ईरान से लेनदेन पर स्टैनचार्ट भरेगा जुर्माना
न्यूयॉर्क। ईरान से लेनदेन के आरोपों में घिरा ब्रिटेन का स्टैनचार्ट बैंक अमेरिकी बैंकिंग नियामक को करीब 1,
न्यूयॉर्क। ईरान से लेनदेन के आरोपों में घिरा ब्रिटेन का स्टैनचार्ट बैंक अमेरिकी बैंकिंग नियामक को करीब 1,900 करोड़ रुपये [34 करोड़ डॉलर] का हर्जाना देगा। न्यूयॉर्क के वित्तीय सेवा विभाग [डीएफएस] से हुए समझौते के तहत बैंक ने इसके लिए हामी भरी है। साथ ही बैंक दो साल के लिए एक अलग निगरानी तंत्र भी बनाएगा। यह सीधे डीएफएस को रिपोर्ट करेगा ताकि मनी लांड्रिंग के जोखिम का आकलन किया जा सके और उसे सुधारने के उपाय लागू किए जा सकें।
डीएफएस के सुपरिटेंडेंट बेंजामिन लावस्की ने कहा कि विभाग के परीक्षकों की बैंक में स्थायी तौर पर नियुक्ति की जाएगी। ये मनी लांड्रिंग और ऑडिट पर निगरानी रखेंगे। इस समझौते के लिए स्टैनचार्ट के सीईओ पीटर सैंड्स खुद न्यूयॉर्क पहुंचे और वे नियामक के समक्ष हर्जाने देने पर रजामंद हुए। इससे पहले स्टैनचार्ट ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा था कि उसके ईरान से जुड़े 99 फीसद लेनदेन में कानूनों का पालन किया गया है।
क्या था मामला
न्यूयॉर्क राज्य ने स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक [स्टैनचार्ट] पर करीब 13 हजार 875 अरब रुपये [250 अरब डॉलर] मूल्य के 60 हजार संदिग्ध लेनदेन छिपाने का आरोप लगाया था। बैंक को 'ठग संस्था' बताते हुए इसका लाइसेंस रद करने की भी न्यूयॉर्क ने धमकी दी थी। स्टैनचार्ट ने इस धन को दस साल के दौरान इधर से उधर पहुंचाया। डीएफएस का कहना था कि ब्रिटिश बैंक ने लालच में अमेरिकी कानूनों को धता बताया। इसने अरबों डॉलर के ऐसे लेनदेन किए, जिनमें ईरान और संदिग्ध आतंकी गतिविधियों से जुड़े धन की अमेरिका में बड़े पैमाने पर आवाजाही हुई। ऐसा तब हुआ, जबकि अमेरिका ने ईरान से लेनदेन पर प्रतिबंध लगा रखे हैं। कानूनन बैंक को अमेरिका के विदेशी संपत्ति नियंत्रण कार्यालय [ओएफएसी] को लेनदेन की सारी जानकारी मुहैया करानी थी। इसके बजाय बैंक ने सारी दिलचस्पी इन सौदों पर अरबों डॉलर की फीस वसूलने में दिखाई।
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