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Maharashtra-Karnataka Border Dispute: महाराष्ट्र और कर्नाटक सीमा विवाद पर तकरार जारी

Maharashtra-Karnataka Border Dispute कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री लक्ष्मण सावदी के बयान के बाद महाराष्ट्र में राजनीति और गरमा गई है। उनके बयान पर शिवसेना नेता संजय राउत ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सावधी को इतिहास समझने की जरूरत है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Thu, 28 Jan 2021 09:02 PM (IST)Updated: Thu, 28 Jan 2021 09:02 PM (IST)
Maharashtra-Karnataka Border Dispute: महाराष्ट्र और कर्नाटक सीमा विवाद पर तकरार जारी
महाराष्ट्र और कर्नाटक सीमा विवाद पर तकरार। फाइल फोटो

मुंबई, राज्य ब्यूरो। Maharashtra-Karnataka Border Dispute: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे द्वारा महाराष्ट्र और कर्नाटक सीमा विवाद पर बुधवार को दिए बयान के बाद इस मुद्दे पर तकरार और तेज हो गई है। उद्धव ने बुधवार को सीमा विवाद पर सर्वोच्च न्यायालय का फैसला आने तक दोनों राज्यों की सीमा पर बसे मराठी भाषी क्षेत्रों को केंद्र शासित क्षेत्र घोषित करने की मांग की थी। इसका जवाब देते हुए कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री लक्ष्मण सावदी ने वीरवार को मुंबई को केंद्र शासित क्षेत्र बनाने की मांग कर दी है। सावदी के बयान के बाद महाराष्ट्र में राजनीति और गरमा गई है। उनके बयान पर शिवसेना नेता संजय राउत ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सावधी को इतिहास समझने की जरूरत है।

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राउत के अनुसार, सावदी को महाराष्ट्र में आकर देखना चाहिए कि यहा रह रहे कन्नड़ भाषी लोग भी सीमा पर बसे मराठी भाषी क्षेत्र का विलय महाराष्ट्र में चाहते हैं। राउत ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि लोग तो बोलते रहते हैं। हमारे ऊपर फर्क नहीं पड़ता। हम मराठी भाषा और संस्कृति बचाने के लिए यह लड़ाई लड़ रहे हैं। सावदी को मुंबई आकर यहां के कन्नड़ भाषी लोगों से बात करनी चाहिए। महाराष्ट्र सरकार यहां के कन्नड़ माध्यम विद्यालयों, पुस्तकालयों व सांस्कृति संगठनों को अनुदान प्रदान करती है। क्या ऐसा बेलगांव में भी होता है?

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने भी इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सब लोग जानते हैं कि यह महानगर महाराष्ट्र में है और हमेशा महाराष्ट्र में ही रहेगा। पवार ने पत्रकारों से बात करते हुए सवाल किया कि सावदी की इस मांग के पीछे क्या तर्क है? हमारे मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे द्वारा की गई मांग का सावदी के बयान से क्या संबंध है? हमारी मांग का तात्पर्य यह है कि जब भी किन्हीं दो राज्यों के बीच इस प्रकार का विवाद खड़ा होता है, तो केंद्र को हस्तक्षेप करके रास्ता निकालना चाहिए। यह रास्ता एकतरफा नहीं होना चाहिए।

दूसरी ओर, राकांपा के प्रदेश प्रवक्ता महेश तपासे ने इस मुद्दे पर महाराष्ट्र के भाजपा नेताओं को घेरने की कोशिश की। उन्होंने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल व विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता देवेंद्र फड़नवीस से सवाल किया कि क्या वह सावदी की मांग से सहमत हैं? क्या वह मुंबई को केंद्र शासित प्रदेश बनाना चाहते हैं? यदि भाजपा के ये नेता महाराष्ट्र के साथ हैं, तो उन्हें सावदी को उचित जवाब देना चाहिए। इस मुद्दे पर भाजपा को अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए।

उधर, सावदी के बाद कर्नाटक के एक और भाजपा विधायक केएस ईश्वरप्पा ने भी इस विवाद में कूदते हुए कहा कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की लोकप्रियता घट रही है। इस कारण वह इस प्रकार के मुद्दे उठा रहे हैं। कर्नाटक की एक और भाजपा विधायक शशिकला जॉली ने भी उद्धव ठाकरे के बयान की आलोचना करते हुए कहा कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री क्या कह रहे हैं? इस प्रकार तो हम भी मुंबई और सोलापुर पर अपना दावा कर सकते हैं। हमें सौहार्द्र पूर्वक रहना चाहिए। यहां बहुत से लोग महाराष्ट्र मूल के रह रहे हैं, उसी प्रकार वहां (मुंबई में) बहुत से लोग कर्नाटक के लोग रह रहे हैं। 


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