Mumbai congress अध्यक्ष चुनने के लिए चल रहा ‘ओपीनियन पोल’, अपनाये जा रहे हैं ऑनलाइन व ऑफलाइन तरीके
मुंबई कांग्रेस पिछले करीब डेढ़ साल से कार्यकारी अध्यक्ष के सहारे काम करती आ रही है। अब अध्यक्ष पद के योग्य व्यक्ति की तलाश ओपीनियन पोल से की जा रही है इसके लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों का प्रयोग किया जा रहा है।
मुंबई, ओमप्रकाश तिवारी। करीब डेढ़ साल से खाली पड़े मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष पद के योग्य व्यक्ति की तलाश ओपीनियन पोल से की जा रही है। यह पोल महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रभारी महासचिव एच.के.पाटिल ऑनलाइन एवं ऑफलाइन दोनों तरीके अपनाकर कर रहे हैं। इस प्रक्रिया के तहत जल्दी ही मुंबई कांग्रेस को नया अध्यक्ष मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव एच.के.पाटिल की ओर से पिछले सप्ताह मुंबई के करीब 500 ब्लॉक अध्यक्षों एवं प्रदेश कांग्रेस कमेटी सदस्यों को एक एसएमएस भेजा गया। इसमें कहा गया कि आप मुंबई कांग्रेस के प्रमुख नेता हैं। आज दोपहर दो बजे से पांच बजे के बीच आपको एक महत्त्वपूर्ण फोन आएगा। कृपया उसे ध्यान से सुनें और उसमें बताए गए निर्देशों का पालन करें। धन्यवाद।
गोपनीय रखा जाएगा उत्तर
फिर निर्धारित समय के बीच सदस्यों को यह कहते हुए एक रिकार्डेड संदेश प्राप्त हुआ कि– “नमस्कार। मैं एआईसीसी प्रभारी एच.के.पाटिल बोल रहा हूं। मुंबई कांग्रेस का अध्यक्ष कौन हो, मैं इस महत्त्वपूर्ण मुद्दे पर आपकी राय जानना चाहता हूं। बीप की आवाज सुनने के बाद आप सिर्फ एक नाम बताएं। आपका उत्तर गोपनीय रखा जाएगा।” पाटिल ने इस ऑनलाइन पोल के अलावा मुंबई कांग्रेस के कुछ प्रमुख पदाधिकारियों के साथ व्यक्तिगत बैठक करके भी संबंध में विचार-विमर्श किया है। पता चला है कि इस प्रक्रिया में उनके सामने आठ नाम उभरकर आए हैं। जिन पर जल्दी ही कांग्रेस आलाकमान से चर्चा के बाद निर्णय किया जाएगा।
कार्यकारी अध्यक्ष के सहारे काम करती आ रही है कांग्रेस
बता दें कि मुंबई कांग्रेस पिछले करीब डेढ़ साल से कार्यकारी अध्यक्ष के सहारे काम करती आ रही है। 2019 में हुए लोकसभा चुनाव से कुछ ही पहले संजय निरुपम के यह पद छोड़ने के बाद युवा नेता मिलिंद देवड़ा को अध्यक्ष बनाया गया था। लेकिन लोकसभा चुनाव में मुंबई में कांग्रेस का सूपड़ा साफ होने के बाद मिलिंद देवड़ा ने त्यागपत्र दे दिया था। उसके बाद केंद्रीय नेतृत्व की तर्ज पर मुंबई में भी विधानसभा चुनाव के ठीक पहले बुजुर्ग नेता एकनाथ गायकवाड़ को अंतरिम अध्यक्ष बना दिया गया। लेकिन विधानसभा चुनाव में भी मुंबई में कांग्रेस की स्थिति नहीं सुधर सकी।
तीन महानगरपालिका चुनावों से कांग्रेस की स्थिति लगातार खराब
तब से गायकवाड़ ही मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष पद पर बरकरार हैं। करीब एक साल बाद मुंबई में महानगरपालिका के चुनाव होने जा रहे हैं। पिछले तीन महानगरपालिका चुनावों से कांग्रेस की स्थिति लगातार खराब ही होती जा रही है। नाम न छापने की शर्त पर एक वरिष्ठ नेता कहते हैं कि मुंबई में कांग्रेस का जनाधार मूलतः उत्तर भारतीय, दलितों एवं मुस्लिमों का रहा है। उत्तर भारतीय छिटककर भाजपा के साथ जा चुके हैं। इन्हें वापस लाए बिना कांग्रेस को मजबूत नहीं किया जा सकता।
गायकवाड़ एवं निरुपम पहले भी अध्यक्ष रह चुके हैं
पता चला है कि एच.के.पाटिल के ओपीनियन पोल में जिन आठ नेताओं के नाम सामने आए हैं उनमें अमरजीत मन्हास, भाई जगताप, सुरेश शेट्टी, मोहम्मद आरिफ नसीम खान, मधु चह्वाण, चरणजीत सिंह सप्रा, एकनाथ गायकवाड़ एवं संजय निरुपम के नाम शामिल हैं। गायकवाड़ एवं निरुपम पहले भी अध्यक्ष रह चुके हैं। बता दें कि मुंबई में 1997 से पहले मुंबई महानगरपालिका पर कांग्रेस का कब्जा हुआ करता था। तब मुंबई कांग्रेस के अध्यक्ष दिग्गज नेता मुरली देवड़ा हुआ करते थे। लेकिन एक बार महानगरपालिका में कांग्रेस का दबदबा कम हुआ तो उसका वोट प्रतिशत और सीटें भी लगातार कम होती गईं। 2007 में उसे 26 फीसद मतों के साथ 75 सीटें मिलीं। 2012 में 21 फीसद मतों के साथ 55 सीटें मिलीं। तो 2017 में सिर्फ 16 फीसद मतों के साथ कांग्रेस 31 सीटें ही ला सकी। अब एच.के.पाटिल के सामने चुनौती है एक ऐसा अध्यक्ष देने की, जो मुंबई में कांग्रेस का जनाधार बढ़ाने के साथ-साथ महानगरपालिका चुनाव में उसकी सीटें भी बढ़ा सके।