अगर आर्थिक लक्ष्य पूरा हुआ तो नहीं लड़ूंगा चुनाव: विकास ठाकरे
मनपा स्थायी समिति के सभापति सुधीर राऊत द्वारा 2048 करोड़ रुपए के बजट पर बुधवार को मनपा सभागृह में जमकर बहस हुई। सत्तापक्ष ने जहां इसे सर्व-समावेश और चुनावी घोषणापत्र के सभी वादे पूरे करने वाला बजट बताया।
नागपुर। मनपा स्थायी समिति के सभापति सुधीर राऊत द्वारा 2048 करोड़ रुपए के बजट पर बुधवार को मनपा सभागृह में जमकर बहस हुई। सत्तापक्ष ने जहां इसे सर्व-समावेश और चुनावी घोषणापत्र के सभी वादे पूरे करने वाला बजट बताया, वहीं विपक्ष ने इसे काल्पनिक बजट कहते हुए निषेध किया।
बहस के दौरान सत्तापक्ष नेता दयाशंकर तिवारी ने कहा कि, हां बजट सरकार पर निर्भर है। हमें यह स्वीकारने में कोई आपत्ति नहीं है। पिछले 15 महीने में जितना अनुदान मिला, उतना 15 साल में नहीं लिया। इस बहस के दौरान प्रतिपक्ष नेता विकास ठाकरे ने चुनौती दी कि अगर स्थायी समिति द्वारा दिए 2048 करोड़ का लक्ष्य साध्य हो जाता है तो वे अगला मनपा चुनाव नहीं लड़ेंगे।
बजट का निषेध करते हुए मनपा की कार्यवाही से बर्हिगमन किया। तत्पश्चात महापौर प्रवीण टके ने बहुमत से बजट को मंजूर करने की घोषणा की।
बुधवार को महल स्थित टाउन हॉल में बजट पर चर्चा हुई। चर्चा में कुल 43 सदस्यों ने हिस्सा लिया। सभी सदस्यों को अपनी बात रखने के लिए तय समय दिया था। प्रतिपक्ष नेता विकास ठाकरे ने कहा कि यह पूरी तरह काल्पनिक बजट है। आयुक्त श्रावण हर्डीकर ने 1534 करोड़ का बजट दिया है। इसकी तुलना में 500 करोड़ से यह बजट अधिक है। बजट पेश करते समय यह नहीं बताया कि पैसा कहां से आएगा।
4 साल में जो योजनाएं पूरी नहीं हुई, उसे इसमें शामिल किया गया। आय बढ़ाने कोई उपाययोजना नहीं किए गए। केबल डक्ट पॉलिसी का उल्लंघन कर निजी कंपनी को लाभ पहुंचाया गया। अब जनसंपर्क विभाग का निजीकरण किया जा रहा है। लगता है सत्तापक्ष निजी कंपनियों के लिए काम कर रहे है। बजट के आंकडे वास्तविकता से तालमेल नहीं खा रहे है। श्री ठाकरे ने कहा कि अगर सत्तापक्ष, स्थायी समिति का आर्थिक लक्ष्य साध्य कर लेता है तो वे अगला मनपा चुनाव नहीं लड़ेंगे।