दो लाख हो सकती है आयकर छूट सीमा
नौकरीपेशा लोग अगले बजट से आयकर में कुछ राहत की उम्मीद कर सकते हैं। वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी आयकर छूट सीमा को बढ़ाकर दो लाख रुपये सालाना कर सकते हैं। फिलहाल यह सीमा एक लाख 80 हजार रुपये है। टैक्स सुधारों को आगे बढ़ाने के लिए संसद में पेश प्रत्यक्ष कर संहिता [डीटीसी] विधेयक में भी यही व्यवस्था की गई है। इसमें दो लाख रुपये तक की सालाना आय को करमुक्त रखा गया है। साथ ही विभिन्न कर दरों की श्रेणी में आय सीमा बढ़ाई गई है।
नई दिल्ली। नौकरीपेशा लोग अगले बजट से आयकर में कुछ राहत की उम्मीद कर सकते हैं। वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी आयकर छूट सीमा को बढ़ाकर दो लाख रुपये सालाना कर सकते हैं। फिलहाल यह सीमा एक लाख 80 हजार रुपये है। टैक्स सुधारों को आगे बढ़ाने के लिए संसद में पेश प्रत्यक्ष कर संहिता [डीटीसी] विधेयक में भी यही व्यवस्था की गई है। इसमें दो लाख रुपये तक की सालाना आय को करमुक्त रखा गया है। साथ ही विभिन्न कर दरों की श्रेणी में आय सीमा बढ़ाई गई है।
केंद्र की संप्रग सरकार के सामने इस वक्त जैसी राजकोषीय दिक्कतें हैं, उन्हें देखते हुए आयकर की दरों में तो कमी के कोई आसार नजर नहीं आते हैं। हां, इतना जरूर है कि सरकार डीटीसी की कई प्रमुख सिफारिशों को बजट में सुविधानुसार शामिल कर सकती है। डीटीसी विधेयक फिलहाल संसद की स्थाई समिति के विचाराधीन है। विधेयक में यह भी प्रस्ताव है कि 30 फीसदी का आयकर 10 लाख रुपये सालाना से अधिक कमाने वालों पर लगाया जाना चाहिए। इस समय यह सीमा आठ लाख रुपये है।
वित्त मंत्री मार्च मध्य में अगले वित्त वर्ष 2012-13 का बजट पेश करेंगे। ऊंची महंगाई के बीच उद्योग भी आयकर स्लैब बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। बहरहाल माना जा रहा है कि सरकार मौजूदा कर दरों को 10, 20 और 30 प्रतिशत के स्तर पर बरकरार रखेगी। उद्योग चैंबर सीआइआइ के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा कि उन्होंने आयकर छूट सीमा को बढ़ाकर ढाई लाख करने का सुझाव दिया है। साथ ही 2.5 लाख से छह लाख रुपये की सालाना आय पर 10, 6 से 10 लाख पर 20 और 10 लाख रुपये से अधिक आय पर 30 फीसदी कर लगाने की राय दी है। फिलहाल 1.80 लाख रुपये से अधिक आय पर 10 फीसदी इनकम टैक्स लगता है। यही दर पांच लाख रुपये तक की सालाना आमदनी पर लागू होती है। इससे ऊपर 20 फीसदी आयकर देय है। यह सीमा आठ लाख रुपये तक जाती है। आठ लाख रुपये से ऊपर की वार्षिक आय पर 30 फीसदी टैक्स चुकाना पड़ता है। बुजुर्गो के मामले में छूट ज्यादा है।
उद्योग चैंबर फिक्की महासचिव राजीव कुमार ने कहा कि सरकार को लोगों को कर के दायरे में आने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। राजस्व संकट के मद्देनजर संभव है कि आयकर दर में कमी नहीं हो। एसोचैम के अध्यक्ष दिलीप मोदी ने भी बजट में कर छूट सीमा बढ़ाए जाने की मांग की। कर छूट सीमा बढ़ाने की मांग करते हुए पीएचडी चैंबर की महासचिव सुष्मिता शेखर ने कहा कि खर्च करने योग्य आय में इजाफा अर्थव्यवस्था में मांग बढ़ाने के लिए जरूरी है।
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