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Maharashtra: यूपीए को लेकर टिप्‍पणी पर भड़की कांग्रेस, अशोक चव्हाण बोले - शिवसेना से गठबंधन सिर्फ महाराष्ट्र के लिए

Maharashtra कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक चव्हाण ने कहा कि शिवसेना को अभी संप्रग का हिस्सा बनना है। महाराष्ट्र में इसके साथ हमारा गठबंधन न्यूनतम साझा कार्यक्रम पर आधारित है। इससे एक दिन पहले ही शिवसेना ने संप्रग के विस्तार का सुझाव दिया था।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Sun, 27 Dec 2020 06:26 PM (IST)Updated: Sun, 27 Dec 2020 07:51 PM (IST)
Maharashtra: यूपीए को लेकर टिप्‍पणी पर भड़की कांग्रेस, अशोक चव्हाण बोले - शिवसेना से गठबंधन सिर्फ महाराष्ट्र के लिए
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक चव्हाण बोले, शिवसेना के साथ कांग्रेस का गठबंधन सिर्फ महाराष्ट्र के लिए। फाइल फोटो

मुंबई, प्रेट्र। Maharashtra: शिवसेना की राकांपा प्रमुख शरद पवार को यूपीए का अध्‍यक्ष बनाने पर कांग्रेस भड़क गई है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक चव्हाण ने रविवार को कहा कि शिवसेना संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) का हिस्सा नहीं है और उसके साथ पार्टी का गठबंधन सिर्फ महाराष्ट्र तक सीमित है। पत्रकारों से बात करते हुए महाराष्ट्र के पीडब्ल्यूडी मंत्री चव्हाण ने कहा कि शिवसेना के लिए संप्रग के नेतृत्व पर टिप्पणी करना उचित नहीं है। उल्लेखनीय है कि शिवसेना की अगुआई में महाराष्ट्र में राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और कांग्रेस को मिलाकर महा विकास अघाड़ी सरकार का गठन किया गया है। चव्हाण ने कहा कि शिवसेना को अभी संप्रग का हिस्सा बनना है। महाराष्ट्र में इसके साथ हमारा गठबंधन न्यूनतम साझा कार्यक्रम पर आधारित है। इससे एक दिन पहले ही शिवसेना ने संप्रग के विस्तार का सुझाव दिया था।

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पार्टी नेता संजय राउत ने कहा था कि राकांपा प्रमुख शरद पवार को भी संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी की तरह अन्य पार्टियों का समर्थन हासिल है। इस पर चव्हाण ने कहा कि पवार खुद इन अटकलों को खारिज कर चुके हैं कि वे संप्रग के अगले अध्यक्ष होंगे। संप्रग के घटक दल सोनिया गांधी के नेतृत्व में विश्वास रखते हैं। इसलिए इस मुद्दे पर चर्चा करने की कोई जरूरत ही नहीं है।

गौरतलब है कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद पवार को संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) का अध्यक्ष बनाने की चर्चा एक पखवाड़े में दूसरी बार छेड़ी गई है। पवार के 80वें जन्मदिवस से ठीक पहले भी यह चर्चा उठी थी। अब शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के जरिए पवार का नाम लिए बिना उन्हें संप्रग की 'जमींदारी' सौंपने की वकालत की है। 'सामना' के संपादकीय में शनिवार को जहां कांग्रेसी नेतृत्व वाले संप्रग की कमियां गिनाई गई वहीं पवार की तारीफ में कशीदे काढ़े गए हैं।

संपादकीय के मुताबिक, कांग्रेस के नेतृत्व में 'यूपीए' (संप्रग) की हालत किसी 'एनजीओ जैसी दिख रही है। 'यूपीए' में शामिल दल कौन हैं, और क्या करते हैं? इसको लेकर भ्रम की स्थिति है। 'यूपीए' के सहयोगी दल किसान आंदोलन को गंभीरता से लेते नहीं दिखाई देते। पवार के नेतृत्ववाली राकांपा को छोड़ दें तो 'यूपीए' के अन्य सहयोगी दलों में कोई हलचल नहीं है।

दूसरी ओर, पवार की तारीफ में संपादकीय कहता है कि शरद पवार का एक स्वतंत्र व्यक्तित्व है। उनके अनुभव का लाभ प्रधानमंत्री मोदी सहित दूसरी पार्टियां भी लेती रहती हैं। बंगाल में भाजपा से लड़ रही ममता बनर्जी ने भी हाल में उनसे बात की है। चूंकि महाराष्ट्र की शिवसेनानीत सरकार में कांग्रेस शामिल है। इसलिए सामना ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी की सीधी आलोचना के बजाय सिर्फ संप्रग की कमियां गिनार्ईं। 


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