Maharashtra: परमबीर सिंह ने तोड़ी चुप्पी, बोले- चंडीगढ़ में हूं, जल्द मुंबई आऊंगा
मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने भगोड़ा अपराधी घोषित होने के बाद आखिरकार बुधवार को चुप्पी तोड़ ही दी। इस मौके पर उन्होंने कहा कि वह इस वक्त चंडीगढ़ में हैं और जल्द ही मुंबई आएंगे।
मुंबई, प्रेट्र। महाराष्ट्र में मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने भगोड़ा अपराधी घोषित होने के बाद आखिरकार बुधवार को चुप्पी तोड़ ही दी। उन्होंने कहा कि वह इस वक्त चंडीगढ़ में हैं और जल्द ही मुंबई आएंगे। महाराष्ट्र में जबरन वसूली के कई मामलों का सामना कर रहे आइपीएस अधिकारी ने कुछ टीवी चैनलों को यह जानकारी दी है। परमबीर से जब यह पूछा गया कि क्या वह (पुलिस या अदालत के सामने) आत्मसमर्पण करेंगे, तो उन्होंने कहा कि इस पर विचार नहीं किया है। आइपीएस अधिकारी बुधवार को टेलीग्राम पर भी आनलाइन नजर आए, लेकिन जल्द ही उन्होंने इस मैसेजिंग एप से अपना अकाउंट डिलीट कर दिया। बता दें कि परमबीर की याचिका पर हाल में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई थी। कोर्ट ने उन्हें गिरफ्तारी से इस शर्त पर राहत दी थी कि वह इस मामले में सहयोग को आगे आएं।
परमबीर के दोनों घरों के बाहर चिपकाया कुर्की का नोटिस
मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह के दो घरों के बाहर मुंबई पुलिस ने भगोड़ा घोषित होने के 30 दिन के अंदर हाजिर होने का नोटिस चस्पा कर दिया है। यह नोटिस वसूली के एक मामले में चस्पा किया गया है। नोटिस में दी गई अवधि के अंदर पुलिस के सामने हाजिर न होने पर उनकी संपत्तियां कुर्क की जा सकती हैं। परमबीर को एक दिन पहले ही सुप्रीम कोर्ट से कुछ राहत मिली थी। सुप्रीम कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगाते हुए अनिल देशमुख मामले में सीबीआइ को सहयोग करने के निर्देश दिया है। लेकिन सोमवार को ही वसूली के एक मामले में मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच ने परमबीर के विले पार्ले और मालाबार हिल्स स्थित दो आवासों पर नोटिस लेकर पहुंच गई। दोनों घरों पर किसी के उपस्थित न होने पर नोटिसें दरवाजे पर चिपकाकर पुलिस लौट गई। यह नोटिस गोरेगांव पुलिस द्वारा उनके खिलाफ दर्ज किए गए एक मामले में चिपकाई गई है। इस मामले में 17 नवंबर को अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपालिटन मजिस्ट्रेट एस.बी.भाजीपाले ने परमबीर सहित दो अन्य आरोपितों को भगोड़ा घोषित करते हुए उन्हें पुलिस के सामने 30 दिन के अंदर हाजिर होने का नोटिस दिया था।
जानें, क्या है मामला
परमबीर द्वारा पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख पर 100 करोड़ प्रतिमाह की वसूली का आरोप लगाने के बाद से अब तक उनके विरुद्ध महाराष्ट्र के विभिन्न थानों में अब तक छह आपराधिक मामले दर्ज किए जा चुके हैं। बता दें कि देशमुख पर आरोप लगने पर राज्य सरकार ने भी इस मामले की जांच के लिए एक सदस्यीय न्यायिक आयोग गठित किया था। परमबीर अब तक इस आयोग के सामने हाजिर नहीं हुए हैं। आयोग उन्हें कई सम्मन देने के बाद दो बार जुर्माना भी लगा चुका है। मुंबई पुलिस उनके विरुद्ध लुकआउट नोटिस भी जारी कर चुकी है। जिस मामले में परमबीर के विरुद्ध नोटिस जारी की गई है, वह मामला एक बिल्डर बिमल अग्रवाल की शिकायत पर दर्ज किया गया है। बिल्डर का आरोप है कि मुंबई पुलिस के बर्खास्त एपीआइ सचिन वाझे ने उससे नौ लाख रुपये की उगाही की थी। उससे 2.92 लाख रुपये के दो स्मार्ट फोन भी जबरन खरिदवाए गए। इस मामले में वाझे के अलावा कुछ ही दिन पहले चर्चा में आया रियाज भाटी भी आरोपित है। राकांपा नेता नवाब मलिक ने रियाज भाटी को माफिया सरगना दाऊद इब्राहिम का साथी बताते हुए उसकी तस्वीरें भाजपा नेताओं के साथ साझा की थीं। जवाब में भाजपा की ओर से भी भाटी की राकांपा, कांग्रेस और शिवसेना नेताओं के साथ कई तस्वीरें जारी कर दी गई थीं।