मनरेगा मजदूरों का भुगतान नहीं होने से अमृत सरोवर का कार्य ठप
प्रधानमंत्री के महत्वपूर्ण योजना अमृत सरोवर निर्माण कार्य पिछले तीन महीने से बंद हो गया है।
मनरेगा मजदूरों का भुगतान नहीं होने से अमृत सरोवर का कार्य ठप
संसू, गुठनी (सिवान) : प्रखंड में अमृत सरोवर योजना के तहत जीर्णोद्धार किए जा रहे तालाबों का निर्माण कार्य पिछले तीन महीने से बिल्कुल बंद है। कार्यक्रम पदाधिकारी तुषार कांत ने बताया कि मनरेगा के कोष में छह जून से एक भी रुपये का भुगतान नहीं हुआ है। रुपये के बिना मनरेगा मजदूर काम नहीं कर रहे हैं इस कारण अमृत सरोवर का कार्य अधर में लटक गया है। बता दें कि 26 मई को डीडीसी दीपक सिंह ने गुठनी के सोहागरा पंचायत के बजिदही गांव स्थित तालाब का शिलान्यास किया था। शिलान्यास करने के बाद सभी चिह्नित अमृत सरोवरों पर कार्य भी शुरू कर दिया गया था, लेकिन मनरेगा मजदूरों के वेतन भुगतान के अभाव में कार्य बंद हो गया है। कार्यक्रम पदाधिकारी तुषार कांत ने बताया कि सिर्फ तालाब की मिट्टी निकाल कर किनारे रखवा दिया जाएगा, तालाबों की साफ सफाई के साथ ही उसके चारों तरफ बरगद, पीपल, नीम और पाकड़ का पौधारोपण किया जाएगा। मनरेगा जेई विजय कुमार ने बताया कि पड़री पंचायत के पचनेरुई अमृत सरोवर का 80 प्रतिशत हो गया है, वहीं बिश्वार पंचायत के बंगरा गांव के अमृत सरोवर का निर्माण 80 प्रतिशत, टड़वा पंचायत के सेमाटार गांव में 60 प्रतिशत, बेलौर पंचायत के मियागुंडी गांव में 45 प्रतिशत, सोहागरा के बजिदही गांव स्थित अमृत सरोवर का कार्य मात्र 15 प्रतिशत ही हुआ है। कमोबेश पूरे प्रखंड के किसी भी पंचायत में अमृत सरोवर का कार्य पूर्ण नहीं हुआ है। इस संबंध में बीडीओ आनंद प्रकाश ने बताया कि जल्द ही कार्य पूर्ण कराया जाएगा।
अमृत सरोवरों पर होनेवाले खर्च : सोहागरा पंचायत के बजिदही में बनने वाले अमृत सरोवर के निर्माण में कुल छह लाख 28 हजार 828 रुपये खर्च की किए जाएंगे। वहीं टड़वा खुर्द पंचायत के सेमाटार गांव स्थित अमृत सरोवर के निर्माण के लिए 9.34 लाख रुपये, जतौर पंचायत के मियागुंडी गांव स्थित अमृत सरोवर के निर्माण में 5.80 लाख रुपये, चीत्ताखाल पंचायत के केल्हरुआ अमृत सरोवर के निर्माण में लिए 6.5 लाख रुपये एवं पड़री पंचायत के पचनेरुई स्थित अमृत सरोवर के निर्माण में छह लाख 15 हजार 137 लागत से किए जाएंगे। हालांकि इस संपूर्ण योजना में सिर्फ पुराने तालाब का जीर्णोद्धार ही किया जाना है। जीर्णोद्धार के दौरान तालाब की खोदाई-सफाई और टूटे-फूटे बांधों की मरम्मत होंगे।