Haryana News: जल्दबाजी के मूड में नहीं कांग्रेस, भूपेंद्र हुड्डा नहीं लड़ेंगे चुनाव; दीपेंद्र और शैलजा ठोकेंगे ताल
Lok Sabha Election 2024 हरियाणा में कांग्रेस अभी जल्दबाजी के मूड में नहीं है। कांग्रेस के पास लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए नामचीन चेहरों का अभाव है। अधिकतर नेताओं की चाह लोकसभा की बजाय विधानसभा चुनाव लड़ने की है। ऐसे में वह जल्दी से लोकसभा का चुनाव लड़ने का रिस्क लेने को तैयार दिखाई नहीं दे रहे हैं। कांग्रेस लोकसभा चुनाव में नये चेहरों पर दांव लगा सकती है।
अनुराग अग्रवाल, चंडीगढ़। Lok Sabha Election 2024: हरियाणा के चुनावी समर में टिकटों की घोषणा करने को लेकर कांग्रेस किसी जल्दबाजी के मूड में नहीं है। भाजपा द्वारा सभी 10 सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित किए जा चुके हैं। इन उम्मीदवारों की काट के लिए कांग्रेस ऐसे चेहरे तलाश रही है, जो चुनावी रण में मजबूती के साथ खड़े रहकर आश्चर्यजनक नतीजे देने की सामर्थ्य रखते हों।
कांग्रेस के पास नामचीन चेहरों का है अभाव
कांग्रेस के पास लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए नामचीन चेहरों का अभाव है। अधिकतर नेताओं की चाह लोकसभा की बजाय विधानसभा चुनाव लड़ने की है। ऐसे में वह जल्दी से लोकसभा का चुनाव लड़ने का रिस्क लेने को तैयार दिखाई नहीं दे रहे हैं।
कांग्रेस लोकसभा चुनाव में नये चेहरों पर दांव लगा सकती है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा इस बार लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ रहे हैं। पिछले चुनाव में हुड्डा ने सोनीपत लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था। इस बार उनके चुनाव नहीं लड़ने का कारण राज्यसभा सदस्य दीपेंद्र सिंह हुड्डा का रोहतक से लोकसभा चुनाव लड़ना तय बताया जा रहा है।
दीपक बाबरिया भी हुड्डा की राय को कर चुके सार्वजनिक
कांग्रेस एक परिवार से दो टिकट नहीं देगी। हुड्डा स्वयं भी चुनाव लड़ने से मना कर चुके हैं और कांग्रेस प्रभारी दीपक बाबरिया भी हुड्डा की राय को सार्वजनिक कर चुके हैं। लेकिन लोगों को यह समझ नहीं आ रहा कि आखिरकार राज्यसभा सदस्य रहते हुए भी दीपेंद्र हुड्डा लोकसभा चुनाव लड़ने पर क्यों उतारू हैं। दीपेंद्र हुड्डा के नजदीकियों का मानना है कि रोहतक में अक्सर चौधर की लड़ाई लड़ी जाती रही है।
दीपेंद्र राज्यसभा की बजाय लोकसभा में बनाए रखे हैं रुचि
हुड्डा परिवार नौ बार रोहतक से सांसद रहा है। यहां से रणबीर सिंह हुड्डा, भूपेंद्र सिंह हुड्डा और दीपेंद्र हुड्डा ने लोकसभा में प्रतिनिधित्व किया। इसलिए इस बार भी दीपेंद्र राज्यसभा की बजाय लोकसभा चुनाव में ज्यादा रुचि रखे हुए हैं।
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कांग्रेस प्रभारी दीपक बाबरिया ने पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी सैलजा के भी लोकसभा चुनाव लड़ने के संकेत दिए हैं। सिरसा व अंबाला दोनों स्थानों से सांसद रह चुकी कुमारी सैलजा को इस बार अंबाला से टिकट दिया जा सकता है। अंबाला में सैलजा का मुकाबला भाजपा की उम्मीदवार बंतो कटारिया से होगा।
कुमारी सैलजा अंबाला से लड़ सकती हैं चुनाव
कुमारी सैलजा यदि अंबाला से चुनाव लड़ती हैं तो इससे सिरसा में ताल ठोक रहे भाजपा उम्मीदवार डॉ. अशोक तंवर की राह आसान हो जाएगी। हिसार में भाजपा उम्मीदवार रणजीत सिंह चौटाला के सामने कांग्रेस को मजबूत उम्मीदवार नहीं मिल रहा है। जाट मतों में सेंध लगा चुके रणजीत चौटाला के सामने उनकी पुत्रवधुएं नैना चौटाला (जेजेपी) और सुनैना चौटाला (इनेलो) के ताल ठोंकने की संभावना है।
जांगड़ा के नाम पर विचार जारी
कांग्रेस यहां पूर्व सांसद बृजेंद्र सिंह व रिटायर्ड आइएएस चंद्रप्रकाश जांगड़ा के नाम पर विचार कर रही है। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि पूर्व उप मुख्यमंत्री चंद्रमोहन बिश्नोई को भी चुनावी रण में उतारा जा सकता है, जिसकी संभावना कम है।
करनाल में भाजपा उम्मीदवार व पूर्व सीएम मनोहर लाल के सामने पूर्व स्पीकर कुलदीप शर्मा के बेटे चाणक्य शर्मा कांग्रेस के उम्मीदवार हो सकते हैं। सोनीपत में पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नजदीकी सतपाल ब्रह्मचारी और बृजेंद्र सिंह के नाम चल रहे हैं। भिवानी-महेंद्रगढ़ में पूर्व सांसद श्रुति चौधरी और महेंद्रगढ़ के विधायक राव दान सिंह में टिकट के लिए छीनाझपटी मची हुई है।
राजब्बर को यहां से मिलेगा टिकट
गुरुग्राम में फिल्म अभिनेता राजबब्बर पूरी गंभीरता से टिकट के प्रयास में हैं। यहां कैप्टन अजय यादव और जितेंद्र भारद्वाज के नाम भी चर्चा में हैं। फरीदाबाद में पूर्व मंत्री महेंद्र प्रताप सिंह के बेटे विजय प्रताप सिंह, पूर्व मंत्री करण दलाल और पूर्व सीपीएस शारदा राठौर के नामों की भी चर्चा है। सिरसा में पूर्व विधायक जरनैल सिंह और विधायक शीशपाल कैहरवाला के नाम चर्चा में हैं। इस बार कांग्रेस के पास होंगे अधिकतर नये चेहरे इस बार कांग्रेस कई बदले हुए चेहरों पर दांव लगाएगी।
कांग्रेस प्रत्याशियों को झेलनी पड़ी थी हार
कांग्रेस ने साल 2019 के चुनाव में पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुडडा को सोनीपत, राज्यसभा सदस्य दीपेंद्र सिंह हुडडा को रोहतक, कुमारी सैलजा को अंबाला, पूर्व मंत्री निर्मल सिंह को कुरुक्षेत्र, डॉ. अशोक तंवर को सिरसा, भव्य बिश्नोई को हिसार, कुलदीप शर्मा को करनाल, श्रुति चौधरी को भिवानी-महेंद्रगढ़, गुरुग्राम से कैप्टन अजय यादव और फरीदाबाद से अवतार सिंह भड़ाना को चुनावी रण में उतारा था। तब सभी कांग्रेस प्रत्याशियों को हार झेलनी पड़ी थी। हुड्डा अब चुनाव नहीं लड़ रहे।
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निर्मल सिंह कांग्रेस छोड़कर आप में चले गए थे और फिर कांग्रेस में आ गए। अशोक तंवर, भव्य बिश्नोई भाजपाई हो चुके हैं। हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष चौधरी उदयभान का कहना है कि प्रदेश में छठे चरण में 25 मई को चुनाव होने हैं। इसलिए पार्टी के पास प्रत्याशी चयन का काफी समय है। वैसे भी अभी पार्टी 31 मार्च की दिल्ली की महारैली की तैयारियों में लगी है। रैली के बाद अप्रैल के प्रथम सप्ताह में प्रत्याशी घोषित कर दिए जाएंगे।