और चीनी निर्यात की मिल सकती है मंजूरी
चीनी निर्यात को लेकर खाद्य मंत्री केवी थॉमस का अड़ियल रुख कुछ नरम होने लगा है। उन्होंने बुधवार को इसका साफ संकेत देते हुए कहा कि उत्पादन अधिक होने के अनुमानों को देखते हुए सरकार और चीनी निर्यात की अनुमति देने पर विचार करेगी। बीते हफ्ते प्रधानमंत्री को लिखी चिट्ठी में कृषि मंत्री शरद पवार ने थॉमस पर चीनी निर्यात में अड़ंगा लगाने का आरोप लगाया था। शरद ने कहा था कि चीनी निर्यात बढ़ाकर गन्ना किसानों का सैकड़ों करोड़ रुपये का बकाया चुकाया जा सकता है।
नई दिल्ली। चीनी निर्यात को लेकर खाद्य मंत्री केवी थॉमस का अड़ियल रुख कुछ नरम होने लगा है। उन्होंने बुधवार को इसका साफ संकेत देते हुए कहा कि उत्पादन अधिक होने के अनुमानों को देखते हुए सरकार और चीनी निर्यात की अनुमति देने पर विचार करेगी। बीते हफ्ते प्रधानमंत्री को लिखी चिट्ठी में कृषि मंत्री शरद पवार ने थॉमस पर चीनी निर्यात में अड़ंगा लगाने का आरोप लगाया था। शरद ने कहा था कि चीनी निर्यात बढ़ाकर गन्ना किसानों का सैकड़ों करोड़ रुपये का बकाया चुकाया जा सकता है।
थॉमस ने बुधवार को राजीव गांधी राष्ट्रीय गुणवत्ता अवार्ड वितरण समारोह में कहा, 'चूंकि हमारी हालत बेहतर है, इसलिए हम और चीनी का निर्यात करने के खिलाफ नहीं हैं। अच्छे उत्पादन के मद्देनजर ईजीओएम की अगली बैठक में और अधिक चीनी निर्यात पर विचार करेंगे।' सरकार ने विपणन वर्ष [अक्टूबर-सितंबर] 2011-12 में 30 लाख टन चीनी निर्यात करने की अनुमति पहले ही दे दी है। वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी की अध्यक्षता वाले ईजीओएम की बैठक 25 अप्रैल को होनी है। समूह 10 लाख टन का निर्यात कोटा आवंटित करने की औपचारिकताओं पर भी फैसला करेगा। समूह ने इसके लिए 26 मार्च को मंजूरी दी थी, लेकिन इसे अधिसूचित नहीं किया गया। इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन [इस्मा] के अनुसार देश में चीन का उत्पादन मौजूदा सत्र में 15 अप्रैल तक 2.46 करोड़ टन रहा। एसोसिएशन की मानें तो मौजूदा चीनी सत्र में उत्पादन 2.6 करोड़ टन रहेगा।
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