Raju Pal Murder Case : विधायक राजू पाल हत्याकांड में छह आरोपित को उम्र कैद की सजा, सातवें को चार साल की सजा
प्रयागराज में हुए बहुचर्चित विधायक राजू पाल हत्याकांड में छह आरोपितों को सीबीआई कोर्ट ने शुक्रवार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। आरोपित अब्दुल कवि रंजीत पाल इसरार अहमद जावेद आबिद और बुल हसन को 20-20 साल की सजा सुनाई है। इसके साथ ही 50-50 हजार रुपये जुर्माना कोर्ट ने लगाया है। फरहान अहमद को चार साल की सजा सुनाई और 20 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है।
जागरण संवाददाता, प्रयागराज। प्रयागराज के धूमनगंज में हुए बहुचर्चित विधायक राजू पाल हत्याकांड में शुक्रवार को सीबीआइ की विशेष अदालत ने छह दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। सातवें को चार साल की सजा हुई है। सभी पर जुर्माना भी लगाया गया है।
यह सजा सीबीआइ कोर्ट की विशेष न्यायाधीश कविता मिश्रा ने सुनाई है। सुनवाई के दौरान कोर्ट में उपस्थित छह दोषियों में आबिद, फरहान अहमद, जावेद, गुल हसन, रंजीत पाल, अब्दुल कवि को उम्र कैद की सजा हुई है। इन पर 11.65 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।
कोर्ट ने साक्ष्यों और गवाहों के आधार पर इनको साजिश, बलवा, सशस्त्र बलवा, हत्या और जानलेवा हमले का दोषी माना है। वहीं, सातवें दोषी फरहान अहमद को आर्म्स एक्ट की धारा 27 के तहत दोषी ठहराते हुए चार साल की सजा सुनाई और 20 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है।
केस की सुनवाई के दौरान हत्यारा फरहान चित्रकूट जेल से हाजिर हुआ तथा अब्दुल कवी वीडियो कांफ्रेस द्वारा पेश हुआ। इसरार कोर्ट में हाजिर नहीं हुआ उसका गैर जमानतीय वारंट जारी किया गया। कोर्ट को बताया कि 25 जनवरी 2005 को प्रयागराज के धूमनगंज इलाके में अमित दीप मारूति एजेंसी के पास तत्कालीन विधायक राज पाल उनके सहयोगी देवी दीन पाल, संदीप यादव की हत्या हुई थी।
इस संबंध में धूमनगंज थाने में विधायक राजू पाल की पत्नी पूजा पाल ने अशरफ और माफिया अतीक अहमद समेत अन्य अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। आरोप लगाया गया था कि विधायक राजू पाल सहयोगी देवी दीन पाल और संदीप यादव के साथ करीब तीन बजे पोस्टमार्टम हाउस से घर लौट रहे थे। इस बीच मारूति एजेंसी के पास सात से आठ लोगों ने उनके वाहन को रोका।
अशरफ और अन्य ने ताबड़तोड़ गोलियां बरसा कर हत्या कर दी थी। अंधाधुंध फायरिंग में कार साथ बैठे सिंह साहब और उनकी पत्नी घायल हो गई थी। पूजा पाल ने आरोप लगाया गया था कि हत्या माफिया एवं तत्कालीन सांसद अतीक अहमद के इशारे पर हुई थी।
इस हत्या कांड मे अतीक अहमद व उसका भाई भी नामजद था लेकिन उनकी पूर्व मे हत्या हो चुकी है। सीबीआइ की ओर से स्पेशल पब्लिक प्रासिक्यूटर दीप नारायण तथा वादिनी की ओर से उनके अधिवक्ता प्रांशु अग्रवाल व मिथिलेश चौधरी पेश हुए।