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Baba Tarsem Singh Murder: पंजाब से तराई का कनेक्शन, बदमाशों को मिल रही महफूज जगह

Baba Tarsem Singh Murder उत्तराखंड पुलिस की खुफिया कहीं न कहीं पंजाब से आने वाले शूटरों को लेकर एक कदम पीछे ही रह जा रही है। पंजाब से तराई में आकर बदमाशों द्वारा आपराधिक घटनाओं को अंजाम देने की फेहरिस्त निरंतर लंबी हो रही है। हरियाणा पंजाब उत्तरप्रदेश दिल्ली व बिहार जैसे राज्यों के अपराधी यहां पनाह ले रहे हैं।

By abhay pandey Edited By: Nirmala Bohra Published: Sat, 30 Mar 2024 11:59 AM (IST)Updated: Sat, 30 Mar 2024 11:59 AM (IST)
Baba Tarsem Singh Murder: पंजाब से तराई का कनेक्शन, बदमाशों को मिल रही महफूज जगह
Baba Tarsem Singh Murder: पंजाब से आकर आपराधिक घटनाओं को अंजाम देने की फेहरिस्त निरंतर लंबी हो रही है।

अभय कुमार पांडेय, काशीपुर। Baba Tarsem Singh Murder: पंजाब से तराई में आकर बदमाशों द्वारा आपराधिक घटनाओं को अंजाम देने की फेहरिस्त निरंतर लंबी हो रही है। पंजाब के सबसे आखिरी छोर पर बसा जिला तरन तारन उत्तराखंड पुलिस के लिए नया नहीं है। 2022 में काशीपुर के पीएनबी में लूट के तीन आरोपित भी इसी जिले के निकले थे।

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काशीपुर में महल सिंह हत्याकांड के पीछे भी पंजाब से ही शूटर काशीपुर बुलाए गए थे। तराई में हर बड़ी घटना को अंजाम देने से पहले इन बदमाशों को स्थानीय स्तर पर शरण देने व रेकी का प्रबंध भी किया गया।

नौ जून 2022 की दोपहर तीन बजकर 57 मिनट पर असलहे से लैस तीन बदमाश पीएनबी में घुसे थे। उन्होंने कैश काउंटर पर रखे 15 लाख रुपये लूटे थे। वारदात के बाद आरोपित बाइक से फरार हुए थे। नंबर ट्रेस करने पर बाइक अजीतपुर निवासी व्यक्ति की पाई गई। उसी के घर में तीन बदमाशों को शरण दी गई थी।

टांडा उज्जैन से ढकिया गुलाबो जाने वाली रोड पर मुठभेड़ के बाद तीनों बदमाश गिरफ्तार कर लिए गए। वे पट्टी तरनतारन (पंजाब) निवासी जुगराज सिंह, अर्शदीप सिंह और जगजीत सिंह थे।

उत्तराखंड पुलिस शूटरों से एक कदम पीछे

उत्तराखंड पुलिस की खुफिया कहीं न कहीं पंजाब से आने वाले शूटरों को लेकर एक कदम पीछे ही रह जा रही है। बाहरी राज्यों में आपराधिक वारदात के बाद छिपने के लिए तराई-भाबर क्षेत्र बदमाशों की शरणस्थली बनता जा रहा है।

हरियाणा, पंजाब, उत्तरप्रदेश, दिल्ली व बिहार जैसे राज्यों के अपराधी यहां पनाह ले रहे हैं। सत्यापन और बीट पुलिसिंग कमजोर होने से उत्तराखंड के तराई और भाबर क्षेत्र में बाहरी राज्यों के कई शातिर अपराधी या तो शरण ले चुके हैं या कई बड़ी घटनाओं का अंजाम दे चुके हैं।

  • 19 जुलाई 2021 : पंजाब से भागकर काशीपुर के गुलजारपुर में छिपे तीन गैंगस्टरों को एसटीएफ और पंजाब की क्राइम पेट्रोल यूनिट ने संयुक्त आपरेशन चलाकर मुठभेड़ के बाद धर दबोचा था। गैंगस्टर यहां एक सप्ताह से छिपे थे। उनसे मैग्नम पिस्टल और असलहा बरामद हुए थे। पकड़े गए गैंगस्टर बठिंडा (पंजाब) निवासी संदीप उर्फ भल्ला, संगरूर (पंजाब) निवासी फतेह सिंह उर्फ युवराज और अमनदीप हैं। एक रिश्तेदार के कहने पर गुलजारपुर के जगवंत ने इन्हें शरण दी थी।
  • अक्टूबर 2022 : काशीपुर में स्टोन क्रशर स्वामी महल सिंह हत्याकांड में शूटर पंजाब से बुलाए गए थे। बिजनेस पार्टनर ने ही काशीपुर में शूटरों के रुकने और रेकी का प्रबंध कराया था।
  • वर्ष 2017 में कांग्रेसी नेता किरन सरदार की हत्या करने के लिए बिहार और छत्तीसगढ़ से भाड़े के शूटर आए थे। इस दौरान वह कई दिनों तक ट्रांजिट कैंप में किराये के कमरे में रहकर रेकी करते रहे। हालांकि बाद में पुलिस ने लोगों की मदद से उन्हें दबोच लिया था।
  • 17 नवंबर 2020 को सितारगंज में पुलिस पर चेकिंग के दौरान हरियाणा के तीन इनामी बदमाशों ने हमला कर दिया था। इस पर पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। जब जांच की गई तो पता चला कि वे लंबे समय से सितारगंज में किराये में कमरा लेकर रह रहे थे। गिरफ्तार बदमाश पवन पर एक लाख रुपये, मोनू पर 50 और आशीष पर 25 हजार का इनाम घोषित था।
  • 21 जनवरी 2023 जनवरी की रात एसटीएफ ने पंजाब के पठानकोट में बम ब्लास्ट के साजिशकर्ता को शरण देने वाले बाजपुर और केलाखेड़ा के चार युवकों को गिरफ्तार किया। हालांकि टीम के उन तक पहुंचने से पहले ही आतंकी फरार हो गया। इस पर एसटीएफ ने आतंकी को शरण देने वाले शेरा से एक पिस्टल और चार कारतूस के साथ ही तीन अन्य को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।

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