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बंगाल की तीन सीटों पर थमा चुनावी शोर, 37 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला करेंगे 56.26 लाख वोटर्स; 19 को मतदान

बंगाल की तीन सीटों पर प्रथम चरण में 19 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे। यहां के 37 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला 56.26 लाख से अधिक मतदाता करेंगे। बुधवार की शाम छह बजे कूचबिहार (एससी) अलीपुरद्वार (एसटी) और जलपाईगुड़ी (एससी) सीटों पर चुनावी शोर थम गया। पहले चरण में इन तीनों सीटों के 5814 बूथों पर सुबह सात बजे से शाम छह बजे तक वोट डाले जाएंगे।

By Jagran News Edited By: Abhinav Atrey Published: Wed, 17 Apr 2024 11:00 PM (IST)Updated: Wed, 17 Apr 2024 11:00 PM (IST)
चुनाव प्रचार में भाजपा-तृणमूल ने पूरी ताकत झोंकी। (फाइल फोटो)

राज्य ब्यूरो, जागरण, कोलकाता। बंगाल की तीन सीटों पर प्रथम चरण में 19 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे। यहां के 37 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला 56.26 लाख से अधिक मतदाता करेंगे। बुधवार की शाम छह बजे कूचबिहार (एससी), अलीपुरद्वार (एसटी) और जलपाईगुड़ी (एससी) सीटों पर चुनावी शोर थम गया।

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पहले चरण में इन तीनों सीटों के 5814 बूथों पर सुबह सात बजे से शाम छह बजे तक वोट डाले जाएंगे। परंतु, पहाड़ व बांग्लादेश की सीमा से सटे व चायबागान के लिए मशहूर इन सीटों से चलने वाली वोट रूपी बयार किस ओर चलेगी यह तो चार जून को पता चलेगा, लेकिन एक बात तय है कि जिस तरह से प्रथम चरण से ही भाजपा व तृणमूल ने पूरी ताकत झोंकी है उससे आने वाले चरणों में लड़ाई और दिलचस्प होने के आसार हैं।

भाजपा-टीएमसी ने जमकर प्रचार किया

उत्तर बंगाल जहां यह सीटें हैं वहां भाजपा प्रत्याशियों के समर्थन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, सूचना प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर चुनाव प्रचार कर चुके हैं। वहीं मुख्यमंत्री व तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी उनके भतीजे व पार्टी महासचिव अभिषेक बनर्जी ने उन क्षेत्रों में जमकर प्रचार किए।

दो सीटों पर लड़ाई त्रिकोणीय

वैसे दो सीटों पर लड़ाई त्रिकोणीय और एक सीट पर चतुष्कोणीय है। तृणमूल अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति बहुल इन तीनों सीटें भाजपा से छीनने की कोशिश में है। वहीं भाजपा 2019 का प्रदर्शन दोहराने को पूरी ताकत लगा रखी है। भाजपा-तृणमूल की लड़ाई का फायदा वाममोर्चा और कांग्र्रेस उठाने के चक्कर में है। कूचबिहार सीट पर कांग्र्रेस के साथ-साथ वाममोर्चा के घटक दल फारवर्ड ब्लाक ने भी अपने प्रत्याशी  उतार रखा है। प्रथम चरण में प्रचार के लिए कोई बड़ा कांग्र्रेसी नेता दिल्ली से नहीं पहुंचे।

कूचबिहार में सात निर्दलीय प्रत्याशियों समेत 14 उम्मीदवार

कूचबिहार सीट पर सात निर्दलीय प्रत्याशियों समेत 14 उम्मीदवार मैदान में है। जिनके भाग्य का फैसला 19,66,893 वोटर करेंगे। भाजपा ने 2019 में जीते केंद्रीय राज्यमंत्री निशिथ प्रमाणिक को प्रत्याशी बनाया है तो तृणमूल ने जगदीश चंद्र बर्मा बसुनिया को मैदान में उतारा है। वहीं वाममोर्चा समर्थित फारवर्ड ब्लाक ने नीतीश चंद्र राय और कांग्र्रेस ने पिया राय चौधरी को उम्मीदवार बनाया है। यहां बहुजन समाज पार्टी ने भी अपने प्रत्याशी उतारे हैं।

अलीपुरद्वार सीट पर दो निर्दलीय समेत 11 प्रत्याशी

अलीपुरद्वार सीट पर दो निर्दलीय समेत 11 प्रत्याशी भाग्य आजमा रहे हैं। इनके भाग्य का फैसला 17,73,252 मतदाता करेंगे। भाजपा ने मौजूदा सांसद व केंद्रीय मंत्री जान बारला का टिकट काट कर स्थानीय विधायक व चायबागान श्रमिकों में अच्छी पकड़ रखने वाले मनोज तिग्गा और तृणमूल ने अपने राज्यसभा सदस्य प्रकाश चिक बड़ाइक पर दांव लगाया है।

चुनाव प्रचार में भाजपा-तृणमूल ने पूरी ताकत झोंकी

वहीं वाममोर्चा ने रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी (आरएसपी) नेता मिली ओरांव को फिर से मैदान में उतारा है। यहां लड़ाई मुख्य रूप से भाजपा और तृणमूल के बीच माना जा रहा है। हालांकि,पिछले लोकसभा और विधानसभा चुनाव में आदिवासी व अनुसूचित जाति वाले इलाकों में भाजपा का प्रदर्शन बेहतर रहा था, यही तृणमूल के लिए चिंता का विषय है। चुनाव प्रचार में भाजपा व तृणमूल ने पूरी ताकत लगा रखी थी। इन दोनों सीटों पर 2009 से 14 तक तृणमूल का कब्जा था। इससे पहले 1977 से लेकर 2004 तक वाममोर्चा के घटक दल का कब्जा था।

जलपाईगुड़ी सीट से पांच निर्दलीय समेत 12 प्रत्याशी

वहीं जलपाईगुड़ी सीट से पांच निर्दलीय समेत 12 प्रत्याशी मैदान में हैं। जिनके भाग्य का फैसला 18,85,963 वोटर करेंगे। भाजपा ने 2019 में जीतने वाले डाक्टर जयंत राय चौधरी को फिर से टिकट दिया है। वहीं तृणमूल ने स्थानीय विधायक निर्मल चंद्र राय को मैदान में उतारा है। निर्मल ने पिछले वर्ष हुए विधानसभा उपचुनाव में भाजपा से धुपगुड़ी सीट छीन ली थी। कांग्र्रेस-वाममोर्चा समर्थित माकपा प्रत्याशी के रूप में देबराज बर्मन मैदान में हैं। 2014 इस सीट पर तृणमूल का कब्जा था और 2009 में माकपा जीती थी।

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