट यानी वैरियंट आफ कंसर्न के पाए गए। मिले आंकड़ों के अनुसार जो 16 मामले वीओसी के थे, उनमें बीए.टू के छह, बीए.टू.10, तीन बीए.टू.38 के पांच व बीए.टू.73 वैरियंट के दो मामले पाए गए।

बताया गया कि यदि कोविड-19 जांच की संख्या ज्यादा होती, तो नए मामले और ज्यादा सामने आ सकते थे। हालांकि बताया गया कि पिछले कुछ दिनों से नए मामलों में कुछ कम दर्ज की जा रही है।

दूसरी ओर जुलाई महीने में जहां कोरोना के नए मामलों में उछाल देखा गया, वहीं पांच महीने बाद जुलाई महीने में उत्तर बंगाल मेडिकल कालेज व अस्पताल में कोरोना संक्रमित 11 मरीजों के मौत के मामले सामने आए हैं।

स्‍वास्‍थ्‍य विभाग की बढ़ी चिंता

इधर जनवरी महीने में सात सौ से ज्यादा मामले सामने आने से स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ गई है। चिकित्सकों को कहना है कि यदि लोग कोरोना के प्रति लापरवाह होंगे, तो इसके गंभीर परिणाम आने वाले दिनों में देखने को मिल सकते हैं। लोगों को घर से बाहर निकलते समय मास्क लगाना नहीं भूलना चाहिए। गत वर्ष मई महीने में कोरोना ने नए संक्रमण व मौत के मामलों में अपना सारा रिकार्ड तोड़ दिया था। मई महीने में सिलीगुड़ी व आसपास के क्षेत्रों में कोरोना वायरस के लगभग 15 हजार मामले सामने आए थे। जबकि 338 मरीजों की मौत कोरोना के संक्रमण से हुई थी।

वहीं कोरोना के बढ़ते मामलों के बारे में एनबीएमसीएच के अधीक्षक व जाने माने वायरोलॉजिस्ट डॉ संजय मल्लिक का कहना है कि कोरोना के बढ़ते मामले और नए ओमिक्रोन के सब वैरियंट इसे घबराने से अच्छा कोविड-19 प्रोटोकॉल का पूरी तरह से पालन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि लोगों को मास्क का उपयोग करना कभी नहीं भूलना चाहिए। हाथ को समय-समय पर सैनिटाइज करते रहें, भीड़ वाले इलाके में जाने से बचे। जरूरत पडऩे पर ही बाजार जाएं, तथा बाजार करने के बाद तुरंत वापस आ जाएं। अनावश्यक गतिविधियों से बचना चाहिए। कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने पर अत्यधिक महत्व दिया जाना चाहिए


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