RSS मानहानि मामले में राहुल गांधी की अर्जी पर फैसला चार मार्च को, 2014 में कांग्रेस नेता ने दिया था बयान
आरएसएस के एक स्थानीय कार्यकर्ता राजेश कुंटे ने 2014 में ठाणे के भिवंडी कस्बे में राहुल गांधी के भाषण को लेकर उनके खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज कराया था। कांग्रेस नेता ने महात्मा गांधी की हत्या में आरएसएस का हाथ होने का आरोप लगाया था।
ठाणे, पीटीआई। कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के एक कार्यकर्ता द्वारा दायर मानहानि मामले की सुनवाई कर रही अदालत ने शनिवार को कहा कि वह चार मार्च को कांग्रेस नेता की व्यक्तिगत पेशी से स्थायी छूट देने की मांग करने वाली अर्जी पर आदेश सुनाएगी।
राहुल ने अदालत से मांगी छूट
बता दें कि राहुल गांधी ने स्वयं को दिल्ली का निवासी और लोकसभा सदस्य होने के आधार पर छूट मांगी है। उन्होंने कहा कि उनकी अनुपस्थिति में भी सुनवाई हो सकती है। उनका प्रतिनिधित्व उनके वकील करेंगे। कांग्रेस नेता के वकील नारायण अय्यर ने न्यायिक मजिस्ट्रेट, प्रथम श्रेणी एलसी वाडिकर के समक्ष छूट देने को लेकर दलील दी।
आरएसएस के एक स्थानीय कार्यकर्ता राजेश कुंटे ने 2014 में ठाणे के भिवंडी कस्बे में राहुल गांधी के भाषण को लेकर उनके खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज कराया था। कांग्रेस नेता ने महात्मा गांधी की हत्या में आरएसएस का हाथ होने का आरोप लगाया था।
RSS की प्रतिष्ठा को धूमिल कर रहे राहुल
राहुल गांधी ने चुनाव प्रचार रैली में कहा था कि आरएसएस के लोगों ने (महात्मा) गांधी को मार डाला था। कुंटे ने दावा किया कि इस बयान के जरिये आरएसएस की प्रतिष्ठा को धूमिल किया गया है।
राहुल की अंतरिम राहत बरकरार
उल्लेखनीय है कि झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस अंबुज नाथ की अदालत में भाजपा के तत्कालीन अध्यक्ष अमित शाह पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के मामले में दाखिल राहुल गांधी की याचिका पर सुनवाई हुई थी। सुनवाई के दौरान अदालत ने दोनों पक्षों को लिखित बहस पेश करने का निर्देश दिया था।
मामले में अगली सुनवाई 17 फरवरी को होगी। हालांकि, अदालत ने इस मामले में राहुल गांधी की अंतरिम राहत की अवधि बढ़ा दी थी।
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