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Bengal News: कुलपतियों की नियुक्ति का अधिकार कुलाधिपति के ही पास, राज्य सरकार के पास नहीं- राजभवन

Bengal Raj Bhavan बंगाल में राज्य सरकार द्वारा संचालित विश्वविद्यालयों में नियुक्तियों को लेकर ममता सरकार और राज्यपाल डॉक्टर सीवी आनंद बोस के बीच जारी खींचतान के बीच राजभवन ने बुधवार को उन खबरों का खंडन करते हुए स्पष्ट कहा कि सुप्रीम कोर्ट का ऐसा कोई निर्देश नहीं है कि कुलाधिपति को सरकार के नामित व्यक्तियों को कुलपति (वीसी) नियुक्त करना चाहिए।

By Jagran News Edited By: Abhinav Atrey Published: Wed, 17 Apr 2024 11:50 PM (IST)Updated: Wed, 17 Apr 2024 11:50 PM (IST)
सुप्रीम कोर्ट का आदेश कुलपतियों की नियुक्ति में कुलाधिपति के अधिकार को स्पष्ट करता है। (फाइल फोटो)

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। बंगाल में राज्य सरकार द्वारा संचालित विश्वविद्यालयों में नियुक्तियों को लेकर ममता सरकार और राज्यपाल डॉक्टर सीवी आनंद बोस के बीच जारी खींचतान के बीच राजभवन ने बुधवार को उन खबरों का खंडन करते हुए स्पष्ट कहा कि सुप्रीम कोर्ट का ऐसा कोई निर्देश नहीं है कि कुलाधिपति को सरकार के नामित व्यक्तियों को कुलपति (वीसी) नियुक्त करना चाहिए।

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नियुक्ति विवाद में एक दिन पहले मंगलवार को आए सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए राजभवन ने कहा कि शीर्ष न्यायालय का आदेश कुलपतियों की नियुक्ति में कुलाधिपति यानी राज्यपाल के अधिकार को स्पष्ट करता है। बोस राज्य द्वारा संचालित विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति भी हैं। बुधवार शाम राजभवन ने एक बयान में कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कहा है कि कुलपतियों की नियुक्ति करने वाला प्राधिकारी कुलाधिपति हैं, न कि राज्य सरकार।

अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी पेश हुए थे

बयान में कहा गया कि कुलाधिपति (राज्यपाल) की ओर से पेश अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी ने मंगलवार को सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत को बताया कि उन्होंने ममता बनर्जी सरकार द्वारा भेजी गई सूची में से छह नामों को मंजूरी दे दी है। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को बंगाल के राज्यपाल को राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध कराई गई उम्मीदवारों की सूची में से छह उपयुक्त व्यक्तियों को कुलपति नियुक्त करने का निर्देश दिया है।

छह व्यक्तियों की तत्काल नियुक्ति की जाए

न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने कहा कि इन छह व्यक्तियों की तत्काल नियुक्ति की जाए। पीठ ने राज्य सरकार से कुलाधिपति के कार्यालय को उपयुक्त उम्मीदवारों की एक नई सूची भेजने के लिए भी कहा, जो उनमें से कुछ और कुलपतियों को नियुक्त करने का निर्णय ले सकते हैं।

विश्वविद्यालयों में अंतरिम कुलपति नियुक्त कर सकते हैं कुलाधिपति

राजभवन ने बताया कि सर्वोच्च न्यायालय ने अंतरिम आदेश पारित करते हुए स्पष्ट कहा है कि कुलाधिपति उन विश्वविद्यालयों में अंतरिम कुलपति नियुक्त कर सकते हैं, जहां कुलपति का पद रिक्त है। कुछ सप्ताह पहले सर्वोच्च न्यायालय ने सुझाव दिया था कि राज्यपाल और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी एक कप काफी पर मिलें और राज्य विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्ति व अन्य मुद्दों को सुलझाने का प्रयास करें।

मुख्यमंत्री और राज्यपाल की दो बार मुलाकात

तदनुसार, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और राज्यपाल आनंद बोस ने दो बार मुलाकात की थी। इसके बाद, राज्य सरकार ने सभी राज्य-सहायता प्राप्त विश्वविद्यालयों में अंतरिम कुलपति के रूप में नियुक्ति पर विचार के लिए 31 नामों की एक सूची सौंपी थी। हालांकि, राज्यपाल ने उन विश्वविद्यालयों में अंतरिम कुलपति की नियुक्ति के लिए सूची में से छह नामों को ही मंजूरी दी है।

सुझाए नामों को अनुपयुक्त बताकर अस्वीकार किया

राजभवन ने कहा कि शिक्षा मंत्री द्वारा सुझाए गए अन्य नामों को कुलाधिपति ने अपात्र अथवा अनुपयुक्त बताकर अस्वीकार कर दिया है। राजभवन ने अदालत के फैसलों का हवाला देकर इस बात पर जोर दिया कि केवल कुलाधिपति के पास ही कुलपति को नियुक्त करने, पुन: नियुक्त करने या अस्थाई रूप से नियुक्त करने या हटाने का अधिकार है।

कुलाधिपति के पास ही नियुक्ति का अधिकार- हाई कोर्ट

राजभवन ने उल्लेख किया किकलकत्ता उच्च न्यायालय ने भी इससे पहले पिछले साल 14 मार्च, 2023 को यह निर्णय दिया था कि केवल कुलाधिपति के पास कुलपति को नियुक्त करने, पुनर्नियुक्त करने या अस्थायी रूप से नियुक्त करने या हटाने का अधिकार है। उसके बाद 28 जून 2023 को भी कलकत्ता उच्च न्यायालय ने कहा था कि जब अंतिम निर्णय परामर्शदाता के पास होता है, तो परामर्श का तरीका, विधि और तरीका परामर्शदाता के पास छोड़ दिया जाना चाहिए।

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