Baba Tarsem Singh Murder: छोटी उम्र से ही पंथ की सेवा में डटे थे बाबा तरसेम, कुछ ऐसा था उनका बचपन
Baba Tarsem Singh Murder बाबा की उम्र तब मात्र तीन वर्ष थी जब उनका परिवार पंजाब के फतेहगढ़ साहिब जिले के सरहिंद से 1970 में आकर खटीमा झनकट के जसारी गांव में आकर बस गया। मां के निधन के बाद वह अपने बाल्यकाल में ही डेरा कारसेवा से जुड़ गए और हमेशा के लिए पंथ की सेवा के संकल्प के साथ इसमें डट गए।
जागरण संवाददाता, खटीमा : Baba Tarsem Singh Murder: बाबा तरसेम सिंह का गुरुघर की सेवा से बाल्यावस्था में ही नाता जुड़ गया था और एक बार जुड़ा हुआ यह नाता ताउम्र अखंड बना रहा। बाबा की उम्र तब मात्र तीन वर्ष थी, जब उनका परिवार पंजाब के फतेहगढ़ साहिब जिले के सरहिंद से 1970 में आकर खटीमा झनकट के जसारी गांव में आकर बस गया।
गांव के हरभजन सिंह बतातें हैं कि पिता बिरसा सिंह की चार संतानें थी। जिनमें बाबा तरसेम सिंह सबसे बड़े थे। जोगेंद्र सिंह, दारा व गोरा अन्य भाई थे। इसके अलावा एक बहन भी है। बताते हैं कि बाबा तरसेम प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त करने झनकट व नानकमत्ता जाते रहे।
इस बीच बचपन में ही उनकी मां का निधन हो गया। मां के निधन के बाद उनका मन गुरुघर की सेवा में ज्यादा रमने लगा और वह अपने बाल्यकाल में ही डेरा कारसेवा के तत्कालीन प्रमुख रहे बाबा टहल सिंह व बाबा फौजा सिंह से प्रभावित होकर डेरा कारसेवा से जुड़ गए और हमेशा के लिए पंथ की सेवा के संकल्प के साथ इसमें डट गए। उस दिन से आज की तिथि तक वह लगातार पंथ की सेवा करते रहे। गांव के पुराने लोग बताते हैं कि अब परिवार का यहां कोई नहीं रहता है। सभी सरहिंद चले गए हैं।
राज्यपाल ने बाबा तरसेम सिंह की मृत्यु पर व्यक्त किया शोक
राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) ने नानकमत्ता गुरुद्वारे के डेरा प्रमुख बाबा तरसेम सिंह की असामयिक मृत्यु पर शोक संवेदना व्यक्त की। राज्यपाल ने ईश्वर से दिवंगत की आत्मा की शांति की प्रार्थना करते हुए शोकाकुल स्वजन के प्रति गहरी संवेदनाएं व्यक्त की हैं। राज्यपाल ने कहा कि इस नृशंस हत्या में लिप्त अपराधियों की शीघ्र पहचान कर उन्हें विधि सम्मत सजा मिलेगी।
बाबा तरमेस सिंह के हत्यारों को कठोर सजा की मांग
गुरुद्वारा श्रीगुरु सिंह सभा में गुरुवार को शोक सभा का आयोजन हुआ। इसमें डेरा गुरुद्वारा नानकमत्ता साहिब के प्रमुख बाबा तरसेम सिंह को श्रद्धांजलि दी गई। साथ ही मामले की निंदा करते हुए उनके हत्यारों पर कठोर कार्रवाई की मांग की गई। शोक सभा में मुख्य सेवादार रंजीत सिंह, जगजीत सिंह, नरेंद्रजीत सिंह (रोडू), जगमीत सिंह मीती, तजिंदर सिंह, रविंदरपाल सिंह, बलविंदर सिंह, अमनपाल सिंह आदि मौजूद रहे।