युवाओं के हाथ में विदर्भ आंदोलन की कमान
विदर्भ राज्य निर्माण आंदोलन की कमान युवाओं के हाथ में होगी। विदर्भ राज्य आंदोलन समिति ने निर्णय लिया है। आंदोलन में युवाओं की सहभागिता बढ़ाने का अभियान भी आरंभ किया जा रहा है।
नागपुर। विदर्भ राज्य निर्माण आंदोलन की कमान युवाओं के हाथ में होगी। विदर्भ राज्य आंदोलन समिति ने निर्णय लिया है। आंदोलन में युवाओं की सहभागिता बढ़ाने का अभियान भी आरंभ किया जा रहा है। विधायक निवास में आंदोलन समिति की युवा इकाई का विदर्भ स्तरीय सम्मेलन हुआ। सभी जिले के कार्यकर्ता उपस्थित थे।
9 अगस्त को देंगे चेतावनी :पत्रकार वार्ता में समिति के नेता पूर्व विधायक वामनराव चटप ने कहा कि 31 दिसंबर तक विदर्भ के सभी जिलों, शालाओं व महाविद्यालयों में जनजागृति की जाएगी। 9 अगस्त को अगस्त क्रांति दिन के मौके पर सरकार को चेतावनी दी जाएगी। 31 दिसंबर के बाद तीव्र आंदाेलन होगा। कहा जा रहा है कि विदर्भ का आंदोलन तेलंगाना जैसा उग्र नहीं है। श्री चटप ने कहा, तेलंगाना जैसी उग्रता का समर्थन नहीं कर रहे हैं। वहां 1200 कार्यकर्ताओं ने जान दी।
यहां हिंसा पर नियंत्रण रहेगा, लेकिन आंदोलन में युवाओं के जुड़ने से आंदोलन का स्वरूप कुछ और ही नजर आएगा। 2010 के विदर्भ आंदोलन ने राजनीतिक स्वरूप धारण किया था। इसलिए आंदोलन में बिखराव हुआ। इस बार आंदोलन गैर राजनीतिक रहेगा। पत्रकार वार्ता में विदर्भ युवक आघाड़ी के अध्यक्ष डॉ. दीपक मुंडे, पश्चिम विदर्भ युवक आघाड़ी के अध्यक्ष प्रदीप धामणकर, अर्थशास्त्री श्रीनिवास खांदेवाले, निवृत्त पुलिस महासंचालक प्रबीर चक्रवर्ती, राम नेवले उपस्थित थे।
विकास का दिखावा
श्री चटप ने कहा कि महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री विदर्भ से होना महत्वपूर्ण नहीं है। विदर्भ राज्य आवश्यक है। यहां विकास का दिखावा किया जा रहा है। िनधि नियोजन के मामले में विदर्भ के जिलों को उपेक्षित रखा गया है। िशवसेना व मनसे पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि मराठी के दो संगठन हो सकते हैं फिर दो राज्य क्यों नहीं।