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Mumbai : डब्बावालों समेत इन लोगों को भी मिली मुंबई लोकल ट्रेन में यात्रा की अनुमति

मुंबई के डब्बावाले विदेशी दूतावास और उच्‍च आयोग के कर्मचारियों को भी आवश्यक सेवाओं के कर्मचारियों के लिए ही चलाई जा रही लोकल ट्रेनों में यात्रा करने की अनुमति दे दी गयी है। लॉकउाउन के कारण डब्‍बावाले साइकिलों के जरिये खाना पहुंचा रहे थे।

By Babita kashyapEdited By: Published: Wed, 07 Oct 2020 02:33 PM (IST)Updated: Wed, 07 Oct 2020 03:05 PM (IST)
लोकल ट्रेनों में यात्रा करने की अनुमति मिलने पर डब्‍बावालों ने जतायी खुशी

मुंबई, पीटीआइ। कोरोना लॉकउाउन की मार झेल रहे मुंबई के डब्बावालों के लिए अच्‍छी खबर है। मुंबई के  डब्बावालेें, विदेशी दूतावास और उच्‍च आयोग के कर्मचारियों को आवश्यक सेवाओं के कर्मचारियों के लिए ही चलाई जा रही लोकल ट्रेनों में यात्रा करने की अनुमति दी गयी है।  

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 मुंबई के कार्यालयों में काम कर रहे लोगों को समय से उनका खाने का टिफिन पहुंचाने वाले मुंबई के डब्बावाले बीते 130 सालों से लोगों को ये टिफिन सेवा दे रहे हैं। उनका कहना है कि इतने लंबे इतिहास में आज तक ऐसा नहीं हुआ जो छह महीने का ब्रेक मिला हो। इस सेवा को फिर से पूरी क्षमता के साथ शुरु करने के लिए उन्‍होंने आवश्यक सेवाओं के कर्मचारियों के लिए ही चलाई जा रही लोकल ट्रेनों में यात्रा करने की अनुमति मांगी थी। वर्तमान में, COVID-19 प्रतिबंधों के मद्देनजर, डब्बावालेेंं जो अपनी साइकिलों पर दक्षिण मुंबई क्षेत्र तक खाना पहुंचा रहे थे उन्‍होंने लोकल ट्रेनों में यात्रा की अनुमति मिलने पर खुशी जतायी है।  

 पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी सुमित ठाकुर ने कहा कि 30 सितंबर को महाराष्ट्र सरकार द्वारा जारी किए गए अनलॉक दिशा-निर्देशों के आधार पर, उन्होंने डब्बावालों को स्थानीय ट्रेनों में यात्रा करने की अनुमति दी है। रेल मंत्रालय से प्राप्त निर्देशों के अनुसार, विदेशी वाणिज्य दूतावासों और उच्च आयोगों के कर्मचारियों को भी लोकल ट्रेनों में यात्रा करने की अनुमति दी गई है।"

गौरतलब है कि महानगर में 5,000 से अधिक डब्बावाले टिफिन डिलीवरी का कारोबार चलाते हैं। COVID-19 के प्रकोप से पहले, वे सामान्य कामकाजी दिनों में कार्यालय जाने वालों को दो लाख से अधिक टिफिन वितरित करते थे। वे समय पर गंतव्य पर वितरित किए जाने वाले लंच बॉक्स को सुनिश्चित करने के लिए उपनगरीय ट्रेनों का उपयोग करते हैं।

मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी शिवाजी सुतार ने कहा कि लोकल ट्रेनों में यात्रा करने के लिए राज्य सरकार द्वारा जारी क्यूआर-कोडेड आईडी उनके लिए अनिवार्य होगा, लेकिन डब्बावालों ने अनुरोध किया है कि उन्हें अपने पहचान पत्र पर यात्रा करने की अनुमति दी जाए। शिवाजी सुतार का कहना है कि "अगर महाराष्ट्र सरकार उनकी मांग पर सहमत होती है, तो हम उन्हें उनके आईडी कार्ड पर यात्रा करने की अनुमति देंगे।" 

मुंबई डब्बावाला एसोसिएशन के प्रवक्ता सुभाष तालेकर ने लोकल ट्रेन में यात्रा करने की अनुमति दिए जाने पर खुशी जतायी है। तालेकर ने कहा, आखिरकार छह महीने से अधिक समय के बाद, हम अपनी सेवा फिर से शुरु कर सकते हैं,"  अब हम अपने ग्राहकों से संपर्क करेंगे और उनसे टिफिन सेवा को फिर से शुरु करने का अनुरोध करेंगे। हालांकि, वह COVID-19 महामारी के बीच पूरी क्षमता में सेवाओं को फिर से शुरु करने को लेकर संशय में हैं।

"महामारी से पहले, हर डब्बावाले के पास औसतन 20 से 22 ग्राहक थे। सभी ग्राहक तुरंत सेवा को फिर से शुरु करेंगे इस पर मुझे संदेह है क्योंकि कई लोग अभी भी घर से काम कर रहे हैं।" एक अन्य मुद्दा यह भी है कि कई हाउसिंग सोसायटी अभी भी बाहरी लोगों को परिसर में नहीं जाने दे रही हैं। तालेकर ने कहा कि डब्बावालों ने शुरु में चार से पांच ग्राहकों के साथ भी टिफिन की डिलीवरी शुरु की क्योंकि उन्हें पता है कि चीजों को सामान्य करने में कुछ समय लगेगा।


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