'गो कोरोना गो' कहने वाले केंद्रीय मंत्री आठवले हुए कोरोना संक्रमित, मुंबई के अस्पताल में भर्ती
केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले कोरोना संक्रमित हो गए हैं। उन्हें मुंबई के अस्पताल में भर्ती कराया गया है। आठवले ने भी इसकी पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि मैं कोरोना पॉजिटिव हो गया हूं। मेरे संपर्क में आने वाले लोग सतर्कता बरतते हुए कोरोना जांच करा लें।
मुंबई, आइएएनएस। 'गो कोरोना गो' कहने वाले केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले कोरोना संक्रमित हो गए हैं। उनके कार्यालय ने यह जानकारी मंगलवार को दी। उन्हें मुंबई के अस्पताल में भर्ती कराया गया है। आठवले ने भी इसकी पुष्टि की है।
आठवले ने कहा- मेरे संपर्क में आने वाले लोग सतर्कता बरतें
उन्होंने कहा कि मैं कोरोना पॉजिटिव हो गया हूं। मुझे कुछ दिनों के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मेरे संपर्क में आने वाले लोग सतर्कता बरतते हुए कोरोना जांच करा लें। सभी सुरक्षित और स्वस्थ्य रहें। वहीं सोमवार को आठवले की मौजूदगी में रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया की सदस्यता लेने वाली अभिनेत्री पायल घोष ने कोरोना जांच रिपोर्ट के आने तक खुद को क्वारंटाइन कर लिया है। उन्होंने आठवले के शीघ्र स्वस्थ्य होने की कामना की।
कोरोना के खिलाफ शरीर में विकसित होने वाली एंटीबॉडी कुछ समय बाद कमजोर होने लगती है
शोधकर्ताओं का दावा है कि कोरोना संक्रमण के खिलाफ शरीर में विकसित होने वाली एंटीबॉडी कुछ समय बाद कमजोर होने लगती है। इस प्रकार व्यक्ति के दोबारा संक्रमित होने की आशंका बनी रहती है। ऐसे में जरूरी है कि कोरोना वायरस से सुरक्षा के लिए जारी गाइडलाइन का अनुपालन तत्परता से करते रहें, भले ही आपके शरीर में कभी एंटीबॉडी पाई गई हो।3.65 लाख लोगों पर अध्ययन इंपीरियल कॉलेज, लंदन के शोधकर्ताओं ने ब्रिटेन के 3.65 लाख लोगों पर अध्ययन किया। इस दौरान उन्होंने पाया कि कोविड-19 को मात देने वाली शरीर की एंटीबॉडी कुछ महीने बाद कमजोर पड़ने लगती है।
ठंड के दिनों में मौसमी वायरस पांव पसारता है
अध्ययन में शामिल वायरोलॉजिस्ट प्रो. वेंडी बार्कलेय कहते हैं कि ठंड के दिनों में मौसमी वायरस पांव पसारता है। इससे सर्दी-खांसी होती है। यह वायरस छह महीने या साल भर बाद दोबारा संक्रमित कर सकता है। कोरोना वायरस की प्रवृत्ति भी कुछ ऐसी ही लगती है।
क्या है एंटीबॉडी
यह शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली का अहम हिस्सा है जो कोशिकाओं में वायरस के प्रवेश को रोकती है। शोधकर्ताओं ने पाया कि जिन लोगों में जांच के दौरान एंटीबॉडी पाई गई थी, जून व सितंबर के दौरान उनमें 26 फीसद तक की गिरावट दर्ज की गई।