Maharashtra: जब-जब राष्ट्र पर संकट आया, कांग्रेस ने प्रश्नचिह्न लगाया: स्मृति ईरानी
Smriti Irani. स्मृति ईरानी ने शिवसेना के नेतृत्व में चल रही महाविकास आघाड़ी सरकार पर भी तीखा प्रहार करते हुए उस पर कांग्रेस संस्कृति में लिप्त हो जाने का आरोप लगाया।
राज्य ब्यूरो, मुंबई। Smriti Irani. केंद्रीय वस्त्रोद्योग तथा महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने रविवार को ‘कांग्रेस संस्कृति’ पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि जब-जब राष्ट्र को चुनौती का सामना करना पड़ता है, तब-तब ये ‘कांग्रेस संस्कृति’ राष्ट्र की क्षमता पर प्रश्नचिह्न लगाने लगती है। ईरानी मुंबई में भारतीय जनता पार्टी की ओर से आयोजित एक वर्चुअल रैली को संबोधित कर रही थीं।
स्मृति ने कांग्रेस संस्कृति के बहाने इसके पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को निशाने पर लेते हुए कहा कि ये प्रश्नचिह्न वो लगाते हैं, जो 50 साल में एक नौकरी भी अपने नाम पर नहीं कर पाए हैं। ये वो सज्जन हैं, तो एयर स्ट्राइक होने पर भारत की सेना से प्रश्न करते हैं। भारत की सेना से प्रमाण मांगते हैं। ये वो पार्टी है, जो पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में हिंदू, जैन, सिख, ईसाई, पारसी और जैन के प्रताड़ित होने पर जब संसद में चर्चा होती है, तो उसका विरोध करती है। ये वो परिवार है, जो तब आवाज उठाता है, जब अनुच्छेद 370 हटाने का निर्णय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लेते हैं और उसकी चर्चा होती है देश की संसद में। ये वो निर्लज्ज लोग हैं, जो भारत के संविधान और संसद पर यह कहकर प्रश्नचिह्न लगाते हैं कि क्या भारत की संसद में इतनी ताकत है कि वह अनुच्छेद 370 हटा दे। स्मृति ने कहा कि दुख होता है यह देखकर कि जब-जब दुश्मन दो-दो हाथ करने की सोचता है, राहुल गांधी उसके समर्थन में बोलते हैं।
पिछले लोकसभा चुनाव में अमेठी संसदीय सीट से राहुल गांधी को पराजित करने वाली स्मृति ईरानी ने बिना उनका नाम लिए कहा कि ये वो सज्जन हैं, जो अब अमेठी छोड़कर वायनाड में स्थापित हैं। वो चुनाव के दौरान मंदिर-मंदिर घूम रहे थे, ताकि फोटो अच्छी आ जाए। उसी दौरान उनके साथी मजाक बना रहे थे कि भाजपा कहती है कि मंदिर वहीं बनाएंगे, लेकिन तारीख नहीं बताएंगे। आज न सिर्फ श्रीराम मंदिर पर सर्वोच्च न्यायालय का फैसला आ चुका है, बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश की सरकार अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनाने का काम शुरू कर चुकी है। ये सब ऐतिहासिक क्षण हम सिर्फ एक साल में देख पाए हैं। क्योंकि जनता ने हमें आशीर्वाद दिया है।
स्मृति ने शिवसेना के नेतृत्व में चल रही महाविकास आघाड़ी सरकार पर भी तीखा प्रहार करते हुए उस पर कांग्रेस संस्कृति में लिप्त हो जाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज के संघर्षशील राज्य में यह कैसी सरकार है, जो प्रश्नचिह्न लगाती है। चीन के साथ खड़ी नजर आती है। पाकिस्तान से दोस्ती की बात करती है।
गांधी परिवार के नेतृत्व में ही चल रहे राजीव गांधी फाउंडेशन पर हमला बोलते हुए स्मृति ईरानी ने कहा कि हाल ही में इससे संबंधित जो तथ्य सामने आए, उन्होंने देश के नागरिकों को झिंझोड़ कर रख दिया है। इसके कर्ता-धर्ता तीन हैं-सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी। यह फाउंडेशन चीनी राजदूता वास से पैसे लेता है। देश का आम नागरिक अपना पेट काटकर जो पैसा प्रधानमंत्री सहायता कोष में जमा करता है, वह पैसा भी यह फाउंडेशन लेता रहा है।
स्मृति के अनुसार, 1991 में जब मनमोहन सिंह वित्तमंत्री थे, तो उन्होंने बजट में घोषणा की कि इस फाउंडेशन को भारत के बजट से 100 करोड़ रुपये दिए जाएंगे। जब मनमोहन के नेतृत्व में संप्रग की सरकार थी, तो भारत सरकार के सात मंत्रालयों व 11 पीएसयू ने भी पैसे दिए इस फाउंडेशन को। मनमोहन को घेरते हुए स्मृति ईरानी ने कहा कि ‘राजनीतिक हफ्ता’ देने का इससे बढ़िया उदाहरण मैंने दूसरा नहीं देखा। स्मृति ने मनमोहन के प्रधानमंत्री के रूप में चयन को भी इसी ‘राजनीतिक हफ्तावसूली’ से जोड़ते हुए कहा कि वह चकित हुई थीं, जब संप्रग सरकार में प्रधानमंत्री के रूप में अचानक मनमोहन सिंह का नाम लिया गया था।