इंटरपोल और मुंबई पुलिस की सूझबूझ से बची छात्र की जान, अमेरिकी वेबसाइट पर आत्महत्या के तरीके खोज रहा था युवक
अमेरिका से इंटरपोल के अलर्ट और मुंबई पुलिस की तुरंत कार्रवाई से पुणे में एक परिवार का चिराग बुझने से बच गया। विदेश से प्राप्त जानकारी के आधार पर मुंबई पुलिस को पुणे में आत्महत्या की कगार पर खड़े मेडिकल छात्र की जान बचाने में सफलता मिली है। File Photo
फैजान खान, मुंबई। अमेरिका से इंटरपोल के अलर्ट और मुंबई पुलिस की तुरंत कार्रवाई से पुणे में एक परिवार का चिराग बुझने से बच गया। विदेश से प्राप्त जानकारी के आधार पर मुंबई पुलिस को पुणे में आत्महत्या की कगार पर खड़े मेडिकल छात्र की जान बचाने में सफलता मिली है। अमेरिका, मुंबई और पुणे तक फैले इस घटनाक्रम की शुरुआत तब हुई, जब मुंबई अपराध शाखा को इंटरपोल से पुणे में होम्योपैथिक की स्नातक स्तर की पढ़ाई कर रहे छात्र के अवसाद में होने की जानकारी मिली। जानकारी मिलते ही मुंबई अपराध शाखा की अपराध इंटेलिजेंस इकाई (सीआईयू) को पुणे रवाना किया गया। इसके बाद छात्र की काउंसलिंग की गई। छात्र व्यक्तिगत और शैक्षणिक कारणों से अवसाद में था।
अमेरिकी वेबसाइट पर मरने का तरीका खोज रहा था छात्र
मुंबई अपराध शाखा के अनुसार, बीएचएमएस प्रथम वर्ष का 22 वर्षीय छात्र अमेरिका की ऑनलाइन वेबसाइट वेटरन्स (Veterans) से अवसाद संबंधी परामर्श ले रहा था। बातचीत के दौरान उसने कहा कि वह मरना चाहता है और उस ने शांतिपूर्ण तरीके से मरने के बारे में पूछताछ की। उस ने करीब साढ़े तीन घंटे तक परामर्शदाताओं से बात की। वह अपनी शिक्षा और निजी जीवन को लेकर बेहद निराश था। परामर्शदाता की सलाह के बावजूद उसकी उद्विग्नता बरकरार रही और वह शांति पूर्ण मौत के लिए दवाओं की पूछताछ करता रहा।
पुलिस ने कॉलेज पहुंचकर छात्र को समझाया
इस पर अमेरिकी वेबसाइट ने संबंधित अधिकारियों के जरिए इंटरपोल को सतर्क किया। इंटरपोल ने मुंबई पुलिस को जानकारी दी। जानकारी मिलने पर पुलिस ने तुरंत एक टीम पुणे भेजी। इस बीच सीआईयू की दूसरी टीम ने संबंधित व्यक्ति के मोबाइल नंबर सहित अन्य जानकारी जुटाई। जानकारी मिलने पर टीम तुरंत छात्र के कॉलेज पहुंची। कॉलेज पहुंचकर सीआईयू टीम ने अस्पताल के डीन कार्यालय में छात्र को समझाया। उसके परिवार को भी स्थिति से अवगत करवाया गया। परिजनों के अनुसार, नीट परीक्षा के दौरान छात्र तनाव का सामना कर रहा था, लेकिन कॉलेज में दाखिल होने के बाद सामान्य था। उसके दोस्तों ने उसके शैक्षणिक दबाव से अवसाद में होने की जानकारी दी।