नवरत्न नियम होंगे आसान
नई दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों (पीएसयू) को नवरत्न का दर्जा मिलना जल्द आसान हो सकता है। केंद्र सरकार इस संबंध में एक प्रस्ताव पर विचार कर रही है। इस पर फैसला जल्द हो सकता है। इसके जरिए न केवल कंपनियों का मूल्याकन बढ़ाया जा सकेगा बल्कि हिस्सेदारी बिक्री के समय सरकार को भी लाभ मिलेगा। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि
नई दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों (पीएसयू) को नवरत्न का दर्जा मिलना जल्द आसान हो सकता है। केंद्र सरकार इस संबंध में एक प्रस्ताव पर विचार कर रही है। इस पर फैसला जल्द हो सकता है। इसके जरिए न केवल कंपनियों का मूल्याकन बढ़ाया जा सकेगा बल्कि हिस्सेदारी बिक्री के समय सरकार को भी लाभ मिलेगा।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सार्वजनिक उपक्रम विभाग (डीपीई) ने एक समिति का गठन किया है, जो नवरत्न नियमों पर पुनर्विचार कर रही है। इस समिति की कई बार बैठक हो चुकी है। नए आसान नवरत्न नियमों की सिफारिश जल्द ही समिति कर सकती है। इन नियमों के बाद कई सार्वजनिक कंपनिया नवरत्न का दर्जा हासिल कर सकेंगी। विनिवेश मंत्रालय ने प्रति शेयर कमाई के फॉर्मूले को खत्म करने की माग की है। अधिकारी ने कहा कि हमारी राय भी विनिवेश मंत्रालय जैसी ही है। नवरत्न श्रेणी-1 का दर्जा हासिल करने के लिए सार्वजनिक कंपनियों के तीन साल के प्रदर्शन को छह अलग-अलग मानकों पर परखा जाता है। कंपनियों को 100 प्वाइंट के मानक में से 60 प्वाइंट हासिल करने होते हैं। इनमें कुल मूल्य (25 प्वाइंट), प्रति शेयर कमाई (10 प्वाइंट), उत्पादन की लागत में कर्मचारियों पर खर्च का हिस्सा या अनुपात (15 प्वाइंट) और कारोबार में शुद्ध लाभ (15 प्वाइंट) शामिल है।
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