Punjab News: 30 पाकिस्तानियों को सजा पूरी होने के बावजूद वतन वापसी का इंतजार, HC ने केंद्र सरकार से दखल देने के दिए आदेश
पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने दो नाबालिग पाकिस्तानियों की वतन वापसी में देरी पर केंद्र सरकार को फटकार लगाई है। इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि अगर अगले आदेश तक दोनों नाबालिगों को पाकिस्तान न भेजा गया तो असिस्टेंट फॉरनर्स रीजनरल रजिस्ट्रेशन ऑफिसर से जवाबदेही होगी। इसके साथ ही 30 पाकिस्तानी कैदियों की वतन वापसी में भी दखल देने के लिए भी केंद्र सरकार को आदेश जारी किए हैं।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। बरी होने के बावजूद दो नाबालिग पाकिस्तानियों को दस्तावेजों की दलील देकर वतन वापसी कराने में देरी पर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को फटकार लगाई है। कोर्ट ने कहा कि यदि दोनों को अगले आदेश तक पाकिस्तान न भेजा गया तो असिस्टेंट फॉरनर्स रीजनरल रजिस्ट्रेशन ऑफिसर को खुद हाजिर होकर जवाब देना होगा। साथ ही सजा काट चुके 30 पाकिस्तानी कैदियों की वतन वापसी के मामले में दखल देने का केंद्र सरकार को आदेश जारी किया है।
जस्टिस एनएस शेखावत फरीदकोट के दौरे पर थे और इस दौरान उन्हें बताया गया कि दो पाकिस्तानी किशोर बरी होने के बाद भी कैदी हैं। अप्रैल 2023 में दोनों को अदालत ने बरी कर दिया था लेकिन पाकिस्तानी नागरिक होने के चलते उन्हें रिहा नहीं किया गया था। 2022 में ये दोनों पाकिस्तानी किशोर भारतीय सीमा में पाए गए थे और बिना दस्तावेजों के सीमा पार करने पर तरनतारन में उनके खिलाफ पासपोर्ट अधिनियम 1920 की धारा तीन सहित अन्य धाराओं में मामला दर्ज किया गया था।
कोहरे में प्रवेश की बात से इंकार नहीं- किशोर न्याय बोर्ड
किशोर न्याय बोर्ड ने उनके मामले में फैसला सुनाते हुए कहा था कि सीमा स्तंभों के बीच कोई बाड़ नहीं थी। कोहरे के दिनों में गलती से भारत के क्षेत्र में प्रवेश करने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। जस्टिस शेखावत फरीदकोट के प्रशासनिक जज हैं और ऐसे में उन्होंने मामले को गंभीर मानते हुए इस पर संज्ञान लेकर उचित आदेश के लिण कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश को रेफर कर दिया था।
30 पाकिस्तानी कैदी सजा पूरी होने के बावजूद भी जेल में
हाईकोर्ट ने इन दोनों की वतन वापसी पर और पंजाब की जेलों में सजा पूरी होने के बावजूद मौजूद पाकिस्तानी कैदियों की संख्या के बारे में पंजाब व केंद्र सरकार से जवाब मांगा था। सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट को बताया गया कि 30 पाकिस्तानी कैदी सजा पूरी होने के बावजूद जेल में हैं। उनको वापस पाकिस्तान भेजने के लिए आवश्यक दस्तावेज मौजूद नहीं हैं और पाकिस्तानी हाई कमिशन से इस बारे में वार्ता जारी है।
हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को दखल देने का दिया आदेश
दो नाबालिगों के बारे में बताया गया कि पाकिस्तान हाई कमीशन से आवश्यक दस्तावेजों की मौजूदगी न होने के चलते उन्हें वापस नहीं भेजा जा सका। केंद्र सरकार की दलीलों को सिरे से खारिज करते हुए हाईकोर्ट ने अब यह स्पष्ट कर दिया है कि यदि अगली सुनवाई तक इन्हें पाकिस्तान नहीं भेजा गया तो एएफआरआरओ को खुद हाजिर होकर जवाब देना होगा। साथ ही बाकी के 30 पाकिस्तानी कैदियों को लेकर हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को दखल देने का आदेश दिया है।
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