ईपीएफ की मिलेगी पासबुक!
संगठित क्षेत्र के पौने पांच करोड़ कर्मचारियों को अगले साल अप्रैल से ईपीएफ अंशदान को बताने वाली पासबुक मिल सकती है। यह 'अंशदान कार्ड' होगा, जो बैंक पासबुक जैसा ही होगा। इसमें कर्मचारी भविष्य निधि [ईपीएफ] के अंशदाता के खाते का पूरा ब्योरा दर्ज होगा।
नई दिल्ली। संगठित क्षेत्र के पौने पांच करोड़ कर्मचारियों को अगले साल अप्रैल से ईपीएफ अंशदान को बताने वाली पासबुक मिल सकती है। यह 'अंशदान कार्ड' होगा, जो बैंक पासबुक जैसा ही होगा। इसमें कर्मचारी भविष्य निधि [ईपीएफ] के अंशदाता के खाते का पूरा ब्योरा दर्ज होगा।
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन यानी ईपीएफओ के केंद्रीय ट्रस्टी बोर्ड [सीबीटी] की बैठक 23 दिसंबर को होनी है। इसमें ईपीएफ में योगदान करने वालों को अगले साल पहली अप्रैल से अंशदान कार्ड उपलब्ध कराने के प्रस्ताव पर विचार होगा। सीबीटी ईपीएफओ का शीर्ष निर्णयकारी निकाय है। इसके अध्यक्ष केंद्रीय श्रम मंत्री होते हैं।
इससे पहले सीबीटी ने भवन, निर्माण और ईंट भट्टा जैसे असंगठित क्षेत्र विशेष के अंशधारकों को पासबुक उपलब्ध कराने का प्रस्ताव तैयार किया था। ईपीएफओ यह योजना इस डर से लागू नहीं कर पाया कि कामगारों के तेजी से नौकरी बदलने की वजह से तमाम तरह की दिक्कतें होंगी, खासकर जब वह असंगठित से संगठित क्षेत्र में जाएगा। इसी समस्या से निजात पाने के लिए ही अब ईपीएफओ सभी 4.72 करोड़ अंशदाताओं के लिए एक जैसी पासपुक स्कीम लागू करना चाहता है।
क्या-क्या होगा इसमें
इस कार्ड में अंशदान की सूचना के साथ-साथ जन्मतिथि, नामित व्यक्ति और अन्य पारिवारिक ब्योरे दर्ज होंगे। इसे हर महीने अपडेट किया जाएगा। कर्मचारी भविष्य निधि योजना 1952 के प्रावधानों के तहत फिलहाल नियोक्ता को ऐसे कार्ड तैयार करना और उन्हें हर माह अपडेट करना जरूरी है। अब तक ये कार्ड अंशदाताओं को नहीं मुहैया कराए जाते थे।
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