Lok Sabha Election: सरहद से लेकर विदेश में तैनात 8600 जवान, अधिकारी डालेंगे वोट, नामांकन बाद होगी व्यवस्था
Lok Sabha Election सहायक निर्वाचन अधिकारी जगनारायण मौर्या के मुताबिक सर्विस वोटरों को पहले डाक से मतपत्र भेजे जाते थे जिससे 25 से 35 प्रतिशत ही सर्विस वोटर मतदान कर पाते थे। लेकिन इलेक्ट्रानिक बैलेट से वोटिंग के चलते वोटिंग प्रतिशत में वृद्धि देखी गई है। खजनी विधानसभा में सबसे अधिक एक हजार 399 सर्विस मतदाता हैं तो ग्रामीण विधानसभा में सबसे कम 575 मतदाता हैं।
अरुण चन्द, जागरण गोरखपुर। देश की सुरक्षा के लिए सरहद से लेकर विदेशों में तैनात आठ हजार 628 जवान व अधिकारी भी सरकार बनाने में अपनी भूमिका दर्ज कराएंगे। इनके लिए नामांकन के बाद जिला प्रशासन मेल के जरिए इलेक्ट्रानिक बैलेट भेजेगा।
निर्वाचन कार्यालय के मुताबिक जिले की विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में जवान और अधिकारी सर्विस वोटर के तौर पर अपने पसंदीदा प्रत्याशी को वोट देंगे। इनमें नौ मतदाता ऐसे हैं जो विदेश सेवा में कार्यरत हैं। इनमें सबसे अधिक छह वोटर सदर विधानसभा क्षेत्र के हैं जबकि चौरीचौरा में दो व चिल्लूपार विधानसभा क्षेत्र में एक मतदाता है।
इसी तरह खजनी विधानसभा में सबसे अधिक एक हजार 399 सर्विस मतदाता हैं तो ग्रामीण विधानसभा में सबसे कम 575 मतदाता हैं। सहायक निर्वाचन अधिकारी जगनारायण मौर्या के मुताबिक सर्विस वोटरों को पहले डाक से मतपत्र भेजे जाते थे जिससे 25 से 35 प्रतिशत ही सर्विस वोटर मतदान कर पाते थे। लेकिन, इलेक्ट्रानिक बैलेट से वोटिंग के चलते वोटिंग प्रतिशत में वृद्धि देखी गई है। अब 90 प्रतिशत तक सर्विस वोटर अपने मतदान का प्रयोग करते हैं।
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ये हैं सर्विस वोटर सेना
अर्द्धसैनिक बल में कार्यरत ऐसे सैनिक जो घर से दूर रहकर देश की सीमाओं व आंतरिक सुरक्षा के लिए मुस्तैद हैं या विदेश सेवा में हैं, तो उन्हें सर्विस मतदाता कहा जाता है। राज्य के बाहर सैन्य सहित केंद्रीय सेवाओं में नौकरी कर रहे मतदाताओं को अब इलेक्ट्रानिक ट्रांसमिटेड पोस्टल बैलेट पेपर्स के जरिए मतदान करने की सुविधा दी जा रही है। भारत निर्वाचन आयोग ने इंटरनेट के जरिए सर्विस मतदाताओं तक पहुंचाने की व्यवस्था की है। सर्विस मतदाता इस पर अपना मत अंकित करने के बाद पहले की तरह वापस डाक से भेजेंगे।
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यह है मतदान की प्रक्रिया
सर्विस मतदाताओं को पोस्टल बैलेट पेपर के साथ ही चार तरह के प्रपत्र डाक की बजाय ई-मेल से भेजे जाएंगे। पोस्टल बैलेट की व्यवस्था सुरक्षित रखने के लिए इस संचार को फिलहाल एकतरफा ही रखा गया है। यानी मतदाताओं के पास इलेक्ट्रानिक पोस्टल बैलेट मेल के माध्यम से पहुंचेगा।
मतदाताओं को अपनी पसंद के उम्मीदवार को वोट देने के बाद इसे स्पीड पोस्ट या रजिस्ट्री के जरिए वापस करना होगा। इन मतों की गिनती क्यू आर कोड स्कैन कर होगी। गड़बडी रोकने को लेकर सॉफ्टवेयर आधारित वेरीफिकेशन की व्यवस्था की गई है।
डाक से प्राप्त होने वाले पोस्टल बैलेट में घोषणा पत्र (फार्म 13 अ) नहीं पाए जाने पर या जारी पोस्टल बैलेट आईडी का प्राप्त बैलेट आईडी से मिलान न होने पर मत रद किया जा सकता है। घोषणा पत्र पाए जाने पर ही लिफाफा खुलेगा।