दो महिलाओं सहित चार पर मकोका, 8 मई तक तीन आरोपी पीसीआर में
पुलिस ने दो महिलाओं सहित चार आरोपियोंं पर मकोका की कार्रवाई की। आरोपियोंं में दीपक आवले, दिनेश बालचंद उर्फ पानाचंद नागदेवे (45), सुनीता किशोर बुलकर उर्फ सुनीता दीपक आवले (30) और पुष्पा उमाशंकर निखारे (45) शामिल हैं।
नागपुर। पुलिस ने दो महिलाओं सहित चार आरोपियोंं पर मकोका की कार्रवाई की। आरोपियोंं में दीपक आवले, दिनेश बालचंद उर्फ पानाचंद नागदेवे (45), सुनीता किशोर बुलकर उर्फ सुनीता दीपक आवले (30) और पुष्पा उमाशंकर निखारे (45) शामिल हैं। इस गिरोह ने एक रेलवे कर्मचारी को ब्लैकमेल कर उससे 3 लाख 70 हजार रुपए वसूल किया और उससे 5 लाख रुपए का हफ्ता मांग रहे थे। गिरोह का मुखिया दीपक आवले है।
- यह जानकारी शुक्रवार को पत्र परिषद में पुलिस उपायुक्त संजय लाटकर ने अपने कार्यालय में दी। शहर में इस साल महिला आरोपियोंं पर मकोका की पहली कार्रवाई है। मकोका की यह 16वीं कार्रवाई है।
- उन्होंने बताया कि यह गिरोह काफी दिनों से आपराधिक गतिविधियों में लिप्त है। गिरोह में शामिल सुनीता और पुष्पा की अहम भूमिका रहती थी।
- इस मामले में पुलिस उस युवती के खिलाफ भी कार्रवाई करने वाली है, जो इस गिरोह के कहने पर रेलवे कर्मी सिद्धार्थ खोब्रागडे के साथ शारीरिक संबंध बनाई।
- उसके बाद उसे ब्लैक मेल कर उससे 3 लाख 70 हजार रुपए वसूला गया। पुलिस ने इस मामले में आरोपी दिनेश, सुनीता और पुष्पा को गिरफ्तार किया है। यह तीनों आरोपी 8 मई तक पीसीआर में हैं।
20 हजार के चक्कर में फंसी
पीड़ित युवती आईटी में प्रवेश के लिए 20 हजार रुपए कमाने के चक्कर में आरोपियोंं की चंगुल में फंस गई।
आरोपियोंं ने सिद्धार्थ से 3 लाख 70 हजार रुपए वसूलने के बाद युवती को 20 हजार रुपए में से मात्र 2 हजार रुपए दिए।
आरोपियोंं की पोल उस समय खुल गई, जब ये युवती को लेकर कन्हान थाने में पहुंचे। वहां पर सिद्धार्थ के खिलाफ दुष्कर्म का मामला दर्ज कराने पहुंचे थे।
श्री लाटकर ने बताया कि उक्त गिरोह का मुखिया दीपक आवले फरार है। 20 वर्षीय युवती को आईटी के द्वितीय वर्ष में प्रवेश लेने के लिए 20 हजार रुपए की आवश्यकता थी। सुनीता और पुष्पा ने उस युवती को 20 हजार रुपए का जुगाड़ करने की बात कही।
युवती ने उनके कहने पर सिद्धार्थ के साथ शारीरिक संबंध बनाया। उसके बाद आरोपी सिद्धार्थ को ब्लैकमेल करने लगे। वह कुछ समय पहले ही रेलवे में नौकरी पर लगा था। वह घबरा गया। गिरोह का यही काम है
दीपक आवले गिरोह का मुखिया है। उस पर वाड़ी, कोराड़ी, जरीपटका, मानकापुर थाने में कई मामले दर्ज हैं। वह धोखाधड़ी, ब्लैकमेल और हफ्ता वसूली का काम करता है।
वह करीब 10 वर्ष से आपराधिक गतिविधियों में लिप्त है। दीपक कई बार गंभीर बीमारी होने का दस्तावेज देकर अदालत से बच निकलता है। इस बार पुलिस ने उसे बचने के लिए कोई मौका नहीं छोड़ा है।
अपहरण कर शेगांव ले गए
आरोपियों ने सिद्धार्थ से 5 लाख रुपए मांगे। पैसे नहीं देने पर आरोपी सिद्धार्थ का अपहरण कर उसे शेगांव ले गए और उसके एटीएम से 35 हजार रुपए निकाले। शेगांव से वापस आते समय 35 हजार रुपए और निकाले। इस बीच आरोपियोंं को पता चला कि सिद्धार्थ के खाते में और पैसे हैं।
तब आरोपियों ने उससे चेक बुक मंगाकर 3 लाख रुपए निकालने को कहा। बाकी की रकम के लिए भी परेशान करने लगे। आरोपियोंं की करतूत तब उजागर हो गई, जब यह युवती को लेकर कन्हान थाने में सिद्धार्थ के खिलाफ दुष्कर्म का मामला दर्ज कराने पहुंचे। पत्र परिषद में उपायुक्त रंजनकुमार शर्मा भी उपस्थित थे।