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पुलिस झूठा दुष्कर्म का केस बनाना चाहती थी

पड़ोसी की धमकियों से तंग आकर पुलिस के पास शिकायत करने पहुंची युवती से झूठे बलात्कार की कहानी बनाने को कह रही थी।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Thu, 23 Jun 2016 04:41 AM (IST)Updated: Thu, 23 Jun 2016 04:49 AM (IST)
पुलिस झूठा दुष्कर्म का केस बनाना चाहती थी

नागपुरपड़ोसी की धमकियों से तंग आकर पुलिस के पास शिकायत करने पहुंची युवती एक महिला एपीआई के चक्कर में इस तरह उलझी कि उसे जहर खाने पर मजबूर होना पड़ा। पड़ोसी पुलिस में शिकायत करने पर अश्लील फिल्मों में उसका फोटो लगाकर बदनाम करने की धमकी दे रहा था तो दूसरी ओर एपीआई पुलिस विभाग में अपनी वाह-वाही के लिए पीड़िता से झूठे बलात्कार की कहानी बनाने को कह रही थी। उसे यही कहानी जज सहित अफसरों के सामने सुनाने के लिए भी कहा जा रहा था।

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न्याय न मिलता देख युवती ने जहर खाकर जान देने की कोशिश की, पर बच गई। इसके बाद पुलिस विभाग अब इस कहानी से एपीआई का नाम गायब करने में लग गई। युवती ने अपनी आपबीती पुलिस आयुक्त और दैनिक भास्कर को लिखित में दी, जो पुलिस व्यवस्थाओं की पोल खोलने के साथ हैरान करने वाली है। उधर मामला सामने आने से पुलिस महकमे में हड़कंप मचा हुआ है। सभी अधिकारी अलग-अलग बयान दे रहे हैं, जो मामले में गड़बड़ी होने की पुष्टि कर रहा है।

हसनबाग, निकट उस्मानिया मस्जिद निवासी पीड़िता शाहिदा शेख (20) (परिवर्तित नाम) ने पुलिस आयुक्त को लिखित शिकायत की। शिकायत के अनुसार शाहिदा अपने पड़ोसी जावेद खान, आबिद खान एवं गुलजरीन खान की चिकन की दुकान की बदबू और मुर्गियाें की विष्टा तथा उसकी किराने की दुकान में मुर्गियों के पंखों के आने से परेशान थी। शाहिदा और उसके परिजनों ने पड़ोसी से उसकी दुकान की तरफ रखे मुर्गियों के जाले हटाने को कहा, लेकिन पड़ोसियों ने एक नहीं सुनी।

उसने पड़ोसी दुकानदार के खिलाफ नंदनवन थाने में 15 मई को शिकायत (एनसीआर नंबर 1038/16) दर्ज कराई। शाहिदा की शिकायत पर नंदनवन थाने में असंज्ञेय अपराध (एनसीआर) दर्ज कर लिया गया। इस बीच, पड़ोसी उसे शिकायत वापस लेने के लिए दबाव बनाने लगे। परेशान होकर पीड़िता ने 19 मई को फिर नंदनवन थाने में शिकायत की तो प्राथमिकी दर्ज कर ली गई।

घटना के दूसरे ही दिन आरोपी छूट गए और पीड़िता को धमकाने लगे कि पुलिस ने मेरा क्या बिगाड़ लिया? एक दिन में ही छूटकर आ गया। अब तुझे और तेरे परिवार को नहीं छोड़ूंगा। पीड़िता के अनुसार, आरोपियों ने कहा कि तूने मेरी शिकायत पुलिस में कर दी है, अगर वापस नहीं लेगी तो हम लोग तेरा चेहरा अश्लील फिल्मों में लगवा देंगे।

उसे पूरी दुनिया देखेगी। पूरी दुनिया में तेरी बेइज्जती होगी। तेरे भाई और जीजा को गलत केस में फंसवाकर नौकरी तक से निकलवा देंगे। गिरफ्तार भी करवा देंगे। इन खुलेआम धमकियों से परेशान होकर युवती फिर पुलिस थाने पहुंची।

पीड़िता ने बताया कि अस्पताल में जब पुलिस ने उसके बयान लिए तो उसने पूरी आपबीती उनको सुनाई। मगर पुलिस ने अपने मन से बयान लिखा और उस पर हस्ताक्षर करने को मजबूर किया। अपने बयान में एपीआई का नाम नहीं लेने काे कहा। पीड़िता ने रूपाली बावनकर की शिकायत कई बार नंदनवन थाने में की, लेकिन यहां भी नहीं सुनी गई। यहां तक कि थाने के पीआई गणेश ठाकरे कहते थे कि बावनकर का नाम शिकायत में मत लिखवाओ, हम गंदगी फैलाने वालों को समझा देंगे।

पड़ोसी की इन धमकियों की शिकायत लेकर नंदनवन थाने पर पहुंची पीड़िता को एपीआई रूपाली बावनकर मिली। उसने कहा कि तुम अपने साथ झूठे बलात्कार की शिकायत लिखाओ। कहना कि मेरे साथ तीन पड़ोसी गलत हरकत कर रहे थे और मैंने मौके पर पहुंचकर तुमको बचाया। इस पर पीड़िता का कहना था कि वह ऐसा गलत केस नहीं करना चाहती। इस पर एपीआई रूपाली ने उसे थाने से भगा दिया । दूसरी तरफ पड़ोसी की धमकियां बढ़ रही थीं। स्थिति यह हो गई कि जब पीड़िता पुलिस सहायता के लिए थाने पहुंचती तो एपीआई अपनी कहानी के अनुसार रिपोर्ट लिखाने काे कहती और यही कहानी पुलिस के वरिष्ठ अफसरों और कोर्ट में जज साहब के सामने दोहराने की बात करती।

पीड़िता ने कहा कि मैं जान दे दूंगी तो एपीआई ने कहा-दे दे। जब एपीआई को पीड़िता से झूठे बयान देने से मना किया तो उसे एपीआई ने कई तरह के ताने मारकर बेइज्जत किया। पीड़िता ने परेशान होकर एपीआई से यहां तक कह दिया कि अगर ज्यादा परेशान करोगी तो अपनी जान दे दूंगी। इस पर एपीआई का कहना था दे दे। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता, रहने दे, तू क्या आत्महत्या करेगी। इससे परेशान होकर शाहिदा ने अपना जीवन खत्म करने का तय किया और चूहे मारने की चार पैकेट दवा खा ली। सड़क पर पड़ी युवती को गंभीर हालत देखकर एक एंबुलेंस चालक ने उसे मेडिकल में भर्ती कराया गया। यहां डॉक्टरों ने उसे बचा लिया।

नंदनवन थाने में एक युवती ने पड़ोसी की शिकायत की और एपीआई पर दबाव बनाने का आरोप लगाया। यह मामला मेरे संज्ञान में है। मैंने इसकी जांच के लिए डीसीपी इशु सिन्धू को बोला है, उन्होंने फरियादी को बुलाकर उसका पक्ष सुना है। मैं अभी शहर से बाहर हूं। आप डीसीपी से बात कर लो, वह मामले की जानकारी दे देंगे।

झगड़े की शुरुआत पड़ोस की दुकान के मुर्गी के जाले उठाने को लेकर हुई थी। उसने मुझसे इसकी शिकायत की थी, लेकिन अतिक्रमण हटाना पुलिस का काम नहीं, मनपा का है। उसकी शिकायत पर हम आरोपियों को गिरफ्तार कर चुके हैं। अभी तक उसने पड़ोसी की शिकायत की थी। एपीआई रूपाली बावनकर की शिकायत मेरे पास आएगी तो मैं जांच करूंगा।


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