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पवार ने दी मवेशियों के साथ जेल भरो आंदोलन की चेतावनी

राकांपा प्रमुख और पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार ने किसानों की समस्याओं का एक महीने में हल नहीं निकलने पर मवेशियों के साथ जेल भरो आंदोलन करने की चेतावनी दी है। शुक्रवार को उन्होंने इस बारे में महाराष्ट्र सरकार को स्पष्ट रूप से चेताया। पवार भीषण सूखे से जूझ रहे

By Rajesh NiranjanEdited By: Published: Sat, 15 Aug 2015 12:21 AM (IST)Updated: Sat, 15 Aug 2015 03:26 AM (IST)
पवार ने दी मवेशियों के साथ जेल भरो आंदोलन की चेतावनी

मुंबई, राज्य ब्यूरो। राकांपा प्रमुख और पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार ने किसानों की समस्याओं का एक महीने में हल नहीं निकलने पर मवेशियों के साथ जेल भरो आंदोलन करने की चेतावनी दी है। शुक्रवार को उन्होंने इस बारे में महाराष्ट्र सरकार को स्पष्ट रूप से चेताया। पवार भीषण सूखे से जूझ रहे मराठवाड़ा क्षेत्र में किसानों की एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे।

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गौरतलब है कि राकांपा प्रमुख करीब 35 साल बाद किसी मोर्चे का नेतृत्व करते नजर आए। इससे पहले 1980 में विपक्ष में रहते हुए पवार ने तब की कांग्रेस सरकार के खिलाफ आंदोलन किया था। तीन बार राज्य के मुख्यमंत्री एवं 10 साल तक केंद्र में कृषिमंत्री की भूमिका निभानेवाले शरद पवार अक्सर सत्ता में ही रहते आए। इसलिए उन्हें सड़क पर आंदोलन का मौका ही नहीं मिला।

उस्मानाबाद में सड़क का आंदोलन करने उतरे पवार ने किसानों की रैली को संबोधित करते हुए केंद्र और राज्य की भाजपा सरकारों को आड़े हाथों लिया। संसद न चलने देने में कांग्रेस का साथ देने वाले राकांपा अध्यक्ष ने ठीकरा केंद्र पर फोड़ते हुए कहा कि पूरा मानसून सत्र बेकार गया और किसानों के मुद्दे पर गंभीरता से कोई चर्चा नहीं हुई।

राज्य की भाजपानीत सरकार पर बरसते हुए शरद पवार ने कहा कि महाराष्ट्र में लोगों ने परिवर्तन की उम्मीद के साथ सरकार बदली थी। लेकिन अब तो इस सरकार की दिशा का ही पता नहीं चल रहा है। सरकार किसानों को राहत देने में नाकाम हो रही है।

किसानों की बदहाली के लिए पवार जिम्मेदार: उद्ध

पवार के आंदोलन पर टिप्पणी करते हुए शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने कहा कि वह लंबे समय तक स्वयं सत्ता में रहे हैं। इसलिए राज्य के किसानों की बदहाली के लिए वह स्वयं जिम्मेदार हैं। उद्धव ने पवार पर ताना कसते हुए कहा है कि आंदोलन करते हुए पवार जरूर किसी अधूरे बांध का मुआयना करें। तब उन्हें पता चलेगा कि उनके भतीजे अजीत पवार ने राज्य को किस बदहाल अवस्था में ले जाकर छोड़ा है।


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