GaneshChturthi 2019: मुख्यमंत्री फडऩवीस के घर विराजे गणपति, परिवार संग की पूजा अर्चना
महाराष्ट्र में हर तरफ गणेशोत्सव की धूम हैं पंडालों और लोगों के घरों में सभी जगह पर्व की रौनक देखने को मिल रही है। गृह मंत्री अमित शाह ने सिद्धिविनायक मंदिर पहुंच पूजा-अर्चना की।
मुंबई, एएनआइ। पूरे देश में विघ्नहर्ता श्री गणेश का उत्सव पूरी तैयरियों के साथ हर्षोल्लास से मनाया जा रहा है, गणेश चतुर्थी के अवसर पर मनाये जाने वाले इस उत्सव में भगवान गणेश की प्रतिमा की स्थापना की जाती है और दस दिनों तक नियमपूर्वक उनकी पूजा अर्चना कर दसवें दिन विसर्जन किया जाता है। महाराष्ट्र में यह पर्व सबसे अधिक धूमधाम से मनाया जाता है। मुंबई में लालबाग के राजा के अदभुत स्वरूप को देखने के लिए भीड़ उमड़ रही है तो वहीं सिद्धिविनायक मंदिर में भी भगवान गणेश के दर्शनों के लिए सुबह से लंबी लाइनें लगी हुई हैं, वहां सुबह गणेश चतुर्थी के दिन होने वाली खास आरती भी की गयी। गृह मंत्री अमित शाह ने आज सिद्धिविनायक मंदिर पहुंच गणेश भगवान का आशीर्वाद लिया।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडऩवीस ने गणेश चतुर्थी के अवसर पर अपनी पत्नी और बेटी के साथ मुंबई में अपने निवास पर विघ्नहर्ता गणपति महाराज की प्रार्थना की।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गणेश चतुर्थी के शुभ अवसर पर सिद्धिविनायक गणपति मंदिर में पूजा-अर्चना कर वहां से प्रस्थान किया।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का मुंबई हवाई अड्डे पर आगमन के बाद पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने स्वागत किया। वह गणेश चतुर्थी के अवसर पर भगवान गणेश के दर्शनों के लिए श्री सिद्धिविनायक गणपति मंदिर और लालबाग जाएंगे।
गणेश चतुर्थी के अवसर पर, महाराष्ट्र सरकार में मंत्री विनोद तावड़े के घर पर जश्न मनाया जा रहा है।
नागपुर में श्री गणेश मंदिर टेकड़ी में गणेश चतुर्थी के शुभ अवसर पर सुबह की पूजा में भाग लेने के लिए बड़ी संख्या में भक्त पहुंचे।
नागपुर के तात्या टोपे नगर में श्री गणेश मंदिर में गणेशचतुर्थी पर पूजा अर्चना करते भक्त।
मुंबई के माटुंगा में जीएसबी सेवा मंडल के पंडाल में गणेशोत्सव की तैयारियां की जा रही हैं, यहां सोने और रत्नों से जडि़त गणपति की मूर्ति की स्थापना की गयी है जिनके दर्शनों के लिए लोग काफी उत्साहित हैं।
गणेश प्रतिमाओं की स्थापना का शुभ मुहूर्त
गणेश चतुर्थी के दिन गणपति की पूजा दोपहर के समय करना शुभ माना जाता है, क्योंकि मान्यता है कि भाद्रपद महीने के शुक्लपक्ष की चतुर्थी को मध्याह्न के समय गणेश जी का जन्म हुआ था। गणेश चतुर्थी पर मध्याह्न काल में अभिजित मुहूर्त के संयोग पर गणेश भगवान की मूर्ति की स्थापना करना शुभ रहेगा। पंचांग के अनुसार अभिजित मुहूर्त सुबह लगभग 11.55 से दोपहर 12.40 तक रहेगा। इसके अलावा पूरे दिन शुभ संयोग होने से सुविधा अनुसार किसी भी शुभ लग्न या चौघड़िया मुहूर्त में गणेश जी की स्थापना कर सकते हैं।
गणेश पूजन की सामग्री
विघ्नहर्ता गणेश की प्रतिमा की घर में स्थापना के लिए सभी विधि विधान के अलावा जिन सामग्री की जरूरत होती है, वो इस प्रकार हैं. शुद्ध जल, दूध, दही, शहद, घी, चीनी, पंचामृत, वस्त्र, जनेऊ, मधुपर्क, चन्दन, रोली सिन्दूर, अक्षत (चावल के दाने), फूल माला, बेलपत्र, दूब, शमीपत्र, गुलाल, आभूषण, सुगन्धित तेल, धूपबत्ती, दीपक, प्रसाद, फल, गंगाजल, पान, सुपारी, रूई, और कपूर।
पूजन विधि
गणेश चतुर्थी के दिन गणपति भगवान की मिट्टी से निर्मित प्रतिमा की देव स्थान पर स्थापना करें, और विधि विधान से गणेश भगवान का पूजन करें। दोनों समय नियमित रूप से आरती करें और भगवान को मोदक का भोग लगाये। अगर किसी कारण आप मूर्ति लाने में असमर्थ हैं तो मायूस न हो आप साबुत सुपारी को भी गणेश जी के स्वरूप के तौर पर स्थापित कर सकते हैं।
व्रत संकल्प, मोदक-दूर्वा का भोग
ज्योतिषाचार्य पं. ऋषि द्विवेदी के अनुसार तिथि विशेष पर सुबह स्नानादि कर 'जन्म जन्मांतर तक पुत्र-पौत्र व धन, जय, यश, ऐश्र्वर्य, प्रभुत्व सभी की अभिवृद्धि के लिए व्रत रहूंगी या रहूंगा।' के साथ व्रत संकल्प लेना चाहिए। गणेश प्रतिमा की स्थापना कर मंत्रोच्चार, ध्यान, आसन, पाद्य, अर्घ्य, आचमन, पंचामृत स्नान, वस्त्र भूषण, यज्ञोपवीत, सिंदूर आदि से पूजा करनी चाहिए। लड्डू, ऋतु फल, दुर्वा आदि नैवेद्य मंत्र संग अर्पित करना चाहिए।