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लद्दाख में स्थिति 1962 जैसी गंभीर: शिवसेना

Shiv Sena सामना में शिवसेना ने कहा कि यह जानते हुए भी कि भारत अब उस समय से शक्तिशाली हो चुका है चीन की घुसपैठ और भूमि पर कब्जा करने की गतिविधि कम नहीं हुई।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Fri, 28 Aug 2020 06:42 PM (IST)Updated: Fri, 28 Aug 2020 06:42 PM (IST)
लद्दाख में स्थिति 1962 जैसी गंभीर: शिवसेना
लद्दाख में स्थिति 1962 जैसी गंभीर: शिवसेना

मुंबई, एएनआइ। शिवसेना ने कहा है कि लद्दाख में वर्तमान स्थिति 1962 के जितनी ही गंभीर है। शिवसेना ने भारत-चीन के बीच हुए युद्ध की ओर इशारा करते हुए इस बात पर जोर दिया कि भारतीय सेना इतिहास दोहराने नहीं देगी। अपने मुखपत्र सामना में शिवसेना ने कहा है कि यह जानते हुए भी कि भारत अब उस समय से कहीं ज्यादा शक्तिशाली हो चुका है, चीन की घुसपैठ और भूमि पर कब्जा करने की गतिविधि कम नहीं हुई है। संपादकीय में कहा गया है कि चीनी ड्रैगन की कार्रवाई नहीं रुकी है और ना ही उसके इरादे में बदलाव आया है। चीन और भारत की सेनाएं बातचीत कर सकती हैं, लेकिन लद्दाख सीमा पर दोनों देशों के हथियार एक-दूसरे की तरफ तने हुए हैं। भारत कहता है कि चीन लद्दाख से पीछे हटे, जबकि चीन कह रहा है कि भारत ही पहले 'फिंगर फोर' से अपनी सीमा की ओर लौटे।

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शिवसेना ने कहा कि आज का भारत 1962 के जैसा नहीं है। यह उस समय से कहीं ज्यादा ताकतवर है। इस बात को जानते हुए चीनी घुसपैठ और भूमि कब्जा में कमी नहीं आई है। भारतीय सेना 1962 का इतिहास दोहराने नहीं देगी। लद्दाख में वर्तमान स्थिति वैसी ही है जैसी 1962 में थी। हम इससे इन्कार नहीं कर सकते। 

गौरतलब है कि इससे पहले कांग्रेस में पूर्णकालिक अध्यक्ष बनाने के लिए सोनिया गांधी को पत्र लिखने वाले 23 नेताओं की शिवसेना ने कड़ी आलोचना की थी। शिवसेना ने कहा था कि यह राहुल गांधी के नेतृत्व को खत्म करने की साजिश है। शिवसेना के मुखपत्र सामना में प्रकाशित संपादकीय में कहा गया था कि जब भाजपा राहुल गांधी पर हमला कर रही थी, तब ये नेता कहां थे? जब अंदरूनी लोग ही राहुल गांधी के नेतृत्व को खत्म करने की साजिश में लगे हुए हैं, तो पार्टी की पराजय निश्चित है। भाजपा भी इस मसले पर कांग्रेस पर निशाना साध चुकी है।


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