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पेट्रोल-डीजल बढ़ती कीमतों से परेशान व्‍यक्ति बाइक छोड़ घोड़े पर हुआ सवार, अब इसी से जाता है आफिस

महाराष्ट्र के औरंगाबाद में एक फार्मेसी कॉलेज में प्रयोगशाला सहायक के रूप में काम करने वाले यूसुफ ने पेट्रोल-डीजल की लगातार बढ़ती कीमतों से परेशान होकर घोड़े से आवागमन करना शुरू कर दिया है। औरंगाबाद में पेट्रोल की कीमत 115 रुपये प्रति लीटर को पार कर गई है।

By Babita KashyapEdited By: Published: Mon, 28 Mar 2022 08:07 AM (IST)Updated: Mon, 28 Mar 2022 08:07 AM (IST)
औरंगाबाद में एक व्‍यक्ति पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों से परेशान हो घोड़े से कार्यस्‍थल तक जाता है

औरंगाबाद, पीटीआइ/एएनआइ। पेट्रोल-डीजल की लगातार बढ़ती कीमतों से परेशान एक व्‍यक्ति ने आवागमन के लिए पुराने जमाने को तरीका इस्‍तेमाल करते हुए अपने कार्यस्‍थल तक घोड़े से आना-जाना शुरू कर दिया है। दरअसल कोविड महामारी के कारण वह सार्वजनिक वाहन का प्रयोग करने की बजाय अपनी मोटरसाइकिल से आवागमन करता था लेकिन अब लगातार बढ़ रहे पेट्रोल के दाम की वजह से वह इसका खर्च नहीं उठा पा रहा है ऐसे में महाराष्ट्र के एक फार्मेसी कॉलेज में प्रयोगशाला सहायक के रूप में काम करने वाला यह व्यक्ति हर रोज घोड़े पर बैठकर अपने कार्यस्थल पर जाता है।

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औरंगाबाद में डीजल की कीमत 100 रुपये प्रति लीटर से कुछ पैसे कम है, जबकि पेट्रोल की कीमत 115 रुपये प्रति लीटर को पार कर गई है। रविवार को पेट्रोल की कीमत में 50 पैसे प्रति लीटर और डीजल में 55 पैसे की बढ़ोतरी की गई, एक हफ्ते से भी कम समय पहले दैनिक मूल्य संशोधन फिर से शुरू होने के बाद से दरों में कुल वृद्धि 3.70-3.75 रुपये प्रति लीटर हो गई।

प्रतिदिन 30 किमी की यात्रा घोड़े से करते हैं पूरी

शेख ने बताया कि अब वह रोजाना 30 किमी (घर और कार्यस्थल के बीच) घोड़े से यात्रा करता है और घरेलू सामान और पारिवारिक कार्यों के लिए घोड़े पर भी जाता है। युसूफ ने कहा, ''घोड़े से यात्रा करना मोटरसाइकिल से यात्रा करने की तुलना में निश्चित रूप से सस्ता है। इसके अलावा, मोटरसाइकिल पर यात्रा करते समय, हम बस इधर-उधर घूमते हैं क्योंकि इसे शुरू करने के लिए केवल एक किक की आवश्यकता होती है, लेकिन घोड़े का उपयोग करके यात्रा करते समय हम इसके स्वास्थ्य और अपने स्वास्थ्य दोनों के ही बारे में चिंतित हैं।

मुझे देखकर खुश होते हैं बच्‍चे

घोड़े से कार्यस्‍थल जाने वाले यूसुफ ने बताया कि कभी-कभी, जब मैं अपने घोड़े पर सवार होता हूं, तो महंगी कारों में यात्रा करने वाले बच्चे मुझे देखकर हाथ हिलाते हैं तो मुझे बहुत खुशी होती है। यूसुफ ने बढ़ती कीमतों पर चिंता जाहिर करते हुए यह भी कहा कि विभिन्न वस्तुओं की बढ़ती कीमतों को तभी नियंत्रित किया जा सकता है जब ईंधन की कीमतें कम हों।

यूसुफ ने बताये घुड़सवारी के फायदे

यूसुफ पेशे से लैब असिस्टेंट हैं और वे फार्मेसी में नौकरी करता है। यूसुफ अपनी पुरानी बाइक बेचकर 40 हजार में एक घोड़ा खरीदा है। उन्होंने घोड़े का नाम जिगर रखा। शेख ने कहा कि घोड़ा रखना बहुत सस्ता है। इसे चलाने के लिए किसी लाइसेंस की आवश्यकता नहीं है। इसके लिए न तो इसका बीमा कराना होता है और न ही किसी प्रदूषण प्रमाण पत्र की जरूरत होती है। बस घोड़े को घास खिलाओ और उसकी सवारी करो। इसमें हेलमेट पहनने पर कोई पाबंदी नहीं है। घुड़सवारी मानव स्वास्थ्य के लिए भी अच्छी होती है।


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