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आवासीय इकाइयों की कीमतों में गिरावट संभव

देश में दर्जन भर से ज्यादा टाउनशिप परियोजना लगा रही अंसल समूह की कंपनी अंसल एपीआइ देश के टियर-दो श्रेणी के शहरों में तेजी से विस्तार करने की मंशा रखती है। कंपनी फिलहाल अर्थव्यवस्था में आई सुस्ती को लेकर स्थिति साफ होने का इंतजार कर रही है। कंपनी के अधिशासी निदेशक [बिजनेस डेवलपमेंट] पीएन मिश्रा ने अपनी भावी विस्तार योजनाओं और रियल एस्टेट की मौजूदा स्थिति पर दैनिक जागरण के साथ बातचीत की।

By Edited By: Published: Fri, 02 Dec 2011 08:28 PM (IST)Updated: Fri, 02 Dec 2011 09:12 PM (IST)

नई दिल्ली, [जागरण ब्यूरो]। देश में दर्जन भर से ज्यादा टाउनशिप परियोजना लगा रही अंसल समूह की कंपनी अंसल एपीआइ देश के टियर-दो श्रेणी के शहरों में तेजी से विस्तार करने की मंशा रखती है। कंपनी फिलहाल अर्थव्यवस्था में आई सुस्ती को लेकर स्थिति साफ होने का इंतजार कर रही है। कंपनी के अधिशासी निदेशक [बिजनेस डेवलपमेंट] पीएन मिश्रा ने अपनी भावी विस्तार योजनाओं और रियल एस्टेट की मौजूदा स्थिति पर दैनिक जागरण के साथ बातचीत की।

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आपकी कंपनी की योजनाओं की क्या प्रगति है?

-अंसल एपीआइ लगभग दो दर्जन परियोजनाओं पर काम कर रही है। हम फिलहाल ज्यादा से ज्यादा टाउनशिप प्रोजेक्ट्स पर ध्यान दे रहे हैं। लखनऊ में हमारी सुशांत गोल्फ सिटी तो शहर के नए माइलस्टोन के तौर पर विकसित होने लगी है। ग्रेटर नोएडा से जुड़ी मेगापोलिस परियोजना भी देश में आवासीय क्षेत्र में एक नया स्टैंडर्ड बना रही है। विशेष आर्थिक क्षेत्र [एसईजेड] से संबंधित परियोजनाओं की रफ्तार भी काफी तेज है।

आपकी भावी विस्तार की क्या योजना है?

-फिलहाल हम मौजूदा योजनाओं को निर्धारित समय सीमा के भीतर पूरा करने पर पूरा ध्यान दे रहे हैं। लेकिन हम टियर-दो श्रेणी के शहरों में विस्तार करेंगे। इसके लिए उचित समय का इंतजार है। बाजार में भी अभी थोड़ी अनिश्चितता है, लेकिन मझोले व छोटे शहरों में बहुत ज्यादा मांग है। हम उचित समय पर इस बाजार में जाने की कोशिश करेंगे।

अर्थव्यवस्था में मंदी का आवासीय यूनिटों की कीमतों पर क्या असर पड़ेगा?

-मंदी का असर तो कीमतों पर है। मुझे लगता है कि आम तौर पर आवासीय इकाइयों की कीमतों में गिरावट भी संभव है। खास तौर पर जहां कीमतों को कृत्रिम तौर पर बढ़ा कर रखा गया है, वहां ज्यादा असर पड़ेगा। लेकिन एनसीआर जैसे देश के कई महत्वपूर्ण रीयल एस्टेट बाजारों में आवासीय इलाकों में कीमतें बहुत कम नहीं होने वाली। हां, यह भी तय है कि फिलहाल कीमतें बढ़ेंगी भी नहीं। अंसल एपीआइ में आवासीय इकाइयों की कीमतें हमेशा से काफी वाजिब रखने की परंपरा है।

नए भूमि अधिग्रहण ंिंवधेयक का रीयल एस्टेट पर क्या असर पड़ेगा?

-हम इस ंिवधेयक का स्वागत करते हैं। उम्मीद है कि केंद्र सरकार इस विधेयक को जल्द कानून बनाने में सफल रहेगी। सबसे अहम बात यह है कि इससे जमीन अधिग्रहण में आने वाली बाधाएं दूर होंगी। वैसे इस बात की तगड़ी संभावना है कि इससे परियोजनाओं की लागत बढ़ेगी। कंपनियों पर इस बढ़ी हुई लागत का बोझ जरूर पड़ेगा। लेकिन बाजार की स्थिति को देखते हुए यह बोझ ग्राहकों पर अभी नहीं डाला जा सकता।

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