Bihar Land Registry: जमीन रजिस्ट्री का ग्राफ गिरा, राजस्व विभाग को लग रहा लाखों का चूना; लोग भी परेशान
निबंधन कार्यालय में जहां हर दिन चहल-पहल हुआ करती थी वहीं अब सन्नाटा पसरा है। कातिब प्रतिदिन आते जरूर हैं मगर उनके पास कोई काम नहीं होता। कार्यालय के कर्मी भी काम के अभाव में बैठे रहते हैं। पहले प्रतिदिन लगभग 200 रजिस्ट्री होती थी वहीं अब 15 से 20 रजिस्ट्री ही हो रही है। लोग भी नए नियम से परेशान हैं।
जागरण संवाददाता, मोतिहारी। राज्य सरकार के स्तर पर जमाबंदी के नियम को प्रभावी तरीके से लागू करने का लाभ भले ही दूरगामी हो पर तत्काल उसका असर भूमि के निबंधन कार्य पर पड़ रहा है। निबंधन कार्यालय में जहां हर दिन चहल-पहल हुआ करती थी, वहीं अब सन्नाटा पसरा है।
कातिब प्रतिदिन आते जरूर हैं, मगर उनके पास कोई काम नहीं होता। कार्यालय के कर्मी भी काम के अभाव में बैठे रहते हैं। आसपास की दुकानें अब बंद होने की कगार पर हैं। बताया जाता है कि जहां प्रतिदिन लगभग 200 निबंधन होता था वह अब 15 से 20 पर पहुंच गया है। यह स्थिति करीब एक माह से है।
हालांकि, प्रशासनिक स्तर पर इसके लिए प्रयास जरूर किया जा रहा है, लेकिन उसका असर अभी दिख नहीं रहा है।
भूमि विवाद की समस्या का होगा निराकरण
अक्सर भूमि को लेकर उत्पन्न विवाद इस नियम के लागू होने के बाद समाप्त हो जाएंगे। अब किसी भी भूमि का कोई निबंधन नहीं कर सकेगा। पूर्व में वैसी भूमि जो उनके नाम से नहीं है, पर उनके हिस्से में मिली है उसे आसानी से बेच रहे थे। इस नियम के तहत एक ही भूमि को कई लोग कई बार बेच देते थे।
इस स्थिति में भूमि से संबंधित विवाद बढ़ रहा था। अंचल स्तर पर हर सप्ताह भूमि से संबंधित विवाद आते थे। यहीं नहीं, न्यायालयों में भी भूमि विवाद का बोझ बढ़ रहा था। नए नियम के बाद भूमि से संबंधित विवाद कम होंगे। साथ ही वही भूमि को बेच सकेगा जिसके नाम से जमाबंदी कायम हो।
जिसके नाम जमाबंदी होगी वह दे सकता है पावर ऑफ अटर्नी
पावर ऑफ अटर्नी वही किसी को दे सकेगा जिसके नाम से जमाबंदी कायम होगी। ऐसा नहीं होगा कि पूर्वजों के नाम पर भूमि की जमाबंदी है और आप किसी को भी पावर ऑफ अटर्नी दे दें। नियम के तहत अगर पावर ऑफ अटर्नी लिया गया हो तो जिसे पावर मिला है वह भूमि या संपत्ति का निबंधन कर सकता है। इसके लिए जिसने पावर दिया है उससे पहले सत्यापन कराना होगा कि उसकी सहमति है या नहीं।
अंचल कार्यालय से कायम होगी जमाबंदी
वैसे भू-स्वामी जिनके पास भूमि तो है पर उनके नाम से जमाबंदी नहीं है। पूर्वजों के नाम पर जमाबंदी कायम है। आपसी बंटवारा कर लोग वर्षों से भूमि पर खेती या घर बनाकर रह रहे हैं। अब वैसे सभी भू-स्वामियों को वंशावली प्रमाण पत्र बनवाना होगा। साथ ही शेड्यूल में सबकी सहमति से बंटवारा कर अंचलाधिकारी के समक्ष उपस्थित होना होगा। संतुष्ट होने के बाद अंचलाधिकारी संबंधित भूमि की जमाबंदी को कायम कर सकेंगे।
भविष्य के लिए यह नियम काफी कारगर साबित होगा। अगर पूर्वजों के नाम पर जमीन है तो प्रक्रिया के तहत जमाबंदी अपने नाम से करा लें, ताकि आगे आने वाली परेशानी से मुक्ति मिल जाए। इसके लिए लोग अंचल कार्यालय जाकर जमाबंदी अपने नाम करा सकते हैं। - सौरभ जोरवाल, जिलाधिकारी, पूर्वी चंपारण
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