पुलिस का मुंबई में छापा,10 डिब्बा कारोबारियों की तलाश
डिब्बा कारोबार की पोल खुलते ही शहर पुलिस सक्रिय हो गई। मुंबई में एल 7 के दफ्तर पर छापा मारा गया। इसके संचालक रवि अग्रवाल समेत अन्य दस कारोबारी अभी भी फरार है, जिन्हें जल्द ही गिरफ्तार करने का दावा किया जा रहा है।
नागपुर। डिब्बा कारोबार की पोल खुलते ही शहर पुलिस सक्रिय हो गई। मुंबई में एल 7 के दफ्तर पर छापा मारा गया। इसके संचालक रवि अग्रवाल समेत अन्य दस कारोबारी अभी भी फरार है, जिन्हें जल्द ही गिरफ्तार करने का दावा किया जा रहा है।
नागपुर डिब्बा कारोबार का केंद्र है। करीब आठ-दस वर्ष से संचालित इस कारोबार की जड़ें विदेशों तक फैली हुई हैं। यह बात पुलिस ने भी स्वीकार की है। सीमावर्ती राज्यों के अन्य महानगरों में भी डिब्बे का कारोबार चल रहा है।
सिलसिलेवार जारी कार्रवाई के बीच ही गुरुवार रात को स्थानीय पुलिस की अपराध शाखा के आर्थिक विभाग का एक दस्ता मुंबई के लिए रवाना हुआ था। शुक्रवार को दस्ते ने रवि अग्रवाल द्वारा संचालित एल 7 के मुंबई साकी नाका क्षेत्र के दफ्तर में छापा मारा।
चौबीस घंटे चली कार्रवाई के दौरान महत्वपूर्ण दस्तावेज, हार्ड डिस्क व अन्य सामग्री जब्त की गई है। महत्वपूर्ण सुराग मिलने की संभावना व्यक्त की जा रही है।
अभी तक रमेश पात्रे, गोविंद सारडा, कुशल लद्दड, वीना सारडा, प्रीतेश लखोटिया, अश्विन बोरीकर, विकास कुबडे, स्वप्निल पराते, विजय गोकलानी, नीरज अग्रवाल और निमित किरीट को गिरफ्तार किया जा चुका है। उन्हें तीन दिन के पीसीआर में लेकर पूछताछ की जा रही है। इसमें कुछ आरोपियों ने पूछताछ से बचने के लिए नाटकीय तौर पर तबीयत खराब होने का बहाना भी किया है।
रवि अग्रवाल, विनय अग्रवाल, अंकित मालू, आशीष बजाज, अभिषेक बजाज, सचिन अग्रवाल, कनी उर्फ कन्हैया सावरानी, जाकिर हुसैन शेख और उत्तम उर्फ गोपी मालू फरार है। संभावित ठिकानों पर पुलिस ने दबिश दी है, लेकिन अभी तक वे पुलिस के हाथ नहीं लगे हैं।
सूत्रों के अनुसार इसमें से कुछ आरोपी देश छोड़ने की फिराक में है। हालांकि अभी तक वे देश के बाहर नहीं गए हैं, मगर अन्य महानगरों में छिपे होने की खबर है। इस बीच गड़चिरोली जिले से लौटते ही पुलिस महासंचालक प्रवीण दीक्षित ने भी प्रकरण का जायजा लिया। इसके पूर्व प्रकरण को लेकर दिन भर पुलिस अधिकारियों में बैठकों का दौर भी चला।