Move to Jagran APP

केयर्न को दी भाग्यम क्षेत्र से तेल उत्पादन की मंजूरी

सरकारी कंपनी ओएनजीसी और पेट्रोलियम मंत्रालय की तकनीकी शाखा हाईड्रोकार्बन महानिदेशालय [डीजीएच] ने राजस्थान ब्लाक के दूसरे सबसे बड़े तेल क्षेत्र भाग्यम से उत्पादन शुरू करने को मंजूरी दे दी। इस घटनाक्रम से जुड़े सूत्रों ने कहा कि केयर्न अगले महीने किसी समय 20,000 से 25,000 बैरल प्रति दिन के आधार पर उत्पादन शुरू करेगी और यह अप्रैल तक 40,000 बैरल प्रति दिन के उच्चतम उत्पादन स्तर पर पहुंचेगा।

By Edited By: Published: Mon, 26 Dec 2011 04:07 PM (IST)Updated: Tue, 27 Dec 2011 02:55 AM (IST)
केयर्न को दी भाग्यम क्षेत्र से तेल उत्पादन की मंजूरी

नई दिल्ली। सरकारी कंपनी ओएनजीसी और पेट्रोलियम मंत्रालय की तकनीकी शाखा हाईड्रोकार्बन महानिदेशालय [डीजीएच] ने राजस्थान ब्लाक के दूसरे सबसे बड़े तेल क्षेत्र भाग्यम से उत्पादन शुरू करने को मंजूरी दे दी।

loksabha election banner

इस घटनाक्रम से जुड़े सूत्रों ने कहा कि केयर्न अगले महीने किसी समय 20,000 से 25,000 बैरल प्रति दिन के आधार पर उत्पादन शुरू करेगी और यह अप्रैल तक 40,000 बैरल प्रति दिन के उच्चतम उत्पादन स्तर पर पहुंचेगा। उल्लेखनीय है कि लंदन स्थित खनन समूह वेदांत ने हाल ही में केयर्न का अधिग्रहण किया है।

सूत्रों ने कहा कि उत्पादन योजना को समर्थन देने वाले तीसरे पक्ष का प्रमाणपत्र में कुछ देरी से प्राप्त हुआ जिसके बाद ओएनजीसी ने उत्पादन शुरू करने की मंजूरी दी। ओएनजीसी क्षेत्र में 30 प्रतिशत हिस्सेदार है।

इससे पहले डीजीएच ने उत्पादन योजना को मंजूरी दी थी। महानिदेशालय ने कहा कि वित्त वर्ष 2012 की उत्पादन दर, कार्यक्रम और भाग्यम क्षेत्र के लिए बजट को अब मंजूरी के लिए ब्लाक निगरानी समिति के सामने रखा जाएगा। इसके लिए प्रबंधन समिति की मंजूरी सात से दस दिन में मिलने की उम्मीद है जिसके बाद केयर्न भाग्यम से उत्पादन शुरू करने पर विचार करेगा।

फिलहाल मंगला, जो थार मरूस्थल ब्लाक के 18 तेल खोज में से सबसे बड़ा है, से 125,000 बैरल प्रति दिन उत्पादन हो रहा है लेकिन प्रबंधन समिति की मंजूरी के कुछ ही दिनों में उत्पादन बढ़कर 150,000 बैरल प्रति दिन हो जाएगा। इसी प्रकार भाग्यम से भी कच्चे तेल का उत्पादन प्रतिदिन 60 हजार बैरल तक बढ़ सकता है। इससे राजस्थान के इस तेल क्षेत्र से कुल मिलाकर प्रतिदिन 175,000 बैरल उत्पादन हो सकेगा।

केयर्न इंडिया राजस्थान के इस तेल क्षेत्र की संचालक कंपनी है और वह क्षेत्र में 70 प्रतिशत की हिस्सेदार है। कंपनी भाग्यम से अक्टूबर में ही उत्पादन के लिए तेयार थी लेकिन नियामकीय मंजूरी मिलने में देरी से उत्पादन शुरू नहीं हो पाया।

ओएनजीसी और केयर्न के बीच राजस्थान तेल क्षेत्र की रायल्टी और तेल पर उपकर के भुगतान पर विवाद की वजह से नई मंजूरी मिलने में देरी हुई। लेकिन अब जबकि ब्रिटेन की केयर्न एनर्जी जिसने की केयर्न इंडिया में 40 प्रतिशत हिस्सेदारी अनिल अग्रवाल की वेदांता समूह को बेच दी है, इस पर राजी हो गई है कि वह अपने हिस्से के 70 प्रतिशत हिस्से पर रायल्टी और सेस का भुगतान करेगी।

सूत्रों के अनुसार राजस्थान तेल क्षेत्र में प्रतिदिन कुल मिलाकर 3,00,000 बैरल उत्पादन की संभावना है। मंगला के बढ़े हुए डेढ़ लाख बैरल प्रतिदिन के अधिक उत्पादन और भाग्यम से 60,000 बैरल के साथ साथ ऐश्वर्या क्षेत्र से 25,000 बैरल तक उत्पादन हो सकता है। इसके अलावा क्षेत्र के अन्य क्षेत्रों से भी प्रतिदिन 65,000 बैरल तक तेल उत्पादन हो सकता है।

मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.