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एसबीआइ ने सस्ता किया कर्ज

मुंबई। रिजर्व बैंक के इशारों पर चलते हुए भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआइ) ने सभी तरह के कर्ज लेने वालों को थोड़ी राहत का इंतजाम कर दिया है। एसबीआइ ने कर्ज पर ब्याज दर में चौथाई फीसद की कटौती का एलान किया है। इसके तहत बैंक ने अपनी आधार दर (बेस रेट) को 25 फीसद घटा दिया है। इससे बैंक के होम व ऑटो लोन समेत अधिकत

By Edited By: Published: Wed, 19 Sep 2012 08:24 AM (IST)Updated: Wed, 19 Sep 2012 08:36 AM (IST)

मुंबई। रिजर्व बैंक के इशारों पर चलते हुए भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआइ) ने सभी तरह के कर्ज लेने वालों को थोड़ी राहत का इंतजाम कर दिया है। एसबीआइ ने कर्ज पर ब्याज दर में चौथाई फीसद की कटौती का एलान किया है। इसके तहत बैंक ने अपनी आधार दर (बेस रेट) को 10 से घटाकर 9.75 फीसद कर दिया है। इससे बैंक के होम व ऑटो लोन समेत अधिकतर कर्ज सस्ते हो जाएंगे।

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एक दिन पहले रिजर्व बैंक (आरबीआइ) ने सीआरआर चौथाई फीसद घटाकर 4.5 प्रतिशत किया था। इससे बैंकों के पास 17,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त नकदी आ गई। तभी एसबीआइ चेयरमैन प्रतीप चौधरी ने कर्ज सस्ता करने का संकेत दे दिया था। स्टेट बैंक के इस एलान के बाद अन्य बैंक भी कर्ज पर अपनी ब्याज दरें घटा सकते हैं।

इस कदम के साथ ही एसबीआइ केंद्रीय बैंक की पहल के बाद कर्ज पर ब्याज दर घटाने वाला पहला बैंक बन गया है। अब देश के इस दिग्गज बैंक की ब्याज दर बाजार में सबसे सस्ती दरों में शुमार हो गई है। चौधरी ने कहा कि हमारे पास 50 हजार करोड़ की अतिरिक्त नकदी मौजूद है। अगर कर्ज की मांग बढ़ी तो हम इस राशि का भी इस्तेमाल करेंगे। उन्होंने हाल ही में कर्ज की मांग घटने पर चिंता जताते हुए कहा था कि कर्ज सस्ता करने के लिए ही बैंक की फिक्स्ड डिपॉजिट दरों में कमी की जा रही है।

बैंक ने कुल छह लाख करोड़ रुपये के कर्ज बांट रखे हैं। इनमें से पांच लाख करोड़ के कर्ज पर ब्याज बेस रेट के आधार पर ही तय की जाती है। शेष एक लाख के कर्जो की ब्याज दर प्रमुख उधारी दर (बीपीएलआर) के हिसाब से निर्धारित की जाती है। बीपीएलआर पुराने कर्जो के मामले में ही लागू होती है।

क्या है आधार दर

बेस रेट वह दर है जिससे कम पर कोई बैंक कर्ज नहीं दे सकता है। बैंक इसी के आधार पर ही सभी तरह के कर्जो की ब्याज दर तय करते हैं। नकद आरक्षित अनुपात यानी सीआरआर जमाओं का वह हिस्सा है, जिसे बैंकों को अनिवार्य रूप से केंद्रीय बैंक के पास जमा करना पड़ता है। इसमें कमी से बैंकों के पास कर्ज देने के लिए नकदी की मात्रा बढ़ जाती है।

होम लोन पर सब्सिडी दें बैंक

आरबीआइ ने बैंकों को 15 लाख रुपये तक के होमलोन पर ग्राहकों एक फीसद की ब्याज सब्सिडी देने को कहा है। सरकार ने वर्ष 2011-12 में सस्ते मकानों पर ब्याज सब्सिडी की यह योजना घोषित की थी। इस योजना को 31 मार्च 2013 तक के लिए बढ़ाया गया है। इसके तहत 25 लाख रुपये कीमत के घरों पर 15 लाख रुपये तक के होमलोन पर सरकार एक फीसद की ब्याज सब्सिडी उपलब्ध कराती है। अब तक बैंक इस ब्याज सब्सिडी का लाभ देने से आनाकानी करते रहे हैं।

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