वेब सीरीज फिल्मों का छोटा संस्करण नही
चार दिनों तक चले इस समारोह में मनोरंजन और मीडिया जगत से जुड़े कई मुद्दों पर अलग-अलग सत्रों में चर्चा हुई।
मुंबई, अनुज अलंकार। वेब सीरीज को फिल्मों का छोटा संस्करण नहीं कहा जा सकता है। जबकिडिजिटल मीडिया समाचार पत्रों का विकल्प नहीं हो सकता। बुधवार को समाप्त हुए मनोरंजन और मीडिया की दुनिया के सलाना आयोजन फिक्की फ्रेम 2018 में ये विचार रखे गए।
चार दिनों तक चले इस समारोह में मनोरंजन और मीडिया जगत से जुड़े कई मुद्दों पर अलग-अलग सत्रों में चर्चा हुई। फिक्की फ्रेम के 19वें संस्करण के अंतिम दिन दो महत्वपूर्ण सत्र आयोजित हुए। एक वेब सीरीज के बढ़ते प्रचलन और इसके भविष्य को लेकर था। दूसरे में प्रिंट पर डिजिटल मीडिया के असर को लेकर चर्चा हुई।
आर माधवन ने कहा, वेब सीरीज व फिल्में एक-दूसरे की प्रतिस्पर्धी नहीं वेब सीरीज वाले सत्र में अभिनेता आर माधवन और अमित साध ने हिस्सा लिया। हाल ही में चर्चित हुई वेब सीरीज ब्रीथ में दोनों ने अहम किरदार निभाए हैं। माधवन ने कहा, वेब सीरीज को हल्के में नहीं लिया जा सकता। भविष्य में भारतीय जनमानस और मनोरंजन की दुनिया में इस माध्यम का असर बढ़ेगा। हालांकि उन्होंने फिल्मों से वेब सीरीज की तुलना को गलत बताया। कहा, 'वेब सीरीज फिल्मों का छोटा संस्करण नहीं है। दोनों को प्रतिस्पर्धी के तौर पर नहीं देखा जा सकता। वेब सीरीज आने वाले समय में मनोरंजन का सशक्त माध्यम बनेगा, लेकिन हमें इसे टेलीविजन और फिल्मों की
शैली के असर से बचाए रखने की जरूरत है।
वेब सीरीज को फिल्मों का विकल्प नहीं बनाया जा सकता।' अमित साध ने पहली बार किसी वेब सीरीज में काम करने के अनुभव को साझा किया। उन्होंने कहा, 'इस माध्यम ने कलाकार के तौर पर उनको परिपक्व करने में मदद की। दरअसल, यह दुनिया फिल्मों से बहुत अलग है।'